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नई दिल्ली: दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो ने आज दावा किया कि एयरटेल द्वारा उसे नेटवर्क से उसकी काल जोड़ने की पर्याप्त सुविधा (प्वाइंट आफ इंटरकनेक्ट की सुविधा) नहीं उपलब्ध कराया है जिसके कारण उसके उपयोक्ताओं द्वारा की वाली देश के अंदर लंबी दूरी की दैनिक 2.6 करोड़ यानी 53.4 प्रतिशत फोन काल विफल हो रही हैं। कंपनी का कहना है कि ट्राई के नियमों के अनुसार यह काल ड्रप दर 0.5 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलांयस जियो ने इसके साथ ही प्वाइंट आफ कनेक्शन (पीओआई) के बारे में एयरटेल के दावे ‘भ्रमित’ करने वाला बताया है और कहा है कि वह मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। उल्लेखनीय है कि कॉल कनेक्टिविटी को लेकर रिलायंस जियो व एयरटेल में विवाद चल रहा है। रिलायंस जियो ने एक बयान में दावा किया है कि उसके ग्राहकों की रोजाना 2.6 करोड़ से अधिक यानी 53.4 प्रतिशत एनएलडी काल (एक सर्किल से दूसरे सर्किल में की जाने वाली काल) लग नहीं पा रही हैं जो कि नियमानुसार तय सीमा से कहीं अधिक है। कंपनी ने अपने बयान में एयरटेल के नेटवर्क पर विफल हो रही फोन कॉल व पीओआई का ब्यौरा दिया है। जियो के प्रवक्ता ने पीओआई के बारे में एयरटेल के बयान का भी खंडन किया है और दावा किया है कि वह अपने ‘प्रतिस्पर्धा विरोधी व उपभोक्ता विरोधी’ कदमों से ध्यान भटकाने के लिए ऐसे बयान दे रही है।

नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा किये गये धन की जांच को लेकर स्थिति स्पष्ट करते हुए आयकर विभाग ने आज कहा कि 2.50 लाख रुपये तक की जमा पर कोई सवाल नहीं पूछा जाएगा और केवल उन्हीं खातों की जांच होगी जो उनकी कर रिटर्न से मेल नहीं खाते। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमन सुशील चंद्र ने यहां उद्योग मंडल सीआईआई की बजट बाद संगोष्ठी में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आयकर विभाग ने बिग डेटा विश्लेषण के जरिए विभिन्न प्रकार की जमाओं को अलग-अलग किया है और एक करोड़ रुपये से अधिक राशि की ऐसी जमा जो कि उनके पिछले वर्षों में दाखिल रिटर्न से मेल नहीं खातीं हैं उनकी ‘विभिन्न स्तर पर जांच’ की जायेगी। चंद्र ने कहा, ‘किसी भी सही व्यक्ति को डरने की कोई जरूरत नहीं है। हम सुनिश्चित करेंगे कि ईमानदार का कोई उत्पीड़न नहीं हो।’ उन्होंने कहा कि 8 नवंबर 2016 को घोषित नोटबंदी के बाद बैंकों जमाओं के बारे में विभाग को बड़ी मात्रा में डेटा मिला है। चंद्र ने कहा, ‘हमें जमाओं के बारे में बड़ी मात्रा में डेटा मिला और हमने दो लाख रपये व 80 लाख रपये के बीच तथा 80 लाख रपये व अधिक की जमाओं (से जुड़ी जानकारी) को अलग किया है। जैसा कि प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि हम 2.5 लाख रुपये तक की जमाओं के लिए सवाल नहीं पूछेंगे, इसलिए हमने इस डेटा को फिलहाल अलग रख दिया है।’

नई दिल्ली: केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू) के एक उपक्रम छोड़कर दूसरे उपक्रम अथवा राज्य सरकारों के प्रतिष्ठानों में जाने वाले कर्मचारियों के सेवानिवृति लाभ यथावत बने रहेंगे। लोक उपक्रम विभाग ने यह जानकारी दी है। विभाग ने ‘तकनीकी औपचारिकताओं’ के आधार पर इस्तीफा देने वाले कर्मचारियों के मामले में स्पष्टीकरण जारी करते हुये यह जानकारी दी है। इस मुद्दे को लेकर पिछले कई साल से भ्रम की स्थिति बनी हुई है कि केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारियों के मामले में सेवानिवृति लाभ लेने के लिये तकनीकी औपचारिकता क्या है। विभाग ने अब स्पष्टीकरण जारी करते हुये कहा है कि जहां कोई सीपीएसई कर्मचारी उसी उपक्रम अथवा दूसरे सीपीएसई में उपयुक्त प्रक्रिया से आवेदन करता है और उस पद में उसका चुनाव हो जाने पर उसे प्रशासनिक कारणों से पिछले पद से इस्तीफा देना पड़ता है, ऐसे मामले ‘तकनीकी औपचारिकता उपबंध’ के तहत आते हैं।’ इसमें यह भी कहा गया है कि जिन मामलों में दूसरे कारणों से इस्तीफा दिया गया है अथवा सक्षम प्राधिकरण ने दूसरे पद के लिये कर्मचारी के आवेदन को उचित प्रक्रिया के तहत मंजूरी नहीं दी है, उसे इस्तीफा माना जायेगा और ऐसी स्थिति में कर्मचारी को पिछले सेवा के लाभ उपलब्ध नहीं होंगे। केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों में 2014-15 के दौरान अनुबंधित कर्मचारियों को छोड़कर 12.91 लाख कर्मचारी हैं जबकि 2013-14 में यह संख्या 13.49 लाख थी।

नई दिल्ली: नयी दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो ने देश में महंगी मोबाइल सेवाओं के लिए पुरानी दूरसंचार कंपनियों को जिम्मेदार बताया है। जियो व एयरटेल के बीच जारी विवाद व जुबानी जंग के बीच जियो के प्रवक्ता ने एक बयान में दावा किया है कि पुरानी दूरसंचार कंपनियां, ग्राहकों से अधिक शुल्क वसूल रही हैं। मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली जियो ने एयरटेल पर पलटवार करते हुए कहा है कि जियो पर नि:शुल्क सेवा देने का इल्जाम लगाकर एयरटेल मुख्य मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। कंपनी के एक प्रवक्ता ने बयान में कहा है कि एयरटेल ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) में शिकायत की है कि रिलायंस जियो अपनी सेवाओं की मुफ्त पेशकश से दूरसंचार क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा समाप्त करने की कोशिश कर रही है। बयान में जियो ने इस आरोप का खंडन करते हुए कहा है कि ‘उसके पास अत्याधुनिक आईपी आधारित प्रौद्योगिकी है जिस कारण वह अपने ग्राहकों को नि:शुल्क वायस काल सुविधा दे पा रही है।’ इसके अनुसार रिलायंस जियो अपनी अत्याधुनिक व नयी प्रौद्योगिकी का फायदा निम्न शुल्क दरों के रूप में ग्राहकों का देना चाहती है लेकिन पुरानी कंपनियां उसे रोकने के लिए जुटी हैं। इस बीच दूरंसचार विवाद निपटान एवं अपीलीय न्यायाधिकरण (टीडीसैट) ने रिलायंस जियो की मुफ्त पेशकश पर भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) से स्पष्टीकरण मांगा है।

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