ताज़ा खबरें
संभल हिंसा: सपा सांसद बर्क और पार्टी विधायक के बेटे पर मुकदमा
संभल में मस्जिद सर्वे के दौरान भड़की हिंसा:अब तक 4 लोगों की मौत
निज्जर हत्याकांड: कनाडा में चार भारतीयों के खिलाफ सीधे होगा ट्रायल

नई दिल्ली: इस बार का बजट मध्यावधिक मुद्रास्फीति नरम रखने की दृष्टि से अच्छा है और इसे देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक अगले सप्ताह नीतिगत ब्याज दर में 0.25 फीसदी टैक्स की कटौती कर सकता है और उसके बाद दिसंबर तक नीतिगत दर का यही स्तर बनाए रख सकता है। यह बात वित्तीय सेवा कंपनी नोमूरा की एक रिपोर्ट में की गयी है। जापान की वित्तीय सेवा कंपनी नोमुरा के अनुसार हालांकि रिजर्व बैंक आठ फरवरी को नीतिगत दर में कटौती कर सकता है लेकिन तेल की उंची कीमत और विदेशों में ब्याज दरों को उंचा किए जाने के रूझान से वैश्विक कारकों को ध्यान में रखते हुए रिजर्व बैंक के लिए यह फैसला इतना आसान नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘सरकार राजकोषीय मजबूती की राह पर बनी हुई है और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मार्च 2017 के लिये 5 फीसदी के लक्ष्य से कम रहने की संभावना है। इसे देखते हुए हुम हमारा अनुमान है कि फरवरी को रेपो दर 0.25 फीसदी की कटौती के साथ 6.0 फीसदी की जा सकती है।’ इसमें यह भी कहा गया है कि तेल की उंची कीमत, विदेशों में ब्याज दर के स्तर के साथ अंतर कम होने जैसे वैश्विक कारक प्रतिकूल हो रहे हैं, ऐसे में नीतिगत दरों में यह कटौती इतना एक ‘कठिन निर्णय होगा।’ नोमुरा का मानना है कि उसके बाद वृद्धि और मुद्रास्फीति दोनों बढ़ेगी, इसको देखते हुए रिजर्व बैंक 2017 में नीतिगत दर को यथावत रखेगा। केंद्रीय बैंक ने सात दिसंबर को ब्याज दर को यथावत रखा।

साथ ही आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 0.5 फीसदी कम कर 7.1 फीसदी कर दिया। रिजर्व बैंक की अगली मौद्रिक नीति समीक्षा आठ फरवरी को होगी।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख