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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

वाशिंगटन: लुइसियाना प्रांत के दो बार गवर्नर रहे बॉबी जिन्दल का नाम ट्रंप के मंत्रिमंडल के लिए चुने गए उम्मीदवारों की सूची में शामिल है। जिन्दल ऐसे पहले भारतीय-अमेरिकी हैं जिन्हें अमेरिका के किसी राज्य का गवर्नर बनने का मौका मिला। 45 वर्षीय जिन्दल को यदि मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता है तो राष्ट्रपति के मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले वह पहले भारतीय-अमेरिकी होंगे । उन्हें अमेरिकी कांग्रेस के लिए निर्वाचित होने वाले दूसरे भारतीय-अमेरिकी व्यक्ति होने का गौरव भी प्राप्त है। वाल स्ट्रीट जर्नल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्री के पद के लिए बेन कार्सन के साथ जिंदल के नाम पर विचार किया जा रहा है । उनका नाम ‘पॉलिटिको’ की सूची में भी शामिल है । हालांकि ट्रंप प्रशासन के संभावित मंत्रिमंडल सदस्यों की ‘बजफीड’ की सूची में उनका नाम शामिल नहीं है । कार्सन और जिन्दल दोनों ही राष्ट्रपति पद के पूर्व रिपब्लिकन उम्मीदवार हैं । जिन्दल ने जहां दौड़ से हटने के बाद राष्ट्रपति पद के लिए सीनेटर टेड क्रूज का समर्थन किया था, वहीं कार्सन ने डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन किया था । जिन्दल ने खुद को मंत्रिमंडल में जगह मिलने की संभावना के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया।दूसरी ओर, यह लगभग निश्चित है कि कार्सन को मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी। ट्रंप ने विगत में संकेत दिया था कि स्वास्थ्य मंत्री पद के लिए कार्सन उनकी पहली पसंद होंगे। जिन्दल बुश प्रशासन में स्वास्थ्य एवं मानव सेवा मंत्री रह चुके हैं ।

वॉशिंगटन: अमेरिका के राज्य विधानसभा चुनाव में कम से कम तीन भारतीय अमेरिकी प्रतिनिधियों की जीत हुई है। अमेरिका में विधानसभा चुनाव इस सप्ताह आम चुनाव के साथ ही हुआ था। सैन जोस के पाषर्द अश कालरा कैलिफोर्निया जिले की 27वीं विधानसभा से चुनाव जीत गये हैं। उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी से अपनी जीत दर्ज की। कालरा कैलिफार्निया विधानसभा से चुनाव जीतने वाले पहले प्रतिनिधि हैं। उन्हें कुल 52.4 प्रतिशत मत मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंदी को मात्र 47.46 प्रतिशत लोगों का समर्थन मिला। वह सैन जोस के पार्षद बनने वाले पहले भारतीय अमेरिकी भी हैं ओहियो के 42वीं विधानसभा से 25 वर्षीय नीरज अटानी ने फिर से जीत दर्ज की है। उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी से चुनाव लड़ा था। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी को 25 प्रतिशत से ज्यादा मतों से शिकस्त दी। अटानी ने कहा, भारतीय अमेरिकी प्रतिनिधि के तौर पर मुझे ओहियो विधानसभा से फिर से जीतने की उम्मीद थी। मैं अमेरिकियों के सपनों के लिए अपनी लड़ाई जारी रखूंगा। इसी प्रकार नार्थ कैरोलिना से जय चौधरी ने राज्य विधानसभा में फिर से अपनी जीत दर्ज की। वह डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार थे और वह करीब 30 प्रतिशत मतों से विजयी हुये। चौधरी के माता-पिता 1972 में फयेन्टविले में आकर बस गये थे। उनके पिता यहां अस्पताल में काम करते थे। प्रमिला मलिक और नील कखीजा को न्यूयॉर्क और पेंसिल्वेनिया में हार मिली। मुदिता भार्गव भी कनेक्टिकट विधानसभा से पराजित हो गयीं।

वॉशिंगटन: हिलेरी क्लिंटन ने राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के हाथों मिली हार के लिए एफबीआई को जिम्मेदार ठहराया है। हिलेरी ने दावा किया है कि उनके ईमेल खातों की जांच दोबारा शुरू करने के एजेंसी के फैसले ने उन्हें ऐतिहासिक जीत की ओर ले जा रही रफ्तार को खत्म कर दिया। हिलेरी ने कल एक सम्मेलन के दौरान वित्त पोषकों और दानदाताओं से कहा, ‘इस चुनाव के सफल न होने के कई कारण हैं। हमारा विश्लेषण यह है कि कोमी के पत्र में उठाए गए संशयों ने हमारी रफ्तार को रोक दिया। हालांकि वे संशय आधारहीन ही साबित होने थे।’ हिलेरी ने कहा कि जब तक एफबीआई के निदेशक जेम्स कोमी ने कांग्रेस के नेतृत्व को पत्र लिखकर यह नहीं कहा था कि उन्होंने ईमेल स्कैंडल में जांच दोबारा शुरू कर दी है, तब तक हमारे (हिलेरी के) अभियान को जीत मिल रही थी। चुनाव के ठीक दो दिन पहले एफबीआई ने एक बार फिर कांग्रेस के नेतृत्व को यह पत्र भेजा कि उसे उन 6.5 लाख ईमेलों की जांच में कुछ नया नहीं मिला है। यह इन ईमेलों की प्रारंभिक जांच थी। ये ईमेल एजेंसी को हिलेरी की एक सहयोगी हुमा आबेदीन के लैपटॉप से मिले थे, जिसे उन्होंने अपने से अलग रह रहे पति एंथनी वीनर के साथ साझा किया था। पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी (69) ने कहा कि दूसरे पत्र ने हालांकि उन्हें क्लीनचिट दे दी थी लेकिन चूंकि इससे ट्रंप के समर्थकों को नई उर्जा मिल गई, इसलिए इस पत्र से हमें कहीं ज्यादा नुकसान हुआ।

पोर्टलैंड: अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन का सिलसिला जारी है। इस दौरान ओरेगन राज्य के पोर्टलैंड शहर में एक प्रदर्शनकारी से उलझने वाले शख्स को एक व्यक्ति ने गोली मार दी। पोर्टलैंड पुलिस ने बताया कि उस व्यक्ति को अस्पताल ले जाया गया और उसका जख्म जानलेवा नहीं है। पुलिस ने कहा कि वह गोली मारने वाले व्यक्ति की तलाश में है, जो विलियमेट नदी के एक पुल पर आज सुबह हमला करने के बाद अपनी गाड़ी में फरार हो गया। पुलिस ने ट्विटर पर बताया कि इस वारदात से पहले शनिवार शाम लोगों ने हिंसक प्रदर्शन किए, जिसके जवाब में पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। सैकड़ों लोगों ने शहर में रैली निकाली, जिससे यातायात प्रभावित हुआ। लोगों ने भित्ति चित्र भी बनाए।

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