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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आज (बुधवार) भारत की सीमा से लगे पंजाब प्रांत में रणनीतिक महत्व वाले एक स्थान पर चल रहे सैन्य अभ्यास का मुआयना किया और चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि उनका देश अपने दुश्मनों के किसी भी लालसापूर्ण और लापरवाही वाले कदम का मुंहतोड़ जवाब देगा। शरीफ ने भारत और पाकिस्तान में बढ़ते तनाव के बीच पंजाब में बहावलपुर के खरपुर तामेवाली में सैन्य अभ्यास के समापन के मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘सैन्य अभ्यास राद उल बर्क ने साबित किया है कि पाकिस्तान अपने दुश्मनों के किसी भी लालसापूर्ण और लापरवाही वाले कदम का मुकाबला करने के लिए तैयार है।’ उन्होंने कहा, ‘ये अभ्यास राष्ट्रीय सुरक्षा पर किसी भी खतरे का जवाब देने के लिए हमारे सशस्त्र बलों की तैयारी को झलकाते हैं।’ शरीफ के मुताबिक कोई देश अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा पर आने वाले खतरों को लेकर बेसुध नहीं रह सकता। अधिकारियों के अनुसार प्रधानमंत्री शरीफ इस समारोह के मुख्य अतिथि थे जिसमें प्रभावशाली सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ, चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी जनरल रशद महमूद और तीनों सेना प्रमुखों ने भी भाग लिया। सैन्य अभ्यास के दौरान जेएफ-17 थंडर लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर गनशिप और अल-खालिद टैंकों ने जमीन पर निर्धारित लक्ष्यों पर निशाना साधा। कुछ दिन पहले ही नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास सात पाकिस्तानी जवान मारे गये थे।

लंदन: पाकिस्तान के गृहमंत्री चौधरी निसार खान का कहना है कि भारत का प्रभुत्ववादी रूख और आक्रामक मुद्रा क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए खतरा है और विश्व समुदाय से कहा कि वह दक्षिण एशिया को भारत के चश्मे से देखना बंद करे। ब्रिटिश राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सर मार्क लयाल ग्रांट के साथ बैठक में ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेजा मे से मुलाकात करने वाले निसार ने कहा कि पाकिस्तान अपने सैनिकों की निर्मम और बिना उकसावे की हत्या का बदला लेने का अपना अधिकार सुरक्षित रखे हुए है। एआरवाई न्यूज ने निसार के हवाले से बताया, ‘भारत का प्रभुत्ववादी रूख और आक्रामक मुद्रा क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए खतरा है।’ उन्होंने कहा कि इस तरह के दांवपेच से पाकिस्तान को दबाया नहीं जा सकता और उनका देश अपने सैनिकों की बिना उकसावे की हत्या का बदला लेने का अपना अधिकार सुरक्षित रखता है। निसार ने कहा कि विश्व समुदाय, खास कर पाकिस्तान के दोस्तों को क्षेत्र में भारतीय दुराग्रह पर ध्यान केन्द्रित करना और उसपर प्रतिक्रिया करनी चाहिए। पाकिस्तानी गृहमंत्री ने कहा, दुनिया और हमारे दोस्तों को पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय मंसूबों का काट करने के लिए ज्यादा प्रयास करने की जरूरत है और उन्हें दक्षिण एशिया को भारत के चश्मे से देखना बंद करना चाहिए।

काठमांडो: नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड ने यहां चीन के नये राजदूत के साथ बैठक में एक चीन की नीति पर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। इस दौरान राष्ट्रपति शी जिनफिंग की प्रस्तावित यात्रा पर भी चर्चा की गई। सूत्रों ने कहा कि बालूवतार में अपने आधिकारिक आवास पर राजदूत यू हांग से मिलने वाले प्रचंड ने शी की नेपाल की प्रस्तावित यात्रा के संबंध में विषयों पर चर्चा की। हालांकि यात्रा की तारीख अभी तय नहीं है। शी के अक्टूबर में नेपाल की यात्रा पर आने की संभावना थी लेकिन उन्होंने यह यात्रा रद्द कर दी थी। यात्रा रद्द होने का कारण स्थानीय मीडिया ने नेपाल के भारत समर्थित रूख को बताया था। प्रचंड ने सत्ता की बागडोर केपी शर्मा ओली से संभाली थी जिन्हें चीन समर्थक के रूप में देखा जाता था। चीन के नये राजदूत के साथ बैठक के दौरान कल प्रचंड ने विकास कार्यों तथा भूकंप के बाद पुनर्निर्माण में चीन के समर्थन पर आभार जताया।

लाहौर: पाकिस्तान की सरकार ने 100 से ज्यादा तुर्की शिक्षकों एवं उनके परिवार वालों को 20 नवंबर तक पाकिस्तान छोड़ देने को कहा है। स्पष्ट रूप से यह कदम तुर्की राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोआन को खुश करने के लिए उठाया गया है, जो दो दिवसीय यात्रा पर आज इस्लामाबाद आ रहे हैं। गृह मंत्रालय के अनुसार, पाकिस्तानी-तुर्क स्कूलों के शिक्षकों को अपने परिवारवालों के साथ तीन दिन के अंदर देश छोड़ने के लिए कहा गया है। देश में करीब 108 तुर्क शिक्षक पाकिस्तानी-तुर्क स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। एर्दोआन प्रशासन के अनुरोध पर शिक्षकों और उनके परिवारवालों को वीजा विस्तार देने से मना कर दिया गया है क्योंकि ये स्कूल अमेरिका में रह रहे मौलवी फतहुल्लाह गुलेन की ओर से चलाए जा रहे थे, जिन्हें एर्दोआन ने जुलाई में विफल रहे सैन्य तख्तापलट के लिए दोषी ठहराया है। पाकिस्तानी-तुर्क स्कूल प्रशासन ने सरकार के इस निर्णय पर खेद जताया है। ऐसा माना जा रहा है कि यह कदम दबाव में उठाया गया है।

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