वॉशिंगटन: हिलेरी क्लिंटन ने राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के हाथों मिली हार के लिए एफबीआई को जिम्मेदार ठहराया है। हिलेरी ने दावा किया है कि उनके ईमेल खातों की जांच दोबारा शुरू करने के एजेंसी के फैसले ने उन्हें ऐतिहासिक जीत की ओर ले जा रही रफ्तार को खत्म कर दिया। हिलेरी ने कल एक सम्मेलन के दौरान वित्त पोषकों और दानदाताओं से कहा, ‘इस चुनाव के सफल न होने के कई कारण हैं। हमारा विश्लेषण यह है कि कोमी के पत्र में उठाए गए संशयों ने हमारी रफ्तार को रोक दिया। हालांकि वे संशय आधारहीन ही साबित होने थे।’ हिलेरी ने कहा कि जब तक एफबीआई के निदेशक जेम्स कोमी ने कांग्रेस के नेतृत्व को पत्र लिखकर यह नहीं कहा था कि उन्होंने ईमेल स्कैंडल में जांच दोबारा शुरू कर दी है, तब तक हमारे (हिलेरी के) अभियान को जीत मिल रही थी। चुनाव के ठीक दो दिन पहले एफबीआई ने एक बार फिर कांग्रेस के नेतृत्व को यह पत्र भेजा कि उसे उन 6.5 लाख ईमेलों की जांच में कुछ नया नहीं मिला है। यह इन ईमेलों की प्रारंभिक जांच थी। ये ईमेल एजेंसी को हिलेरी की एक सहयोगी हुमा आबेदीन के लैपटॉप से मिले थे, जिसे उन्होंने अपने से अलग रह रहे पति एंथनी वीनर के साथ साझा किया था। पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी (69) ने कहा कि दूसरे पत्र ने हालांकि उन्हें क्लीनचिट दे दी थी लेकिन चूंकि इससे ट्रंप के समर्थकों को नई उर्जा मिल गई, इसलिए इस पत्र से हमें कहीं ज्यादा नुकसान हुआ।
हालांकि हिलेरी को मिले लोकप्रिय मतों की संख्या ज्यादा है लेकिन निर्वाचक मंडल के 270 वोट जीत लेने के कारण ट्रंप को विजेता घोषित किया गया। हिलेरी के अभियान प्रबंधक रॉबी मूक ने कहा कि पूर्व विदेश मंत्री का राष्ट्रपति चुनाव जीतना तय था लेकिन एफबीआई के दो पत्रों ने स्थिति पलट दी। मूक ने चुनावी हार के लिए तीसरे दल के उम्मीदवार जिल स्टीन को भी जिम्मेदार ठहराया।