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वॉशिंगटन: भारतीय-अमेरिकी डेमोक्रेट राजा कृष्णमूर्ति ने आज एल्महर्स्ट से पूर्व मेयर एवं रिपब्लिकन पार्टी के पीटर डिसियान्नी को शिकस्त देकर इलिनोइस से अमेरिकी कांग्रेस का चुनाव जीत लिया। कृष्णमूर्ति (43) ने आठवें कांग्रेशनल डिस्ट्रिक्ट शिकागो क्षेत्र की अमेरिकी प्रतिनिधि सभा सीट के लिए जीत दर्ज की। इलिनोइस की अमेरिकी सीनेट सीट के लिए टैमी डकवर्थ के जीतने के कारण यह सीट खाली थी। दिल्ली में जन्मे कृष्णमूर्ति पेशे से एक प्रयोगशाला कार्यकारी हैं और उनकी जड़ें चेन्नई से जुड़ी हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उनका समर्थन किया था। कृष्णमूर्ति ने ट्वीट किया, ‘शुक्रिया.. इलिनोइस के आठवें डिस्ट्रिक्ट का कांग्रेस सदस्य बनकर मैं खुद को सम्मानित और अनुगृहित महसूस कर रहा हूं।’ कृष्णमूर्ति ने अपने विजय भाषण में समर्थकों का शुक्रिया अदा किया। दिलचस्प यह है कि अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के लिए चुने गए कृष्णमूर्ति ऐसे दूसरे हिंदू-अमेरिकी हैं। अमेरिकी कांग्रेस में पहली हिंदू-अमेरिकी तुलसी गबार्ड हवाई से अपने तीसरे कार्यकाल के लिए प्रयासरत हैं। टैमी डकवर्थ के इलिनोइस की अमेरिकी सीनेट सीट से जीत दर्ज करने के बाद यह सीट रिक्त हो गई थी और कृष्णमूर्ति तथा डिसियान्नी दोनों ही इस यहां से जीतने के लिए प्रयासरत थे। कृष्णमूर्ति को उनके प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ 54,149 की तुलना में 81,263 मत मिले।
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न्यूयार्क: अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत के खिलाफ प्रदर्शन के लिए समूचे अमेरिका में लाखों लोग सड़कों पर उतरे और उनके कट्टर एवं नस्लवादी विचारों की आलोचना करते हुए आव्रजन एवं मुस्लिमों पर चुनावी घोषणाओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में हिलेरी क्लिंटन के खिलाफ जीत दर्ज करने के महज एक दिन बाद ही सभी उम्र, धर्म एवं राष्ट्रीयताओं के लोग न्यूयार्क, शिकागो, फिलाडेल्फिया, बोस्टन, कैलिफोर्निया, कोलोराडो, सीएटल और अन्य शहरों के प्रमुख स्थानों पर इकट्ठा हुए और ट्रम्प के खिलाफ प्रदर्शन किया। कई तख्तियां थामे प्रदर्शनकारी सड़कों और राजमार्गों पर चलती यातायात के बीच चलते दिखाई दिए और ‘और घृणा नहीं’ और ‘ट्रम्प हमारे राष्ट्रपति नहीं’ जैसे नारे लगाते हुए अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे थे। न्यूयार्क में प्रदर्शनकारी फिफ्थ एवेन्यू की 14वें स्ट्रीट से करीब 40 स्ट्रीट तक चलकर गए, जहां ट्रम्प के प्रचार अभियान का मुख्यालय ‘द ट्रम्प टावर्स’ स्थित है। प्रदर्शन के चलते टावर के आस पास की सड़कें पूरी तरह से बंद हो गई थीं। युवा लातीनी केली लोपेज ने कहा कि ट्रम्प अमेरिका के अगले राष्ट्रपति होने की बात स्पष्ट हो जाने के बाद सुबह से वह निराश थीं। उन्होंने कहा कि अपने समूचे अभियान में नस्लवाद, कट्टरता, फासिज्म और महिलाओं एवं अल्पसंख्यकों का अपमान करने वाला शख्स एक रात में बदल नहीं सकता और यह नहीं कह सकता कि वह सभी अमेरिकी लोगों के लिए काम करेगा।
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न्यूयार्क: हिलेरी क्लिंटन ने आज (बुधवार) अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में नम्रतापूर्वक अपनी हार स्वीकार की और कहा कि उन्हें आशा है कि डोनाल्ड ट्रंप सभी अमेरिकियों के लिए सफल राष्ट्रपति बनेंगे। उन्होंने कहा कि गइराई से विभाजित राष्ट्र उन्हें खुले मन से स्वीकारता है और नेतत्व का मौका देता है। हिलेरी ने यहां कांटे की टक्कर वाले चुनाव में हार के बाद बड़ी संख्या में मौजूद समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, यह वह नतीजा नहीं है जो हम चाहते थे या जिसके लिए हमने कड़ी मेहनत की थी। मुक्षे अफसोस है कि हम अपने मूल्यों और अपने देश के लिए रखने वाले दष्टिकोण के लिए यह चुनाव नहीं जीत पाए। उनके समर्थकों ने खड़े होकर तालियां बजाकर हिलेरी, उनके पति बिल क्लिंटन, बेटी चेल्सी और दामाद मार्क का स्वागत किया। हिलेरी अपने भाषण में कई बार भावुक हो गईं और उन्होंने बमुश्किल अपने आंसुओं को रोका। उनके प्रचार कर्मियों और समर्थकों को एक दूसरे से गले लगते और हाथ मिलाते देखा गया। कुछ सदस्यों को अपने आंसू पोंछते भी देखा गया। हिलेरी (69) ने चुनाव नहीं जीत पाने की माफी मांगी और कहा कि वह लंबे वक्त तक चुनाव नहीं जीत पाने का दर्द महसूस करेंगी। समर्थकों की तालियों के बीच हिलेरी ने कहा कि वह ट्रंप (70) को बधाई देती हैं और देश के लिए उनके साथ काम करने का प्रस्ताव देती हैं। उन्होंने कहा, मैंने डोनाल्ड ट्रंप को बधाई दी और हमारे देश की तरफ से उनके साथ काम करने का प्रस्ताव दिया। मुक्षे आशा है कि वह सभी अमेरिकियों के लिए सफल राष्ट्रपति बनेंगे। हिलेरी ने कहा कि राष्ट्र को चुनावों के नतीजों को स्वीकार करना चाहिए और ट्रंप के नेतत्व में आगे बढना चाहिए।
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वॉशिंगटन: हाल में राजनीति में कदम रखने वाले अरबपति कारोबारी डोनाल्ड ट्रंप ने सभी बाधाओं को पार करते हुए कांटे के चुनावी मुकाबले में अनुभवी नेता हिलेरी क्लिंटन को आज मात दे दी और इसके साथ ही उनके चुनाव सर्वेक्षकों को हैरान करते हुए अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति बनने का रास्ता साफ हो गया। अमेरिका की पहली महिला राष्ट्रपति बनने का सपना संजोए चुनावी मैदान में उतरी डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी की उम्मीदें इस परिणाम के साथ ही टूट गईं। ट्रंप ने निर्वाचन मंडल के 289 मत हासिल करके शानदार जीत हासिल की जबकि हिलेरी को 218 मत मिले। राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के लिए उम्मीदवार को निर्वाचन मंडल के 538 मतों में से 270 मत हासिल करने की आवश्यकता होती है। 70 वर्षीय ट्रंप ने पेनसिल्वेनिया, ओहायो, फ्लोरिडा, टेक्सास और उत्तर कैरोलिना जैसे राज्यों में शानदार प्रदर्शन करके चुनाव सर्वेक्षकों को गलत साबित कर दिया और जीत पर कब्जा कर लिया। ट्रंप ने अपनी चुनाव प्रचार मुहिम के मुख्यालय में अपने समर्थकों से कहा, ‘यह हम सब के लिए एकजुट जनता के रूप में साथ आने का समय है। मैं हमारी सरजमीं के हर नागरिक से वादा करता हूं कि मैं सभी अमेरिकियों का राष्ट्रपति बनूंगा।’ ट्रंप ने बताया कि हिलेरी ने उन्हें फोन करके जीत की बधाई दी। उन्होंने कहा, ‘मैं उन्हें उनकी शानदार मुहिम पर बधाई देता हूं। देश पर उनका बहुत एहसान है।’ ट्रंप ने कहा, ‘हमारी प्रचार मुहिम नहीं बल्कि एक आंदोलन था।
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