न्यूयॉर्क: दिल्ली में 2014 में उबर के टैक्सी चालक द्वारा दुष्कर्म की शिकार हुई महिला ने कंपनी को कोर्ट में घसीटा है। पीड़िता ने कंपनी पर दुष्कर्म के गैरकानूनी तरीके से मेडिकल रिकॉर्ड हासिल कर निजता भंग करने और चरित्र पर संदेह करने का आरोप लगाया है। पीड़िता ने कैलीफोर्निया की संघीय अदालत में दर्ज कराए केस में उबर के सीईओ ट्रेविस क्लानिक, पूर्व उपाध्यक्ष एरिक एलेक्जेंडर और एक अन्य पूर्व अधिकारी इमिल माइकल को भी आरोपी बनाया है। शिकायत में कहा गया है कि उबर के प्रबंधकों ने गलत तरीके से मेडिकल रिकॉर्ड हासिल करने के बाद उसे दूसरों से साझा किया गया। याचिका में मुआवजे की मांग की गई है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, एलेक्जेंडर ने पीड़िता का मेडिकल रिकॉर्ड हासिल करने के बाद इसे सीईओ क्लानिक और माइकल के साथ साझा किया। कंपनी के कई प्रबंधकों को या तो रिकॉर्ड के बारे में बताया गया या उन्हें दिखाया गया। गौरतलब है कि उबर के खिलाफ यह केस ऐसे वक्त हुआ है, जब कंपनी यौन उत्पीड़न और कार्यालय में महिला विरोधी संस्कृति के आरोपों से जूझ रही है। उधर, लगातार घाटे के बीच कंपनी के करीब एक दर्जन अधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया है। इसमें एलेक्जेंडर और माइकल शामिल हैं। निशाने पर आए सीईओ क्लानिक लंबी छुट्टी पर चले गए हैं।
उबर ने अपनी छवि सुधारने के लिए अमेरिका के पूर्व अटार्नी जनरल एरिक होल्डर की सेवाएं ली हैं। उनकी 47 सिफारिशों को पिछले हफ्ते ही लागू किया गया। शिकायत में कहा गया है कि क्लानिक, एलेक्जेंडर और अन्य अधिकारी सोच रहे थे कि भारत में उबर की प्रतिद्वंद्वी कंपनी ओला ने संभवत: उबर को बदनाम करने के लिए ऐसी झूठी कहानी गढ़ी हो। पीड़िता ने सवाल उठाया कि अगर कंपनी घटना पर खेद प्रकट कर चुकी है तो वह कैसे सोच सकती है कि उसके और प्रतिद्वंद्वी कंपनी के बीच साठगांठ थी। पीड़ित महिला फिलहाल अमेरिका के शहर टेक्सास में रहती है और उसने 2015 में ने उबर के खिलाफ सुरक्षा मानकों की कमी को लेकर केस दर्ज कराया था। कुछ महीनों बाद उस मामले को सुलझा लिया गया था। मामले में आरोपी चालक शिव कुमार यादव को पहले ही उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है।