ढाका: बांग्लादेश में मूसलाधार बारिश की वजह से जगह-जगह हुई भूस्खलन की घटनाओं में कई सैन्य अधिकारियों सहित कम से कम 105 लोगों की मौत हो गई। ज्यादातर मौतें भारतीय सीमा के निकट एक पर्वतीय जिले में हुई है। स्थानीय मीडिया की खबरों में कहा गया है कि मरने वालों की संख्या 105 हो गई है और मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि बहुत सारे लोगों के मलबे में दबे में होने की आशंका है। चटगांव के उपजिलों रंगुनिया और चंदनैश में भूस्खलन में कम से कम 23 लोग मारे गए। अधिकारियों ने आज बताया कि सर्वाधिक जनहानि रांगामाटी पर्वतीय जिले में हुई है जहां 58 लोगों के मरने की खबर है। मरने वालों में कम से कम चार सैन्य अधिकारी शामिल हैं। सेना के एक प्रवक्ता ने ढाका में कहा, अब तक हम आपको यह पुष्टि कर सकते हैं कि हमारे दो सैन्य अधिकारी उस समय मारे गए और कई अन्य घायल हो गए जब वे ड्यूटी पर थे। उन्होंने बताया कि सेना की एक टीम रंगमाटी से बंदरगाह शहर को जोड़ने वाली सड़क को खोलने के लिए तैनात की गई थी। यह सड़क रात में हुए भूस्खलन के चलते अवरदध हो गई थी। जब सेना की टीम सड़क को खोलने का काम कर रही थी तभी ताजा भूस्खलन हो गया और सैनिक मलबे में दब गए। प्रवक्ता ने कहा, लेकिन अब तक हम केवल दो मौतों की ही पुष्टि कर सकते हैं।
ढाका के एक बार ने खबर दी कि भारी बारिश के चलते रंगमाटी, बंदरबन और चटगांव जिलों में कम से कम 53 लोगों की मौत हुई है। अखबार ने पुलिस अधिकारी रफीक उल्ला के हवाले से कहा कि बंदरबन में भूस्खलन की टनाओं में छह लोगों की मौत हुई है और पांच अन्य घायल हुए हैं। अधिकारियों ने कहा कि राहत अभियान में दमकलकमर्यिों की मदद के लिए सेना को बुलाया गया है। अनेक लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है। स्थानीय मीडिया के अनुसार, भूस्खलन की चपेट में आए अनेक लोग रंगमाटी और बंदरबन में जातीय अल्पसंख्यक या जनजातीय समूहों से हैं जो पर्वतीय क्षेत्रों में अस्थाई मकानों में रहते हैं। आपदा प्रबंधन मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, राहत अभियान जारी है। बाद में हमें मृतकों के बारे में सही जानकारी मिल सकती है। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि अनेक लोग लापता हैं। अधिकारियों ने कहा कि भूस्खलन के वक्त ज्यादातर लोग सोए हुए थे जिससे अधिक जनहानि हुई, खासकर बच्चों के मामले में।