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नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीके बीच शुक्रवार रात को हुई अहम बैठक में आतंकवाद, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी), कोरोना, क्वॉड समेत तमाम मुद्दों पर लंबी चर्चा हुई। अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह एनएसजी में भारत के शामिल होने के प्रति अपने देश का समर्थन दोहराया। पीएम मोदी की जो बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद उनके साथ यह पहली बैठक थी। क्वॉड बैठक में अफगानिस्तान में तालिबान के समर्थन को लेकर पाकिस्तान की कड़ी निगरानी की बात भी कही गई है।

अमेरिका समेत सुरक्षा परिषद के चार स्थायी सदस्य देश भारत को भी इस क्लब में शामिल किए जाने के पक्षधर हैं। लेकिन चीन पाकिस्तान और उसके समर्थन वाले कुछ देश इसका प्रत्यक्ष या परोक्ष विरोध करते रहे हैं। परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह यानी एनएसजी में भी भारत की सदस्यता का चीन मुखर विरोध करता रहा है। उसका कहना है कि भारत परमाणु अप्रसार संधि का सदस्य नहीं है, लिहाजा उसे इसमें शामिल नहीं किया जा सकता।

न्यूयॉर्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 76वें सत्र को संबोधित करेंगे। संबोधन के दौरान पीएम मोदी के कोरोना महामारी, आतंकवाद से मुकाबला करने की जरूरत, जलवायु परिवर्तन एवं अन्य अहम मुद्दों समेत वैश्विक चुनौतियों पर जोर देने की संभावना है। क्वॉड समिट में शामिल होने और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात के बाद पीएम मोदी वाशिंगटन से न्यूयॉर्क के लिए रवाना हुए थे। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘न्यूयॉर्क सिटी पहुंचा. 25 तारीख को शाम साढ़े छह बजे यूएनजीए को संबोधित करूंगा।''

मीडिया रिर्पोटस के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न्यूयॉर्क में होटल के बाहर एकत्र लोगों से मिले। ये लोग पीएम के न्यूयॉर्क आने की खुशी मना रहे थे। इस दौरान 'वंदे मातरम' और 'भारत माता की जय' के नारे लगे।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, "धन्यवाद, वाशिंगटन! आगे न्यूयॉर्क की ओर। ऐतिहासिक क्वॉड लीडर्स शिखर सम्मेलन और अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी यात्रा के अगले पड़ाव न्यूयॉर्क के लिए प्रस्थान किया।"

नई दिल्ली: पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर का राग अलापने से बाज नहीं आ रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के सालाना अधिवेशन में इस बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने वही हिमाकत की और जम्मू-कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश बनाए जाने का उल्लेख किया। हालांकि भारत ने संयुक्त राष्ट्र में जवाब देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के आऱोपों पर मुंहतोड़ जवाब दिया है। भारत ने कहा कि पूरी दुनिया जानती और यह मानती है कि पाकिस्तान आतंकियों को समर्थन और हथियार मुहैया कराता आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने वाले हैं औऱ उनके संबोधन में भी पाकिस्तान को कड़ी नसीहत दी जा सकती है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे ने कहा कि यह खेदजनक है कि यह पहली बार नहीं है कि पाकिस्तान के नेता ने यूएन के अंतरराष्ट्रीय मंच का दुरुपयोग झूठे और दुष्प्रचार के लिए किया है, ताकि दुनिया का ध्यान उनके देश की खराब हालत से हटाया जा सके।

वॉशिंगटन: चार देशों के क्वाड समूहों के नेताओं ने आज पहली बार वाशिंगटन डीसी में व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की। जहां उन्होंने कोविड-19 से लेकर जलवायु परिवर्तन तक, दुनिया के सामने प्रमुख चुनौतियों पर चर्चा की। संबोधन की शुरुआत करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को क्वाड बैठक की मेजबानी के लिए धन्यवाद दिया, जहां ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापानी प्रधान मंत्री योशीहिदे सुगा भी मौजूद थे।

पीएम मोदी ने कहा, "हमारे चार राष्ट्र भारत-प्रशांत क्षेत्र की मदद के लिए 2004 की सुनामी के बाद पहली बार मिले थे। आज, जब दुनिया कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ रही है, हम मानवता के कल्याण के लिए एक बार फिर क्वाड के रूप में यहां आए हैं।" प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें "विश्वास है कि क्वाड में हमारी भागीदारी दुनिया में शांति और समृद्धि स्थापित करेगी।"

क्वाड ने इस बात पर भी जोर दिया कि "फ्री एंड ओपिन" एशिया का समर्थन करना एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है।

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