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काबुल: तालिबान के सत्ता हथियाने के बाद से अफगानिस्तान में अशांति, डर और चिंता का माहौल है। महिलाओं को शिक्षा समेत अन्य अधिकार छिनने का डर सता रहा है। इस बीच, कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि तालिबान ने आत्मघाती हमलावरों की एक विशेष बटालियन बनाई है, जिसे अफगानिस्तान की सीमाओं पर खासकर बदख्शां प्रांत में तैनात किया जाएगा।

खामा प्रेस ने बताया कि बदख्शां प्रांत के डिप्टी गवर्नर मुल्ला निसार अहमद अहमदी ने उत्तरपूर्वी प्रांत बदख्शां में आत्मघाती हमलावरों की बटालियन बनाने के बारे में मीडिया को जानकारी दी। इस प्रांत की सीमा तजाकिस्तान और चीन से लगती है।

अहमदी ने कहा कि इस बटालियन का नाम लश्कर-ए-मंसूरी ('मंसूर आर्मी') है और इसे देश की सीमाओं पर तैनात किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बटालियन ठीक उसी तरह है जो पिछली अफगान सरकार में सुरक्षाबलों को निशाना बनाकर आत्मघाती हमले करती थी।

वाशिंगटन: ट्विटर पर वापिस आने के लिए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प हर हथकंडे अपना रहे हैं। उन्होंने ट्विटर पर अपना एकाउंट बहाल करने के लिए अब फ्लोरिडा की एक संघीय अदालत का दरवाजा खटखटाया है। ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया कंपनियों ने ट्रम्प समर्थकों की भीड़ द्वारा 6 जनवरी को अमेरिकी कांग्रेस की इमारत पर हमला करने के बाद पूर्व राष्ट्रपति को अपने प्लेटफार्मों से प्रतिबंधित कर दिया था।

ट्रम्प के झूठे दावों के बाद उनके समर्थक भड़क गए थे और कैपिटल हिल पर हमला कर दिया था। ट्रंप ने कहा था कि जिस चुनाव में उन्हें जो बाइडेन से हारा हुआ बताया जा रहा है, उसमें धांधली हुई है। ट्रंप का एकाउंट स्थायी रूप से स्थगित करते हुए ट्विटर ने कहा था, ट्रंप के ट्वीट उनकी नीतियों के खिलाफ थे।

ट्रंप की तरफ से फ्लोरिडा की संघीय अदालत में दाखिल याचिका में तर्क दिया गया है कि अमेरिकी कांग्रेस द्वारा मजबूर किए जाने पर ट्विटर ने उनका एकाउंट निलंबित किया। जिस समय उन्हें प्रतिबंधित किया गया था, उस समय ट्रम्प के 88 मिलियन से अधिक ट्विटर फॉलोअर थे।

संयुक्त राष्ट्र: अफगानिस्तान और म्यांमार सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा की उच्च स्तरीय आम बहस को संबोधित नहीं करेंगे। एक उच्च यूएन अधिकारी ने यह जानकारी दी। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र के उच्च स्तरीय आम बहस के अंतिम दिन के लिए वक्ताओं की नवीनतम सूची के अनुसार, सत्र को संबोधित करने के लिए अफगानिस्तान और म्यांमार को वक्ताओं के रूप में सूचीबद्ध नहीं किया गया है।

शुक्रवार को महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा था कि सोमवार के लिए सूची में अंकित अफगानिस्तान के प्रतिनिधि एच ई गुलाम एम इसाकजई हैं।

म्यांमार में तख्तापलट के बाद इसके सैन्य शासकों ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र में देश के राजदूत क्याव मो तुन को बर्खास्त कर दिया गया है और चाहते हैं कि अब आंग थुरिन उनकी जगह लें। 

पिछले हफ्ते तालिबान ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को पत्र लिखकर कहा था कि प्रवक्ता सुहैल शाहीन को संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के राजदूत के रूप में मान्यता दी जाए।

बर्लिन: जर्मनी में रविवार को हुए नई संसद के लिए हुए मतदान के आए अनुमानित परिणामों में सोशल डेमोक्रेटिक सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। चुनाव परिणामों के अनुसार मार्केल की पार्टी 2005 के बाद पहली बार सरकार का नेतृत्व करने की स्थिति में नहीं हैं। परिणामों के साथ एंजेला मार्केल की 16 साल के रूढ़िवादी नेतृत्व वाला शासन समाप्त होने की कगार पर है। परिणामों में सेंटर-लेफ्ट सोशल डेमोक्रेटिक (एसपीडी) 25.5 फीसदी वोट के साथ सबसे आगे हैं। इसके बाद मार्केल के सीडीयू/सीएसयू कंजरवेटिव गठबंधन को 24.5 फीसदी वोट मिले हैं।

किसी भी राजनीतिक दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने जा रहा है। माना जा रहा है कि एक नई सरकार के सत्ता में आने के लिए गठबंधन को लेकर बातचीत होगी। इसमें ग्रीन्स और लिबरल फ्री डेमोक्रेटिक (एफडीपी) के शामिल होने की संभावना है। सोशल डेमोक्रेटिक के चांसलर उम्मीदवार ओलाफ स्कोल्ज ने अपने उत्साही समर्थकों से कहा कि निश्चित रूप से यह एक लंबी चुनावी शाम होने जा रही है।

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