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'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

बीजिंग: भारत ने चीन से दो टूक कहा है कि वह "गोलपोस्टों को स्थानांतरित न करें" और सीमा विवाद के हल के लिए एवं सीमा पर शांति बहाली के लिए सीमा से जुड़े सवालों के जाल में उलझाकर "भ्रमित" करने की कोशिश न करें। पिछले साल मई में पूर्वी लद्दाख में उपजे गतिरोध के बाद, भारत ने लगातार यह सुनिश्चित किया है कि दोनों देशों के बीच संबंधों के समग्र विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सद्भाव आवश्यक है।

चीन में भारतीय दूत विक्रम मिश्री ने 23 सितंबर को चीन-भारत संबंधों पर चौथे उच्च-स्तरीय ट्रैक II वार्ता को संबोधित करते हुए कहा, "पड़ोसी होने के अलावा, भारत और चीन भी बड़ी और उभरती अर्थव्यवस्थाएं हैं। लिहाजा, दोनों के बीच "मतभेद और समस्याएं होना असामान्य नहीं है।"

मिश्री ने कहा, "महत्वपूर्ण सवाल यह है कि उन समस्याओं से कैसे निपटा जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि उनके परिणाम तार्किकता, परिपक्वता और हमारी सीमाओं पर शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए हों।" बता दें कि भारत-चीन सीमा विवाद में 3,488 किलोमीटर की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) शामिल है।

जिनेवा: पाकिस्‍तान पर आतंकवाद को शह देने के आरोप लगते रहे हैं। पाक अधिकृत कश्‍मीर (पीओके) और गिलगित बाल्टिस्‍तान के राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने स्विट्जरलैंड के जिनेवा में स्थित संयुक्‍त राष्‍ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के कार्यालय के बाहर पाकिस्‍तान के खिलाफ कई विरोध प्रदर्शन किए। इस दौरान उन्‍होंने पाकिस्‍तान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और आतंकवादी शिविरों को खत्‍म करने की मांग की।

संयुक्‍त राष्‍ट्र मानवाधिकार परिषद के कार्यालय के बाहर राजनी‍तिक कार्यकर्ताओं ने कई विरोध प्रदर्शनाें के जरिये पाकिस्‍तान के खिलाफ आवाज बुलंद की। इस दौरान राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने कभी लाउडस्‍पीकर के जरिये अपनी बात रखी तो कभी पोस्‍टर लहराए। राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने अपने हाथों में पाकिस्‍तान का विरोध करने वाले पोस्‍टर ले रखे थे। जिनमें पाकिस्‍तान को अपने कब्‍जे वाले कश्‍मीर में पर्वतों की चोटियों पर कब्‍जा करने और जमीन छीनने से रोकने के लिए कहा गया।

न्‍यूयार्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को न्‍यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजी) के 76वें सत्र को संबोधित किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने इशारों ही इशारों में आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर करारा हमला बोला। पीएम मोदी ने बिना नाम लिए पाकिस्‍तान पर हमला बोलते हुए कहा कि जो देश आतंकवाद का टूल के तौर पर इस्‍तेमाल कर रहे हैं वह यह बात भूल रहे हैं कि आतंकवाद उनके लिए भी खतरा बनेगा।

पीएम मोदी ने कहा, दुनियाभर में चरमपंथ का खतरा बढ़ता जा रहा है। जो देश प्रतिगामी सोच के साथ आतंकवाद का राजनीतिक उपकरण के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं उन्हें ये समझना होगा कि आतंकवाद, उनके लिए भी उतना ही बड़ा खतरा है। मौजूदा वक्‍त में यह सुनिश्चित किया जाना बेहद ज़रूरी है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने और आतंकी हमलों के लिए ना हो।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें इस बात के लिए भी सतर्क रहना होगा कि अफगानिस्‍तान कि नाजुक स्थितियों का इस्तेमाल कोई देश अपने स्वार्थ के लिए एक टूल की तरह इस्तेमाल करने की कोशिश ना करने पाए।

न्यूयार्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 76 वें सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का वैक्सीन डिलीवरी प्लेटफार्म कोवीन एक ही दिन में करोड़ों वैक्सीन डोज लगाने के लिए डिजीटल सहायता दे रहा है। मैं यूएनजीए को ये जानकारी देना चाहता हूं कि भारत ने दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन विकसीत कर ली है जिसे 12 साल से ज्यादा आयु के सभी लोगों को लगाया जा सकता है। भारत के वैज्ञानिक एक नेजल वैक्सीन के निर्माण में भी लगे हैं। मानवता के प्रति अपने दायित्व को समझते हुए भारत ने एक बार फिर दुनिया के जरूरतमंदों को वैक्सीन देनी शुरू कर दी है। मैं आज दुनियाभर के वैक्सीन मैन्युफैक्चर्स को भी आमंत्रित करता हूं कि आइए और भारत में वैक्सीन बनाइए।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वे उस देश का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसे मदर आफ डेमोक्रेसी का गौरव हासिल है। लोकतंत्र की हमारी हजारों वर्षों की महान परंपरा रही है। इस 15 अगस्त को भारत ने अपनी आज़ादी के 75 वें साल में प्रवेश किया।

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