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वॉशिंगटन: ट्रंप प्रशासन में संघीय कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर छंटनी की जा रही है, जिसने पूरे अमेरिका में हलचल मचा दी है। बीते कुछ दिनों में ही हजारों संघीय कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई कर्मचारियों को तो माइक्रोसॉफ्ट टीम पर वीडियो कॉल के जरिए नौकरी से निकाला जा रहा है।

करीब दो लाख सरकारी कर्मचारी होंगे प्रभावित

ट्रंप सरकार के इस फैसले से प्रोबेशनरी कर्मचारी सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं और करीब दो लाख कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा सकता है।

छंटनी का नया दौर शुक्रवार को शुरू हुआ, जिसमें अमेरिकी सरकार के आंतरिक विभाग से करीब 2300 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया। जिन कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया, वे सार्वजनिक भूमि, राष्ट्रीय उद्यान और तेल-गैस के पट्टों के प्रबंधन से जुड़े थे। इस छंटनी की आलोचना इस वजह से भी हो रही है कि सरकार कर्मचारियों को अपने बचाव का मौका भी नहीं दे रही है।

तेल अवीव/रामल्लाह: इजरायल ने 369 फिलिस्तीनी कैदियों को शनिवार को रिहा कर दिया। इसके पहले हमास ने 3 इजरायली बंधकों को मुक्त किया था। यह गाजा युद्ध विराम समझौते के तहत बंधकों-कैदियों की छठी अदला-बदली थी।

फिलिस्तीनी कैदी क्लब के प्रमुख अब्दुल्ला अल-जगहरी ने सिन्हुआ समाचार एजेंसी को बताया कि रिहा किए गए कैदियों में 36 आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। 333 वे बंदी हैं जिन्हें 7 अक्टूबर, 2023 के हमले के बाद गाजा पट्टी से इजरायल सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार किया था।

फिलिस्तीनी सूत्रों और प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि कैदियों को रेड क्रॉस और उनके परिवारों की उपस्थिति में रामल्लाह सांस्कृतिक महल के प्रांगण में सौंपा गया।

कैदियों की रिहाई से पहले, प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि इजरायली सेना ने रामल्लाह के पश्चिम में बेतुनिया शहर पर धावा बोल दिया। इस कार्रवाई का मकसद फिलिस्तीनियों को ओफर जेल के गेट के पास इकट्ठा होने से रोकना था, जहां कैदियों को रिहा किया जा रहा था।

वाशिंगटन: डोनाल्ड ट्रंप की सत्ता में वापसी सरकारी कर्मचारियों पर भारी पड़ रही है। अभी उन्हें दोबारा राष्ट्रपति बने एक महीना भी पूरा नहीं हुआ है और 9,500 से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों की छुट्टी हो चुकी है। सरकारी खर्च को कम करने के उद्देश्य से यह अभियान चलाया जा रहा है। इसमें आगे भी सैकड़ों लोगों की नौकरियां जा सकती हैं।

दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप ने दूसरी बार राष्ट्रपति बनते ही 'स्पेसएक्स' के मालिक एलन मस्क को 'डिपार्टमेंट ऑफ गवर्मेंट इफिशिएंसी' का प्रमुख बनाया था। यह एक तरह का अस्थायी डिपार्टमेंट है, जिसे ट्रंप ने केवल इस मकसद से बनाया है ताकि सरकार की फिजूलखर्ची कम की जा सके और एडवांस तकनीकों के जरिए सरकारी कामकाज में दक्षता ज्यादा से ज्यादा बढ़ाई जा सके। इस डिपार्टमेंट की सलाह पर ही भारी संख्या में केंद्रीय कर्मचारियों की छुट्टी हो रही है।

अब तक इंटीरियर, एनर्जी, वेटरन, कृषि, स्वास्थ्य और मानव सेवा विभागों के कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है। कुछ एजेंसियों को बंद किया है, स्वतंत्र निगरानी संस्था 'उपभोक्ता वित्तीय सुरक्षा ब्यूरो' भी शामिल है।

कीव: रूस ने ड्रोन की मदद से हमला कर चेर्नोबिल न्यूक्लियर पावर प्लांट की चौथी बिजली यूनिट को निशाना बनाया है. रूसी ड्रोन ने चेर्नोबिल के खत्म हो चुके न्यूक्लियर पावर प्लांट पर हमला किया, जिससे वैश्विक परमाणु सुरक्षा खतरे में पड़ गई। इस हमले का दावा खुद यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने किया है। बता दें कि रूस के इस हमले को विशेषज्ञ वैश्विक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा मान रहे हैं। चेर्नोबिल पर बनाए गए इस स्पेशल यूनिट का निर्माण यूक्रेन, यूरोप, अमेरिका और अन्य देशों के मदद से किया गया था, जिनका मकसद रेडिएशन के खतरों से बचने का था।

राष्ट्रपति जेलेंस्की ने आतंकी हमला करार दिया

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इस घटना को आतंकी हमला करार दिया है। उन्होंने रूस पर आरोप लगाया कि वह अंतरराष्ट्रीय नियमों की अनदेखी कर परमाणु स्थलों को निशाना बना रहा है, जो पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर खतरा है। जेलेंस्की ने जोर देकर कहा कि ऐसे हमले वैश्विक सुरक्षा को कमजोर कर सकते हैं और तत्काल प्रतिक्रिया की आवश्यकता है।

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