तेल अवीव/रामल्लाह: इजरायल ने 369 फिलिस्तीनी कैदियों को शनिवार को रिहा कर दिया। इसके पहले हमास ने 3 इजरायली बंधकों को मुक्त किया था। यह गाजा युद्ध विराम समझौते के तहत बंधकों-कैदियों की छठी अदला-बदली थी।
फिलिस्तीनी कैदी क्लब के प्रमुख अब्दुल्ला अल-जगहरी ने सिन्हुआ समाचार एजेंसी को बताया कि रिहा किए गए कैदियों में 36 आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। 333 वे बंदी हैं जिन्हें 7 अक्टूबर, 2023 के हमले के बाद गाजा पट्टी से इजरायल सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार किया था।
फिलिस्तीनी सूत्रों और प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि कैदियों को रेड क्रॉस और उनके परिवारों की उपस्थिति में रामल्लाह सांस्कृतिक महल के प्रांगण में सौंपा गया।
कैदियों की रिहाई से पहले, प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि इजरायली सेना ने रामल्लाह के पश्चिम में बेतुनिया शहर पर धावा बोल दिया। इस कार्रवाई का मकसद फिलिस्तीनियों को ओफर जेल के गेट के पास इकट्ठा होने से रोकना था, जहां कैदियों को रिहा किया जा रहा था।
इससे पहले हमास ने तीन इजरायली बंधकों को रिहा कर दिया। जिन तीन बंधकों को रिहा किया, उन्हें गाजा के करीब स्थित किबुत्ज नीर ओज से 7 अक्टूबर 2023 के हमले के दौरान हमास के लड़ाकों ने पकड़ा था।
रिहा किए गए बंधकों में अलेक्जेंडर ट्रोफानोव (29 वर्षीय रूसी-इजरायली), यायर हॉर्न (46 वर्षीय अर्जेंटीनी-इजरायली), सगुई डेकेल-चेन (36 वर्षीय अमेरिकी-इजरायली) शामिल हैं।
हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमला करके 251 बंधकों को पकड़ लिया और लगभग 1,200 लोगों को मार डाला था जिसके बाद युद्ध शुरू हो गया।
गाजा के हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजरायल के हमले में कम से कम 48,239 फिलिस्तीनी मारे गए हैं। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि इजरायल के हमलों से गाजा की लगभग दो-तिहाई इमारतें क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गई हैं।