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ट्रांस हिंडन: गीतकार जावेद अख्तर ने कहा कि केंद्र सरकार समाज के गरीब, दलित और आदिवासी से मतदान का अधिकार छीनना चाह रही है। उन्होंने संभावना जताई कि अगले लोकसभा चुनाव से पहले सरकार नागरिकता कानून और एनआरसी के बहाने सिर्फ उन्हीं लोगों के वोट बहाल रखेगी जिनके मिलने की उम्मीद है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस तरह प्रयास किए जा रहे हैं वह देश को हिंदू पाकिस्तान बनाने का प्रयास है। लोगों की आवाज दबाई जा रही है। बुधवार को साहिबाबाद के झंडापुर में प्रसिद्ध रंगकर्मी सफदर हाशमी के 31वें शहादत दिवस पर हुए हल्ला बोल कार्यक्रम में केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा।

समूह को संबोधित करते हुए जावेद बोले कि कहा जा रहा है कि हिंदू मुसलमानों के बीच दरार डाली जा रही है, इसका मुसलिमों को नुकसान होगा। यह गलत है। केंद्र सरकार की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि इनके लिए अल्पसंख्यक सीढ़ी हैं। इन्हें देश की बहुसंख्यक 85 फीसदी आबादी पर नियंत्रण चाहिए। लेकिन इस प्रयास के परिणाम सुखद नहीं होंगे।

उन्होंने कहा, पाकिस्तान मुसलिम बहुसंख्यक आबादी के लिए बनाया गया था। लेकिन वहां मुसलिम आबादी भी सुकून में नहीं हैं। पाकिस्तान के मुसलिमों से बेहतर स्थिति में आज भी हिन्दुस्तान के मुसलिम हैं। लोगों को हिंदू, मुसलिम, सिख और इसाई में बांटा जा रहा है। जबकि आबादी का विकास करना है तो उसे बहुत अमीर, अमीर, गरीब और बहुत गरीब की श्रेणी में बांटा जाना चाहिए। लोगों को आवास, शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और भोजन के विषय में सोचने नहीं दिया जा रहा है। उनसे गर्व से कहो हम हिंदू हैं का नारा लगवाया जा रहा है, लेकिन इससे समस्याओं का समाधान नहीं होता। तीन मुल्कों से अलग मुल्कों में रह रहे लोगों को आने की इजाजत क्यों नहीं दी जाएगी। जबकि शरणार्थी की कोई जात या धर्म नहीं होता। इसलिए देश में ऐसा कानून होना चाहिए जिसमें धार्मिक भेदभाव ना हो।

वोट लेते समय पूछते नागरिकता

जावेद अख्तर ने कहा कि आप आम हिन्दुस्तानी से कैसे पूछोगो कि वह हिन्दुस्तानी है। आदिवासी, दलित और गरीब के पास यदि प्रमाण नहीं है तो सरकार उन्हें कहां भगा देगी। इन लोगों ने सरकार को वोट दिया है। वोट लेते समय पूछते उनके वोटर की नागरिकता है कि नहीं। नागरिकता कानून के दायरे में लाकर सरकार कितने लोगों को बाहर निकालेगी। क्या सरकार के पास 10-12 करोड़ की आबादी को डिटेंशन सेंटर में रखने की जगह है।

धर्मनिरपेक्षता पर प्रहार किया जा रहा: सीताराम येचुरी

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि सफदर हाशमी क्रांतिकारी थे। उन्होंने देश में धर्मनिरपेक्षता कायम रखने के लिए काम किया। उनके नाटक भी सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ लड़ने के लिए थे। वह कहते थे कि देश में सांप्रदायिकता और भाईचारे को समाप्त करने का काम होगा, आज वही हो रहा है। नागरिकता कानून से संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। नागरिकता रजिस्टर में यदि अफसर संतुष्ट नहीं हुए तो आपकी नागरिकता पर सवाल खड़े करेंगे। बाढ़ की भीषण त्रासदी झेलने वाले लाखों लोग कहां से लाएंगे अपने प्रमाण। जबकि उनका आशियाना ही पानी में बह जाता है। लोगों के बीच नफरत पैदा की जा रही है।

हल्ला बोल किताब का विमोचन हुआ

इस मौके पर हल्ला बोल किताब का विमोचन किया गया। जिसमें सफदर हाशमी हत्याकांड और उसके बाद का घटनाक्रम है। बुधवार को झंडापुर के अंबेडकर पार्क में हुए कार्यक्रम का आयोजन सीटू और जन नाटय मंच ने संयुक्त रुप से किया। कार्यक्रम में माकपा नेता वृंदा करात, ईश्वर सिंह त्यागी, जेपी शुक्ला, अधिवक्ता भारतेंदू शर्मा समेत अनेक लोग मौजूद रहे।

सफदर हाशमी हत्याकांड

प्रसिद्ध नाटककार सफदर हाशमी की साहिबाबाद के झंडापुर में एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं की भीड़ ने उनकी एक जनवरी 1989 को उस समय हत्या कर दी थी जब वह हल्ला बोल नाटक का मंचन कर रहे थे। भीड़ ने उन्हें सड़क पर खींचकर बेरहमी से मारा जिसकी वजह से उनकी मृत्यु हो गई। इस मामले में 13 लोग आरोपी बनाए गए जिन्हें वर्ष 2003 में अदालत ने दोषी ठहराया था।

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