लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) तथा राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) सब एक ही है। हर भारतीय इसके विरुद्ध है। इनके प्रति देशभर में जो आशंकाएं हैं, इससे लोगों में गहरा असंतोष पनप रहा है। इसके बावजूद भाजपा नेतृत्व सच नहीं बोल रहा है।
अखिलेश ने मंगलवार को जारी बयान में आरोप लगाया कि 19 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन में डेढ़ दर्जन से ज्यादा मौतें हुई। इनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं दी जा रही है। कार्रवाई के नाम पर उत्पीड़न किया जा रहा है। दुकानों और घरों में तोड़फोड़ की जा रही है। निर्दोषों को सताया जा रहा है। रामपुर में उत्पीड़न चरम पर है। कार्रवाई के नाम पर रंग कर्मियों और संस्कृति कर्मियों को पकड़ा जा रहा है। पत्रकारों के साथ भी पुलिस का व्यवहार नितांत अवांछनीय और निंदनीय है।
लेखपालों को उनकी जाति देखकर सेवाओं से किया जा रहा बर्खास्त
सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार की कथनी और करनी में काफी अंतर है। लेखपाल अपनी मांगो को लेकर आंदोलनरत हैं। उनकी जाति देखकर उन्हें सेवाओं से बर्खास्त किया जा रहा है। एनकाउंटर व मुकदमे जाति देखकर हो रहे हैं।