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मिर्जापुर: केन्द्र में सत्तारूढ़ भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक अपना दल-सोनेलाल (अनुप्रिया गुट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष पटेल ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के नेतृत्व के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए मंगलवार को कहा कि न केवल अपना दल बल्कि भाजपा के भी कई विधायक, सांसद और मंत्री प्रदेश शासन से नाराज हैं। पटेल ने संवाददाताओं से बातचीत में प्रदेश सरकार से नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि अपना दल के कोटे से केन्द्र में मंत्री बनीं अनुप्रिया पटेल को उत्तर प्रदेश में वह सम्मान नहीं मिलता जिसकी वह हकदार हैं। यहां तक कि उन्हें मेडिकल कॉलेजों के उद्घाटन कार्यक्रमों में भी नहीं बुलाया जाता।

उन्होंने कहा कि न केवल अपना दल बल्कि खुद भाजपा के विधायक, सांसद और यहां तक कि मंत्री भी प्रदेश 'शासन-सरकार से नाराज हैं और वे केन्द्रीय नेतृत्व से मिलकर अपनी नाराजगी जाहिर करना चाहते हैं। हालांकि पटेल ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी अगले चुनावों के बाद भी नरेन्द्र मोदी को ही प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहती है लेकिन सहयोगियों को बराबर का सम्मान मिलना चाहिए।

यह पूछने पर कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के हाल के विधानसभा चुनाव में भाजपा की पराजय के बाद 2019 में राजग कमजोर हो जायेगा, उन्होंने कहा ''ऐसा नहीं है। हम 2014 में भी भाजपा के साथ थे जब उनके दुर्दिन चल रहे थे। हालांकि पटेल ने कहा कि चुनावों में हार चिंताजनक है और भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व को इस पर विचार करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा, बसपा का भावी गठबंधन एक चुनौती है और उसका सामना करने के लिए राजग को अपना दल जैसे अपने घटक दलों के साथ बैठकर विचार-विमर्श करना चाहिए। यह पूछे जाने पर कि लोकसभा के चुनाव में अपना दल बंटवारे के तहत कितनी सीटों की अपेक्षा करता है, पटेल ने कहा कि ''यह समय आने पर बताया जायेगा, लेकिन हमारी ताकत पहले से बढ़ी है। हम सम्मान के भूखे हैं।

प्रदेश सरकार से विशेष तौर पर निगम अध्यक्षों के खाली पदों पर अपना दल के लोगों को नहीं चुने जाने पर पार्टी अध्यक्ष ने नाराजगी जतायी और कहा कि ''सरकार क्यों इंतजार करती रहती है कि दूसरी पार्टी के लोग पिछले दरवाजे से घुस आयें और फिर उन नियुक्तियों को रद्द करना पड़े।

गौरतलब है कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर भी काफी अरसे से भाजपा के खिलाफ आक्रामक रूख अख्तियार किये हुए हैं। राजभर कई बार यह धमकी भी दे चुके हैं कि लोकसभा चुनाव उनकी पार्टी अपने बूते पर लड़ सकती है।

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