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लखनऊ: राजधानी स्थित झूलेलाल स्मृति वाटिका के पास गुरुवार को बेहद गमगीन माहौल में भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां गोमती नदी में प्रवाहित की गईं। इससे पूर्व गोमती तट पर हुई सर्वदलीय श्रद्धांजलि सभा में तमाम दलों के नेताओं के अलावा धर्मगुरुओं ने अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। सभी ने स्वर्गीय वाजपेयी को युद्ध के मैदान से लेकर कूटनीति के क्षेत्र में देश का परचम लहराने वाला नेता बताया।

अस्थियों के विसर्जन के दौरान स्वर्गीय वाजपेयी के परिवार के सदस्यों के अलावा राज्यपाल राम नाईक, बिहार के नवनियुक्त राज्यपाल लालजी टंडन, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ, केंद्रीय राज्यमंत्री मनोज सिन्हा व अनुप्रिया पटेल समेत सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर और कई धर्मगुरु मौजूद थे।

 

तीन सीटों से एक साथ लड़े थे चुनाव 

राज्यपाल राम नाईक ने एक घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि शुरुआती दिनों 1957 में जनसंघ को उम्मीदवार नहीं मिलते थे। उस समय अटलजी ने तीन जगहों से एक साथ चुनाव लड़ा। मथुरा में 10 फीसदी वोट मिले और जमानत जब्त हो गई। दूसरी सीट लखनऊ से 33 प्रतिशत वोट पाकर दूसरे नम्बर पर रहे। वहीं, बलरामपुर से 51 फीसदी मत पाकर जीत गए।

अटलजी जहां भी होते नाम करते 

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा अटलजी को जो लोकप्रियता हासिल हुई, वह उन्हें प्रधानमंत्री होने के नाते नहीं बल्कि अगर वह और कहीं भी होते तो उनका उतना ही नाम होता। उन्होंने कहा, नेहरू जी ने उनको युवावस्था में ही कह दिया था वह प्रधानमंत्री बनेंगे। तब से लगातार 40 वर्षों तक यह नारा लगता रहा, अबकी बारी अटल बिहारी। नरसिम्हा राव और चंद्रशेखर भी प्रधानमंत्री रहते हुए उन्हें गुरुदेव कह कर सम्बोधित किया करते थे।

तो अटलजी की बात जरूर होगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने कहा कि आजादी के बाद उनके जैसे नेता का जाना एक युग का अवसान है। कहा, गांधीजी के ग्राम स्वराज की बात आएगी तो अटलजी की ग्राम सड़क योजना की बात जरूर होगी। उन्होंने स्वर्णिम चतुर्भुज योजना की कल्पना ही नहीं की बल्कि उसे साकार भी किया। जब भी विकास और भारत के नवनिर्माण की बात आएगी तो अटलजी की बात जरूर होगी। हमेशा याद किया जाएगा : बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा कि 14 वर्ष की आयु से अब तक जिस सूर्य से प्रकाशित होता रहा, वो सूर्य अस्त हो गया लेकिन उनके कार्यों से उन्हें बराबर याद किया जाएगा।

विश्वस्तरीय अमर पुरुष हैं अटलजी 

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. महेन्द्र नाथ पांडेय ने सर्वदलीय श्रद्धांजलि सभा में आए सभी दलों के नेताओं व गणमान्य व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि 20वीं शताब्दी के मध्य से 21वीं शताब्दी के प्रारम्भ तक पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की न सिर्फ भारत बल्कि पूरे विश्व में स्वीकार्यता रही है। वे विश्वस्तरीय अमर पुरुष हैं। हमारे नेता थे अटलजी : सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने कहा कि आज बहुत अफसोस है कि अटलजी हमारे बीच में नहीं रहे। मेरा बहुत लंबा जीवन उनके साथ गुजरा है। हमेशा उनसे बात होती, सुझाव लेते-देते थे। वो केवल भाजपा या भारत के नहीं बल्कि विश्व के नेता थे। मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है। हमें गर्व है कि हमारे नेता अटलजी थे।

अटलजी ने आशीर्वाद दिया 

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने कहा कि लखनऊ में उनके सामने मेरा नाम चुनाव लड़ने के लिए आया। मैं फ्लाइट से आ रहा था। देखा तो सामने अटलजी बैठे थे। मैं ठिठका लेकिन वे मुस्कुराते हुए दिखे। मेरे हाथ अपने आप जुड़ गए। मैं बोल पड़ा, मैंने बचपन से आपको देखकर बोलना सीखा है। आशीर्वाद दीजिए कि मेरे मुंह से कोई अप्रिय बात न निकले। उन्होंने मुझे आशीर्वाद दिया। वे बड़े मन के आदमी थे।

धर्मगुरुओं ने उ‌न्हें निर्विवाद नेता बताया

मुस्लिम धर्मगुरु कल्बे जव्वाद ने कहा कि अटलजी ने हमेशा अमन और शांति की बुनियाद पर सियासत की। उनसे लोगों का मोहब्बत का संबंध था। उनके जाने के बाद उन्हें बड़ी सिद्दत से याद करते हैं। मौलाना खालिद फिरंगी महली ने कहा कि अटलजी गंगा-जमुनी तहजीब के जीती जागती मिसाल थे। सिख समाज से सरदार गुरमीत सिंह ने कहा कि अटलजी सभी से निश्छल भाव से मिले और उसी के होकर रह गए। जूना अखाड़े के संत यतीन्द्रानन्द गिरी ने कहा कि अटलजी सभी के लिए सहज और सरल थे। ईसाई धर्मगुरु राकेश क्षेत्री ने कहा कि उनका किसी से मनभेद कभी नहीं रहा।

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