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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): बजट सत्र के दौरान आज श्वेत पत्र पर संसद में चर्चा हो रही है। केंद्र सरकार ने कल यानि गुरुवार को ही संसद में आर्थिक स्थिति को लेकर श्वेत पत्र पेश किया था। यह श्वेत पत्र 2004 से 2014 तक के यूपीए के कार्यकाल और 2014 से अब तक एनडीए काल में आर्थिक स्थिति पर लाया गया था।

लोकसभा में चर्चा की शुरूआत करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू के वक्त वाले मुदरा घोटाले से लेकर मनमोहन सिेह के वक्त तक के घोटालों का ज़िक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस  का घोटालों का इतिहास है। कांग्रेस भ्रष्टाचार की जननी है।

मनीष तिवारी ने सिलसिलेवार यूपीए सरकार की उपलब्घियों का किया ज़िक्र

कांग्रेस के मनीष तिवारी ने श्वेत पत्र को काला पत्र करार दिया। उन्होंने कहा कि भारत की शुरूआत 2014 से नहीं हुई है। मनीष तिवारी ने 2004 से लेकर 2014 तक सिलसिलेवार यूपीए सरकार की उपलब्घियों का ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने "सूचना का अधिकार" दिया था।

नई दिल्ली: राज्यसभा से सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों के योगदान को याद करते हुए सभापति जगदीप धनखड़ ने बृहस्पतिवार को कहा कि उच्च सदन को उनके अनुभवों की बहुत कमी खलेगी और उनके जाने से एक रिक्तता पैदा होगी। उपराष्ट्रपति उच्च सदन के उन 68 सांसदों को विदाई दे रहे थे जो इस साल फरवरी से मई के बीच सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे सम्मानित सहयोगियों की सेवानिवृत्ति निस्संदेह एक शून्य पैदा करेगी। अक्सर यह कहा जाता है कि हर शुरुआत का अंत होता है और हर अंत की एक नई शुरुआत होती है।’’ उन्होंने कहा कि कोई भी सार्वजनिक सेवा से कभी सेवानिवृत्त नहीं होता है। उन्होंने सदस्यों के एक सक्रिय सार्वजनिक जीवन की कामना भी की।

उन्होंने कहा, ‘‘संसद के ये पवित्र कक्ष लोकतंत्र के मंदिर का गर्भगृह हैं। इस सभा के मंच से अपनी मातृभूमि की सेवा करने में सक्षम होना एक विशिष्ट सम्मान और दुर्लभ सौभाग्य है।’’

नई दिल्ली, (जनादेश ब्यूरो): वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज लोकसभा में 2014 के पहले की भारतीय अर्थव्यवस्था से जुड़ा एक श्वेतपत्र पेश किया। इस श्वेतपत्र में यूपीए सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन के बारे में बताया गया है। यूपीए सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन के बारे में वर्तमान केंद्र सरकार की ओर से जारी श्वेत पत्र में बातया गया है कि तत्कालीन सरकार आर्थिक क्रियाकलावों को सुचारु रूप से चलाने में विफल रही। उसकी जगह पर सरकार की ओर से लिए गए निर्णय देश को और पीछे की ओर ले गए। सरकार ने कहा कि यूपीए सरकार की आर्थिक नीतियां जब वे सत्ता में आए औसत दर्जे की थीं, जैसे-जैसे दशक बीतता गया वे और खराब होती गईं।

यूपीए आर्थिक गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने में विफल रहीः श्वेत पत्र

श्वेत पत्र के अनुसार यूपीए सरकार आर्थिक गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने में बुरी तरह विफल रही। इसके बजाय यूपीए सरकार ने ऐसी बाधाएं पैदा कीं जिससे अर्थव्यवस्था रुक गई। उस सरकार ने वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के सुधारों के विलंबित प्रभावों और अनुकूल वैश्विक परिस्थितियों का लाभ उठाया

नई दिल्ली, (जनादेश ब्यूरो): केंद्र की एनडीए सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों का ‘इंड़िया‘ गठबंधन आज दिल्ली के जंतर मंतर पर दक्षिण से लेकर उत्तर भारत तक एकजुट नज़र आया। केरल की वामपंथी सरकार ने राज्यों के प्रति केंद्र सरकार की उपेक्षा‘ के विरोध में प्रदर्शन का आव्हान किया था।

गुरूवार 08 फरवरी को दिल्ली के जंतर मंतर पर ‘ इंड़िया‘ गठबंधन के अधिकांश घटक एकमंच पर मौजूद थे। हांलांकि केरल में प्रमुख विपक्ष कांग्रेस वामपंथी सरकार के इस मंच पर मौजूद नहीं थी।

"राज्यों के प्रति केंद्र सरकार की उपेक्षा" के विरोध में प्रदर्शन" 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला के अलावा तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. स्टालिन सरकार के मंत्री मंच पर मौजूद थे। प्रदर्शन के दौरान सीएम स्टालिन का वक्तव्य मंच से पढा गया। विरोध प्रदर्शन के दौरान राज्यसभा के स्वतंत्र सांसद कपिल सिब्बल, सीपीआई (एम) के सीताराम यचुरी, सीपीआई  के राजा समेत अन्य वक्ताओं ने जनसमूह को संबोधित किया।

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