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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): बजट सत्र के दौरान आज श्वेत पत्र पर संसद में चर्चा हो रही है। केंद्र सरकार ने कल यानि गुरुवार को ही संसद में आर्थिक स्थिति को लेकर श्वेत पत्र पेश किया था। यह श्वेत पत्र 2004 से 2014 तक के यूपीए के कार्यकाल और 2014 से अब तक एनडीए काल में आर्थिक स्थिति पर लाया गया था।

लोकसभा में चर्चा की शुरूआत करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू के वक्त वाले मुदरा घोटाले से लेकर मनमोहन सिेह के वक्त तक के घोटालों का ज़िक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस  का घोटालों का इतिहास है। कांग्रेस भ्रष्टाचार की जननी है।

मनीष तिवारी ने सिलसिलेवार यूपीए सरकार की उपलब्घियों का किया ज़िक्र

कांग्रेस के मनीष तिवारी ने श्वेत पत्र को काला पत्र करार दिया। उन्होंने कहा कि भारत की शुरूआत 2014 से नहीं हुई है। मनीष तिवारी ने 2004 से लेकर 2014 तक सिलसिलेवार यूपीए सरकार की उपलब्घियों का ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने "सूचना का अधिकार" दिया था।

उन्होंने कहा, आम आदमी दस रूपये के खर्च पर सरकार से जानकारी मांग सकता था। इन दस सालों में इस कानून की क्या स्थिति है, यह किसी से छिपा नहीं है।

यूपीए सरकार की आर्थिक नीतियां औसत दर्जे की थीं

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण गुरूवार 08 फरवरी को लोकसभा में 2014 के पहले की भारतीय अर्थव्यवस्था से जुड़ा एक श्वेतपत्र पेश किया। इस श्वेतपत्र में यूपीए सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन के बारे में बताया गया है। यूपीए सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन के बारे में वर्तमान केंद्र सरकार की ओर से जारी श्वेत पत्र में बातया गया है कि तत्कालीन सरकार आर्थिक क्रियाकलावों को सुचारु रूप से चलाने में विफल रही। उसकी जगह पर सरकार की ओर से लिए गए निर्णय देश को और पीछे की ओर ले गए। सरकार ने कहा कि यूपीए सरकार की आर्थिक नीतियां जब वे सत्ता में आए औसत दर्जे की थीं, जैसे.जैसे दशक बीतता गया वे और खराब होती गईं।

इस पत्र में बताया गया है कि किस तरह से यूपीए के काल में देश की आर्थिक स्थिति खराब थी और कैसे एनडीए के सत्ता में आते ही उन्होंने ना सिर्फ अर्थव्यवस्था को मजबूती दी बल्कि देश को विकास के नए मार्ग पर लेकर भी चले। आज देश 2047 तक विकसित भारत बनने के मिशन पर काम कर रहा है।

बता दें कि श्वेत पत्र पेश किए जाने से पहले संसदीय वित्त समिति के अध्यक्ष और भाजपा के जयंत सिन्हा ने कहा था कि श्वेत पत्र 2014 तक देश की ‘खराब आर्थिक स्थिति‘ और इसके बाद मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था में कैसे सुधार किया, इस पर प्रकाश डालेगा।

 

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