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नई दिल्‍ली: यहाँ स्थित पार्टी कार्यालय में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ कई केंद्रीय मंत्रियों, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने रविवार को नामांकन प्रक्रिया के दौरान पार्टी अध्यक्ष पद के लिए शाह के नाम का प्रस्ताव किया। भाजपा अध्यक्ष पद के लिए शाह के निर्विरोध चुने जाने की घोषणा आज दोपहर सवा एक बजे के बाद की गई। नामांकन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद उनके निर्वाचन की घोषणा की गई। इस पद के लिए मैदान में कोई अन्य उम्मीदवार नहीं था। शाह के नाम का प्रस्ताव करने वालों में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अनंत कुमार, जे पी नड्डा, एम वेंकैया नायडू के अलावा भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों में वसुंधरा राजे, रघुवर दास, शिवराज सिंह चौहान एवं अन्य शामिल हैं। भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक 28 जनवरी को शाम में निर्धारित की गई है, जहां नए कार्यकाल के लिए शाह का स्वागत किया जाएगा। मोदी के बेहद करीबी माने जाने वाले शाह के लिए यह पूर्ण कार्यकाल होगा, जो तीन वर्षों का होगा।

नई दिल्ली: कोहरे के कारण 68 ट्रेनें जिन्हें पहले रद्द किया गया था या जो देरी से चल रही थीं, उन्हें 25 जनवरी से पूरी तरह बहाल किया जाएगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रेलवे जम्मू मेल, उत्तरांचल संपर्क क्रांति एक्सप्रेस और भागलपुर गरीब रथ समेत 34 जोड़ी ट्रेनों की सेवा 25 जनवरी को बहाल करेगी। उन्होंने बताया कि मौसम की स्थिति की समीक्षा करने के बाद यह निर्णय लिया गया है। यात्रियों को होने वाली परेशानियों को ध्यान में रखते हुए कुछ ट्रेनें सोमवार से भी बहाल की जाएंगी। इस बीच कोहरे के चलते शनिवार को भी रेल सेवा प्रभावित रही।

नई दिल्ली: पठानकोट हमले के बाद शक के घेरे में आए गुरदासपुर के पूर्व पुलिस अधीक्षक सलविंदर सिंह को एनआईए ने संदेह मुक्त कर दिया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी के सूत्रों ने शनिवार को कहा कि सलविंदर के खिलाफ लाई डिटेक्टर एवं अन्य परीक्षण में कुछ भी प्रतिकूल नहीं मिला है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सलविंदर से करीब 15 दिनों से एनआईए मुख्यालय में पूछताछ चल रही इै। इसके अलावा कई वैज्ञानिक परीक्षण भी किए गए। उनके गुरदासपुर और अमृतसर स्थित आवासों की भी तलाशी ली गई। लेकिन इस दौरान न तो उनके खिलाफ कोई सुराग मिला है और न ही कोई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए हैं।

नई दिल्‍ली: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 18 अगस्त 1945 को ताइपे में विमान दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। नेताजी के रहस्यमय तरीके से गायब होने को लेकर विवाद के बीच एक कैबिनेट नोट में 50 साल बाद यह जानकारी सार्वजनिक की गई है। हालांकि, विमान दुर्घटना के पांच दिन बाद ब्रिटिश राज के एक शीर्ष अधिकारी ने नेताजी के खिलाफ युद्ध अपराधी के तौर पर मुकदमा चलाने के नफा-नुकसान का आकलन किया था और सुझाया था कि सबसे आसान तरीका यह होगा कि वह जहां हैं उन्हें वहीं छोड़ दिया जाए और उनकी रिहाई की मांग नहीं की जाए। यह संकेत देता है कि वह तब जिंदा रहे हो सकते हैं। ये बातें उन दस्तावेजों से सामने आई हैं जो 100 गोपनीय फाइलों का हिस्सा हैं। ये फाइलें 16 हजार 600 पन्ने में हैं और इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को नेताजी की 119 वीं जयंती पर सार्वजनिक किया।

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