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नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस से पहले आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के 18 संदिग्ध हमदर्दों को गिरफ्तार कर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने देश में आतंकी वारदातों को अंजाम देने की एक बड़ी साजिश नाकाम की है। मीडिया रिपोर्टों की मानें तो एनआईए को यह कामयाबी अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के एक टिप से मिली। रिपोर्टों के मुताबिक सीआईए लगातार पश्चिम एशिया में आईएस की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कंप्यूटर के आईपी एड्रेस और स्मार्ट फोन नजर बनाए रखती है। सीआईए को आईएस के संदिग्धों के बीच एक कोड वर्ड में की जा रही बातचीत में पता चला। '7 कलश रख दो' को डिकोड करते हुए अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने भारतीय एजेंसियों को चौकन्ना किया। ऐसा पहली बार हुआ कि भारत में आईएसआईएस की मौजूदगी की आशंका के सुराग मिले।आतंकी संगठन IS ने देश में भयानक हमले की खूंखार साजिश रची थी। ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि 60 IS ऑपरेटिव्स देशभर में सक्रिय हैं।

 आईएस की प्लानिंग हरिद्वार, गोवा शहरों सहित विदेशियों और पुलिसबलों पर हमले की थी। खुफिया सूत्रों से जानकारी मिली है कि सीरिया में गए एक भारतीय ने ही देश में IS की शाखा तैयार करने में अहम भूमिका निभाई है। खुफिया एजेंसियों से जानकारी मिली है कि भारत से सीरिया, इराक गए इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी 2014 से ही भारत में भर्ती का काम देख रहे हैं। भारत में IS का खतरा उससे बेहद बड़ा है, जितना हम और आप इसे देख रहे हैं। आईएम के फरार आतंकी साइबर वर्ल्ड का सहारा लेकर नौजवानों को भड़काने का काम कर रहे हैं। IS के लिए नौजवानों की भर्ती की साजिश को मुख्य रूप से कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, यूपी और दिल्ली में अंजाम दिया जा रहा है। इन्हीं राज्यों के शहरों में भीड़भाड़ वाले कार्यक्रमों पर IS की नजर थी। आतंकी संगठन की प्लानिंग हरिद्वार के कुंभ मेला, गोवा के सैलानियों पर हमला करने की थी इसी महीने अखलाक और यूसुफ के बीच '7 कलश रख दो' मैसेज आपस में शेयर किया गया था। सूत्रों के मुताबिक, इसका मतलब देश में 7 जगह ब्लास्ट करना था। इसी कोड को अमेरिकी एजेंसी ने इंडियन एजेंसियों को शेयर किया। जिसे बाद में एसएसए अजीत डोभाल को ब्रीफ किया गया था। गौरतलब है कि शुक्रवार को एनआईए ने स्थानीय पुलिस बलों की मदद से छह शहरों- बेंगलूरू, तुमकुर, मंगलूरू, हैदराबाद, मुंबई और लखनऊ में एक साथ 12 ठिकानों पर तलाशी और छापेमारी में 13 लोगों को गिरफ्तार किया। तलाशी के दौरान विस्फोटकों में विस्फोट कराने में उपयोग होने वाले सर्किट बरामद किए गए। एनआईए ने कहा कि इन जगहों से मोबाइल फोन, लैपटॉप, बेहिसाब नकदी, जिहादी साहित्य और वीडियो एवं बम तैयार करने वाली सामग्री सहित कई चीजें बरामद की गयीं। एनआईए ने कहा, ‘ये लोग विस्फोटक-हथियार की खरीद का एक चैनल स्थापित करने, आग्नेयास्त्र चलाने के प्रशिक्षण समेत प्रशिक्षिण शिविरों के आयोजन के ठिकाने चिह्नित करने, भारत में पुलिस अधिकारियों, विदेशियों को निशाना बनाने के लिए नयी सदस्यों को प्रोत्साहित करने और भारत के विभिन्न हिस्सों में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बना रहे थे, कोशिश कर रहे थे।’ एनआईए ने कहा कि उसे सूचना मिली थी कि देश के अलग-अलग शहरों में कुछ लोग देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकी कृत्यों को अंजाम देने के लिए खुद को संगठित कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार गिरफ्तार लोग ‘जनूद उल खलीफा ए हिन्द’ (हिंदुस्तान के खलीफा के सैनिक) नाम के आतंकी समूह का हिस्सा हैं जिसकी विचारधारा लगभग आईएसआईएस जैसी है। उन्होंने कहा कि संदिग्ध पिछले कुछ समय से निगरानी के घेरे में थे और समूह को देश में ‘कुछ सनसनीखेज’ हमले करने के ‘निर्देश’ मिले थे जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार करने का फैसला किया गया। महाराष्ट्र आतंक रोधी स्क्वाड ने आईएसआईएस से संबंध रखने के संदहे में दो लोगों को पकड़ा है। पुलिस सूत्रों ने शनिवार को बताया कि मुंबई और औरंगाबाद से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनकी पहचान क्रमश: हुसैन खान और इमरान पठान के तौर पर की गई है। उन्हें राष्ट्रीय जांच एजेंसी के सुपुर्द कर दिया गया है। आतंक रोधी स्क्वाड के एक अधिकारी ने बताया कि खान को कल दक्षिणी मुंबई के मझगांव से गिरफ्तार किया गया वहीं पठान को आज सुबह औरंगाबाद जिले से गिरफ्तार किया गया।

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