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नई दिल्ली: सांसदों/विधायकों के खिलाफ लंबित मुकदमों के तेजी से निपटारे पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अधीनस्थ हाईकोर्ट को आदेश देते हुए कहा है कि सभी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस स्वतः संज्ञान लेकर एक केस दर्ज करें और विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट में चल रहे मामलों की निगरानी करें।

वेबसाइट पर डाला जाए डाटा

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जिला जज से इन मामलों के निस्तारण के लिए समय-समय पर रिपोर्ट लेते रहें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस वेबसाइट में लगातार एमपी/एमएलए के खिलाफ लंबित केस का ब्यौरा डाला जाए।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनाई गई थी एमपी/एमएलए कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने सांसदों और विधायकों के खिलाफ बढ़ते हुए आपराधिक मामलों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को उन सभी राज्यों में विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट बनाने का आदेश दिया था जहां पर इन लोक प्रतिनिधियों के खिलाफ कुल 65 से अधिक मामले लंबित थे।

नई दिल्ली: लोकसभा की एथिक्स कमेटी गुरुवार (9 नवंबर) को एक बैठक करेगी, जिसमें तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ कैश-फॉर-क्वेरी मामले में एक मसौदा रिपोर्ट स्वीकार की जा सकती है।

एथिक्स कमेटी की 15 सदस्यीय समिति में बीजेपी के सात, कांग्रेस के तीन सदस्य हैं। वहीं इस कमेटी में बीएसपी, शिवसेना, वाईएसआरसीपी, सीपीआई (एम) और जेडीयू से एक-एक सदस्य शामिल हैं।

महुआ मोइत्रा ने लगाया था आरोप

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से शिकायत की थी। उन्होने टीएमसी सांसद पर दर्शन हीरानंदानी से पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया था। यह संभावना जताई जा रही है कि एथिक्स कमेटी महुआ मोइत्रा के आरोपों पर गंभीर रुख अपना सकती है। पिछली बैठक में महुआ मोइत्रा विपक्षी सांसदों के साथ गुस्से में बाहर आ गई थी। उस बैठक में एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष विजय सोनकर पर व्यक्तिगत सवाल पूछने का आरोप लगाया था।

नई दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं को लेकर दिए गए बयान पर बुधवार (8 नवंबर) को माफी तो मांग ली, लेकिन इसको लेकर विवाद थमता नहीं दिख रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीतीश कुमार की आलोचना करते हुए कहा कि इससे भारत की छवि धूमिल हुई है।

वहीं, नीतीश कुमार ने जनसंख्या नियंत्रण पर बोलते हुए महिला शिक्षा के महत्व पर टिप्पणी को बुधवार को वापस ले लिया। उन्होंने कहा ‘‘अगर मेरी किसी बात को लेकर तकलीफ हुई है, तो मैं अपनी बात को वापस लेता हूं और मैं अपनी निंदा करता हूं। दुख प्रकट करता हूं। आपने (विपक्षी सदस्यों ने) कहा कि मुख्यमंत्री शर्म करें, मैं न सिर्फ शर्म कर रहा हूं, मैं इसके लिए दुख प्रकट कर रहा हूं। मैं इन सारी चीजों को वापस लेता हूं।’’

पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश के गुना में चुनावी रैली में नीतीश कुमार का नाम लिए बिना कहा कि किसी विपक्षी दल ने इसकी आलोचना नहीं की। उन्होंने कहा, ''इंडिया गठबंधन के बड़े नेताओं में से एक, जो गठबंधन का झंडा ऊंचा रख रहे हैं और वर्तमान सरकार (केंद्र में) को हटाने के लिए तरह-तरह के खेल खेल रहे हैं।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को पांच साल बढ़ाने की पीएम मोदी की चुनावी रैली के दौरान की गई घोषणा को लेकर बयावबाजी जारी है। इस बीच पीएम मोदी ने बुधवार (8 नवंबर) को दावा किया कि इसको लेकर कांग्रेस उनके खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत करने वाली है।

इस दावे को कांग्रेस ने खारिज किया है। चुनाव आयोग पहुंचे कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल में शामिल अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ''कोई भी शिकायत अभी तक हमने चुनाव आयोग में नहीं दी है। मेरी पीठ के पीछे किसी ने कोई शिकायत की हो तो पता नहीं। शायद भविष्य में दे क्योंकि पीएम मोदी जिस तरीक से बोल रहे हैं वो कारण होगा।''

'चुनाव आयोग से शिकायत करना चाहती है कांग्रेस: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश के गुना में कहा कि कांग्रेस वाले परेशान हो गए हैं कि मोदी ने अब 5 वर्ष तक गरीबों के लिए मुफ्त अनाज देने की घोषणा क्यों कर दी है। उन्होंने कहा, ''कांग्रेस ने घोषणा की है कि वो चुनाव आयोग जाएंगे। मोदी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएंगे।

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