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नई दिल्ली: बीजेपी नेता निशिकांत दुबे ने तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया था, जिसके बाद एथिक्स कमेटी के सामने पेश होने पर विपक्षी सांसदों ने अनैतिक सवाल पूछने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। इस बीच बुधवार (8 नवंबर) को बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे एक्स पर दावा किया कि महुआ मोइत्रा पर सीबीआई जांच का आदेश दिया गया। इस पर टीएमसी सांसद ने रिप्लाई किया है।

आइए मेरी जूती काउंट कर लें: महुआ मोइत्रा

टीएमसी सांसद ने एक्स पर कहा कि सीबीआई को सबसे पहले अडानी मामले को लेकर एफआईआर दर्ज करनी चाहिए। उन्होंने गृह मंत्रालय को टैग करते हुए लिखा, "नेशनल सिक्योरिटी का बड़ा मुद्दा ये है कि कैसे संदिग्ध एफपीआई स्वामित्व वाली (चीनी और संयुक्त अरब अमीरात सहित) कंपनियां भारतीय बंदरगाहों और हवाई अड्डों को खरीद रही है। इसके बाद सीबीआई आपका स्वागत है, आइए मेरी जूती काउंट कर लें।"

नई दिल्ली: "कैश-फॉर-क्वेरी" मामले में एथिक्स कमेटी में मतभेद देखने को मिल रहा है। जानकारी के अनुसार एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट में कांग्रेस के 2 सांसद असहमति नोट देने वाले हैं। इसके अलावा भी कई अन्य विपक्षी सांसद इस मुद्दे पर विचार कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस सांसद उत्तम रेड्डी और वैद्यलिंगम इस मामले में असहमत हैं। एथिक्स कमेटी की बैठक 9 नवंबर को होने वाली है।

एथिक्स कमेटी की जांच बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत पर की गई है। दुबे ने आरोप लगाया था कि महुआ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अदाणी समूह को निशाना बनाने के लिए संसद में प्रश्न पूछने के एवज में उनके व्यापारिक प्रतिद्वंद्वी व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत ली है। निशिकांत दुबे की तरफ से लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को लिखे गए पत्र में महुआ को संसद से तत्काल निलंबित करने की मांग की गई थी।

वहीं कारोबारी दर्शन हीरानंदानी ने अपने हलफनामे में महुआ मोइत्रा के संसदीय लॉगिन पर प्रश्न पोस्ट करने की बात स्वीकार की थी। हालांकि कैश-फॉर-क्वेरी मुद्दे पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया था।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों को बैन करने के मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि हमने जो पिछले आदेश दिए थे वो केवल दिल्ली भर के नहीं थे। पटाखों को बैन करने का हमारा आदेश पूरे देश के लिए था।

उन्होंने कहा, 'हमने अपने पुराने आदेश में पटाखों पर पूर्ण रोक का मसला स्थानीय सरकार पर छोड़ा था, लेकिन हॉस्पिटल जैसी स्वास्थ्य के लिहाज से संवेदनशील जगहों पर पटाखे न चलाने, पटाखे चलाने की समय सीमा तय करने के लिए कहा था। एनसीआर में आने वाले राजस्थान के इलाकों के लिए दिल्ली-एनसीआर वाले नियम लागू होंगे। यानि पटाखों पर रोक रहेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी उस समय की जब वह दिल्ली एनसीआर समेत देश भर के अन्य शहरों में बढ़ते प्रदूषण के मामले की सुनवाई कर रहे थे। पंजाब में पराली जलाने, देश के बाकी हिस्सों में अन्य कारणों से प्रदूषण के स्तर में हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए अदालत ने कहा, यह सिर्फ अदालत का काम नहीं है कि वह प्रदूषण को रोके, ये सभी की जिम्मेदारी है खासकर सरकार की सबसे ज्यादा जवाबदेही है।

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली गैस चैंबर बनी हुई है। ऐसे में दिल्लीवासियों की सांसों पर संकट बरकरार है। दिवाली से पहले राहत मिलती हुई भी नहीं दिख रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यानि सीपीसीबी के अनुसार, मंगलवार को भी दिल्ली में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बना हुआ है। सुबह के वक्त कई इलाकों में धुंध की चादर छाई हुई है। ऐसे में लोगों को मौसम के मेहरबान होने का इंतजार करना होगा। वहीं दूसरी तरफ दिल्ली को प्रदूषण मुक्त करने के लिए सरकार जमीन पर योजनाएं उतार रही है। ऑड-ईवन को लागू किया जा रहा है। अभी भी दिल्ली एनसीआर के कई इलाकों में वायु प्रदूषण सूचकांक 400 से 500 के बीच बना हुआ है। कई हिस्सों में पीएम2.5 खतरनाक स्तर 500 से भी ऊपर चला गया है। मौसम निगरानी एजेंसियों ने इसे 'गंभीर' माना है।

बीते दिन भी दिल्ली सर्वाधिक प्रदूषित रही। सोमवार को यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 421 दर्ज किया गया। हालांकि, रविवार के मुकाबले 33 अंकों की गिरावट दर्ज की गई। जहांगीरपुरी और वजीरपुर समेत 24 इलाकों में हवा गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई। सुबह से ही स्मॉग की चादर छाई रही।

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