नई दिल्ली: लोकसभा की एथिक्स कमेटी गुरुवार (9 नवंबर) को एक बैठक करेगी, जिसमें तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ कैश-फॉर-क्वेरी मामले में एक मसौदा रिपोर्ट स्वीकार की जा सकती है।
एथिक्स कमेटी की 15 सदस्यीय समिति में बीजेपी के सात, कांग्रेस के तीन सदस्य हैं। वहीं इस कमेटी में बीएसपी, शिवसेना, वाईएसआरसीपी, सीपीआई (एम) और जेडीयू से एक-एक सदस्य शामिल हैं।
महुआ मोइत्रा ने लगाया था आरोप
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से शिकायत की थी। उन्होने टीएमसी सांसद पर दर्शन हीरानंदानी से पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया था। यह संभावना जताई जा रही है कि एथिक्स कमेटी महुआ मोइत्रा के आरोपों पर गंभीर रुख अपना सकती है। पिछली बैठक में महुआ मोइत्रा विपक्षी सांसदों के साथ गुस्से में बाहर आ गई थी। उस बैठक में एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष विजय सोनकर पर व्यक्तिगत सवाल पूछने का आरोप लगाया था।
ये नेता करेंगे असहमति नोट प्रस्तुत
ऐसे में ये संकेत मिल रहे हैं कि विपक्षी सदस्यों के असहमति नोट दिए जाने की संभावना के बीच एथिक्स कमेटी लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को अपनी रिपोर्ट में टीएमसी सांसद के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश कर सकती है।
कांग्रेस के अनुसार उनके सदस्य एन उत्तम कुमार रेड्डी और वी वैथिलिंगम असहमति नोट प्रस्तुत करेंगे। बसपा सांसद दानिश अली भी असहमति नोट प्रस्तुत करने के लिए तैयार हैं।
कांग्रेस सांसद को कार्यवाही से दूर रखने का आरोप
एथिक्स कमेटी को अपने मसौदा रिपोर्ट पर विचार करने और उसे स्वीकार करने को लेकर मंगलवार (7 नवंबर) को बैठक करनी थी, लेकिन उसे स्थगित कर दिया गया था। जिस पर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने दावा किया था कि कांग्रेस सांसद को इस कार्यवाही से दूर रखने और बहुमत से रिपोर्ट को स्वीकार करने के लिए यह बैठक स्थगित कर दी गई थी।
महुआ मोइत्रा ने दावा किया, "एथिक्स कमेटी की कोई भी मसौदा रिपोर्ट सांसदों को वितरित नहीं की गई थी। वहीं बीजेपी नेता बहुमत से रिपोर्ट स्वीकार करने को लेकर सहयोगियों से संपर्क कर रहे थे।"