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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को होने वाले क्रिकेट वर्ल्ड कप फाइनल में मौजूद रहने वाले हैं। पीएम मोदी रविवार शाम अहमदाबाद पहुंचेंगे। वह अहमदाबाद क्रिकेट स्टेडियम पहुंचकर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच होने वाले वर्ल्ड कप फाइनल का लुत्फ उठाएंगे। इस दौरान दो से तीन राज्यों के मुख्यमंत्री भी मौजूद रहने वाले हैं। 

पीएम मोदी का अहमदाबाद शेड्यूल जारी

पीएम मोदी के रविवार को होने वाले गुजरात दौरे का पूरा शेड्यूल जारी हो गया है। पीएम मोदी रविवार शाम 4.30 से 5 बजे के करीब अहमदाबाद एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे। प्रधानमंत्री को इससे पहले राजस्थान के तारानगर और झुंझुनूं में सभा को संबोधित करेंगे। राजस्थान विधानसभा चुनाव के मद्देनजर वह राजस्थान में पहले सभा करेंगे और फिर गुजरात के लिए रवाना होंगे। वह अहमदाबाद एयरपोर्ट पर शाम के वक्त पहुंचेंगे और फिर सीधे राजभवन का रुख करेंगे। यहां उनके स्वागत के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल मौजूद रह सकते हैं।

नई दिल्ली: 19 नवंबर को अहमदाबाद में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आईसीसी वर्ल्ड कप का फाइनल महा मुकाबला होने जा रहा है। वर्ल्ड कप के इस फाइनल मैच को देखने खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जाएंगे। सूत्रों ने कन्फर्म किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 नवंबर को अहमदाबाद जाएंगे, जहां वह नरेंद्र मोदी स्टेडिमय में बैठकर भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया का फाइनल मुकाबला देखेंगे। सूत्रों ने यह भी बताया है कि इस फाइनल मुकाबले को देखने के लिए ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री भी आ सकते हैं। हालांकि, अब तक ऑस्ट्रेलियाई पीएम को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

मीडिया रिपोर्ट की मानें तो भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया का वर्ल्ड कप मुकाबला देखने के लिए भारत सरकार की ओर से ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज को न्योता भेजा गया है। इतना ही नहीं, ऑस्ट्रेलिया के डिप्टी पीएम को भी न्योता गया है और माना जा रहा है कि ये दोनों मैच देखने अहमदाबाद आएंगे। साथ ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी इस दौरान स्टेडियम में मौजूद रहेंगे। फिलहाल, ऑस्ट्रेलियाई पीएम के आने को लेकर आधिकारिक पुष्टि का इंतजार है।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को डीपफ़ेक वीडियो बनाने के लिए आर्टिफ़िशियल इन्टेलिजेन्स (एआई) के दुरुपयोग का ज़िक्र कियाऔ र इसे 'बड़ी चिंता' करार दिया। पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने चैटजीपीटी टीम से डीपफ़ेक वीडियो को फ़्लैग करने और इस तरह के वीडियो इंटरनेट पर सर्कुलेट होने की स्थिति में चेतावनी जारी करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे के बारे में मीडिया को लोगों को शिक्षित करना चाहिए।

केंद्र सरकार ने इस तरह के मामलों के पीड़ितों को पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाने और 'सूचना प्रौद्योगिकी नियमों के तहत उपलब्ध उपायों का फ़ायदा उठाने' की सलाह दी है। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने पिछले सप्ताह कहा था कि गलत सूचनाओं के फैलाव को रोकना ऑनलाइन प्लेटफार्मों की 'कानूनी ज़िम्मेदारी' है। उन्होंने कहा था कि सरकार नागरिकों की सुरक्षा और भरोसे को 'बेहद गंभीरता' से लेती है और विशेष रूप से हमारे बच्चों और महिलाओं को लेकर क्योंकि उन्हें ही आमतौर पर ऐसी सामग्री द्वारा टारगेट किया जाता है।"

नई दिल्लीः करीब 12 साल बाद भारतीय क्रिकेट टीम एक बार फिर विश्व कप जीतने वाली है। विश्व कप जीतने से टीम इंडिया महज एक कदम दूर है। 19 नवंबर को होने वाले विश्व कप 2023 के फाइनल मैच जीतकर भारत तीसरी बार वर्ल्ड कप जीतने वाला देश बनने के मुकाम पर खड़ा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कभी भारतीय क्रिकेट टीम की सदस्यता पर बड़ा खतरा मंडराया था, जिसे तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने एक फैसला लेकर टाल दिया था।

जाने वाली थी भारत की आईसीसी की सदस्यता

मौजूदा समय में भारतीय क्रिकेट बोर्ड किसी भी चीज का मोहताज नहीं है। आईसीसी में बीसीसीआई का एक तरफा राज माना जाता है। लेकिन एक वक्त था, जब इसकी सदस्यता छीनने वाली थी। 1947 में स्वतंत्रता के बाद, भारतीय क्रिकेट मंदी में था क्योंकि उसे वैश्विक क्रिकेट शासी निकाय की सदस्यता खोने का खतरा था। देश के प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू के एक राजनीतिक निर्णय ने यह सुनिश्चित किया कि भारतीय क्रिकेट टीम इंपीरियल क्रिकेट सम्मेलन का हिस्सा बनी रहे, जिसे अब अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के रूप में जाना जाता है।

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