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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): तेलंगाना में कांग्रेस को भारी जीत दिलाने वाले रेवंत रेड्डी को मंगलवार शाम औपचारिक रूप से कांग्रेस विधायक दल का नेता चुन लिया गया। इससे पहले दिल्ली में हुई कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में उनके नाम पर मुहर लगी थी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि शपथ समारोह गुरुवार को होगा। रेवंत रेड्डी के नाम का एलान होते ही सीएम पद को लेकर चल रहे तमाम अटकलों पर विराम लग गया।

तेलंगाना विधानसभा चुनाव के पूरे कैंपेन और जीत के बाद साफ हो गया था कि तेलंगाना कांग्रेस प्रमुख रेवंत रेड्डी ही सीएम फेस हैं। रेवंत रेड्डी तेलंगाना में कांग्रेस के इलेक्शन कैंपेन का चेहरा और आवाज थे। उन्हें राहुल और प्रियंका गांधी का समर्थन भी था। ऐसे में वो अघोषित रूप से सीएम कैंडिडेट थे।

रेवंत रेड्डी ने अपने करीबियों को उम्मीदवार बनाने में कड़ी मेहनत की थी। वह अच्छी तरह जानते थे कि अगर उनके पास पर्याप्त संख्याबल नहीं है, तो उन्हें अपनी ही पार्टी में कोई मौका नहीं मिलेगा। अब उनके समर्थकों का कहना है कि रेवंत रेड्डी के पास करीब 42 विधायक हैं।

नर्ई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): लोकसभा में द्रविड मुनेत्र कषगम (डीएमके) के एक सदस्य ने मंगलवार को हिंदी पट्टी के राज्यों को ‘गौमूत्र राज्य' की संज्ञा देते हुए विवाद खड़ा कर दिया और कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) केवल इन्हीं राज्यों में चुनाव जीत सकती है, दक्षिण भारत में नहीं। भाजपा के नेताओं ने डीएमके पर पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी से पूछा कि क्या वह उत्तर भारतीयों के खिलाफ अपने सहयोगी दल के अपमानजनक बयानों से सहमत हैं।

लोकसभा में ‘जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक' और ‘जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक' पर चर्चा में भाग लेते हुए द्रमुक के डीएनवी सेंथिल कुमार ने कहा, ‘‘इस देश की जनता को सोचना चाहिए कि भाजपा की चुनाव जीतने की शक्ति केवल हिंदी पट्टी के राज्यों में है, जिन्हें हम आमतौर पर गौमूत्र राज्य कहते हैं।'' हाल में हुए राज्य विधानसभा चुनावों में राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में जहां भाजपा को जीत मिली है, वहीं तेलंगाना में कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है।

नई दिल्‍ली (जनादेश ब्यूरो): इंडिया गठबंधन की कल यानि 6 दिसंबर की प्रस्तावित बैठक टल गई है। सूत्रों की मानें तो शायद इसकी वजह कई नेताओं का बैठक में ना आना माना जा रहा है। ममता बनर्जी, सीएम नीतीश कुमार और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पहले से तय कार्यक्रमों में व्यस्त होने के चलते इंडिया गठबंधन की कल होने वाली बैठक में आने से इंकार कर दिया था। कहा जा रहा था कि ये नेता अपने प्रतिनिधियों को बैठक में भेज सकते हैं, लेकिन अब ये बैठक ही टल गई है।

"गठबंधन ‘इंडिया' की अनौपचारिक समन्वय बैठक' होगी

कांग्रेस सूत्र ने बताया, "विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' के कुछ घटक दलों के प्रमुख नेताओं की अनुपलब्धता के चलते बुधवार को होने वाली बैठक स्थगित की गई, लेकिन गठबंधन की ‘अनौपचारिक समन्वय बैठक' होगी, जिसमें पार्टियों के संसदीय दल के नेता शामिल होंगे।" सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, नीतीश और अखिलेश कांग्रेस द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं होने वाले दूसरे और तीसरे हाई-प्रोफाइल नेता बन गए थे।

नर्ई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): संसद के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन है। लोकसभा और राज्‍यसभा में आज भी हंगामे के आसार हैं। राज्यसभा में आज आर्थिक स्थिति पर चर्चा की संभावना है। वहीं, संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में घिरी टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ संसद की आचार समिति की रिपोर्ट आज संसद में पेश की जा सकती है। राज्यसभा में मौजूदा आर्थिक स्थिति पर मंगलवार को चर्चा होने की संभावना है। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ'ब्रायन ने मौजूदा आर्थिक स्थिति पर अल्पावधि देने की चर्चा का नोटिस दिया था, जिसे राज्यसभा ने स्वीकार कर लिया है। ‘समान विकास को बढ़ावा देने के लिए अर्थव्यवस्था को मजबूत करना', विषय पर आज दोपहर दो बजे चर्चा हो सकती है।

इससे पहले संसद ने सोमवार को ‘अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक, 2023' को मंजूरी प्रदान कर दी। इस विधेयक का मकसद अदालत परिसरों में दलालों की भूमिका को खत्म करना है। लोकसभा ने विधेयक पर विस्तृत चर्चा और विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के जवाब के बाद ध्वनिमत से स्वीकृति दी।

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