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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): तेलंगाना में कांग्रेस को भारी जीत दिलाने वाले रेवंत रेड्डी को मंगलवार शाम औपचारिक रूप से कांग्रेस विधायक दल का नेता चुन लिया गया। इससे पहले दिल्ली में हुई कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में उनके नाम पर मुहर लगी थी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि शपथ समारोह गुरुवार को होगा। रेवंत रेड्डी के नाम का एलान होते ही सीएम पद को लेकर चल रहे तमाम अटकलों पर विराम लग गया।

तेलंगाना विधानसभा चुनाव के पूरे कैंपेन और जीत के बाद साफ हो गया था कि तेलंगाना कांग्रेस प्रमुख रेवंत रेड्डी ही सीएम फेस हैं। रेवंत रेड्डी तेलंगाना में कांग्रेस के इलेक्शन कैंपेन का चेहरा और आवाज थे। उन्हें राहुल और प्रियंका गांधी का समर्थन भी था। ऐसे में वो अघोषित रूप से सीएम कैंडिडेट थे।

रेवंत रेड्डी ने अपने करीबियों को उम्मीदवार बनाने में कड़ी मेहनत की थी। वह अच्छी तरह जानते थे कि अगर उनके पास पर्याप्त संख्याबल नहीं है, तो उन्हें अपनी ही पार्टी में कोई मौका नहीं मिलेगा। अब उनके समर्थकों का कहना है कि रेवंत रेड्डी के पास करीब 42 विधायक हैं।

कौन हैं रेवंत रेड्डी?

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को 'भारत जोड़ो' यात्रा के ज़रिये चुनाव लड़ने की प्रेरणा देने का श्रेय देने वाले रेवंत रेड्डी का जन्म महबूबनगर जिले के कोंडारेड्डी पल्ली में 8 नवंबर, 1969 को हुआ था। छात्र जीवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्य रहे रेवंत वर्ष 2006 में स्थानीय राजनीति में उतरे थे और पहली बार में ही निर्दलीय के तौर पर मिडजिल मंडल से ज़ेडपीटीसी सदस्य चुने गए। अगले ही साल, यानि 2007 में वह निर्दलीय के तौर ही पहली बार विधान परिषद सदस्य चुने गए।

उस्मानिया यूनिवर्सिटी के ए.वी. कॉलेज से कला स्नातक की डिग्री पाने वाले रेवंत रेड्डी बाद में तेलुगूदेशम पार्टी (टीडीपी) प्रमुख (तथा आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री) एन. चंद्रबाबू नायडू से मुलाकात के बाद टीडीपी में शामिल हो गए। वर्ष 2009 में उन्होंने पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा और टीडीपी प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस के पांच बार के विधायक गुरुनाथ रेड्डी को पराजित कर दिया। इसके बाद अविभाजित आंध्र प्रदेश से तेलंगाना विधानसभा के लिए वर्ष 2014 में उन्होंने एक बार फिर कोडांगल सीट से टीडीपी प्रत्याशी के रूप में गुरुनाथ रेड्डी को पराजित किया और इसके बाद उन्हें टीडीपी की ओर से सदन में नेता चुन लिया गया।

2019 में कांग्रेस की टिकट पर बने थे सांसद

रेवंत रेड्डी को लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में मलकाजगिरी संसदीय सीट से प्रत्याशी बनाया गया और उन्होंने टीआरएस प्रत्याशी मर्री राजशेखर रेड्डी को हराया। इसके बाद, उन्हें 20 सितंबर, 2018 को कांग्रेस के तीन कार्यकारी अध्यक्षों में से एक नियुक्त कर दिया गया। अब विधानसभा चुनाव 2023 में कोडांगल और कामारेड्डी विधानसभा सीटों से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने वाले रेवंत रेड्डी कोडांगल में जीत गए हैं, लेकिन कामारेड्डी सीट से हार गए हैं।

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