नई दिल्ली: महानतम तबला वादक के रूप में अपनी पहचान रखने वाले जाकिर हुसैन अमेरिका के सैन फ़्रांसिस्को के एक अस्पताल में भर्ती हैं। बताया जा रहा है कि वो हृदय संबंधी बीमारी से जूझ रहे हैं और इस वक्त उनकी हालत काफी नाजुक है।
एक करीबी सूत्र ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए उनके गंभीर रूप से बीमार होने और अमेरिका में इलाज किये जाने की पुष्टि की है। वो पिछले कुछ सालों से हृदय संबंधी बीमारी से जूझ रहे है।. करीब 2 साल पहले उन्हें हृदय में ब्लॉकेज के चलते स्टेंट भी लगाया गया था।
जाकिर हुसैन ने 7 साल की उम्र में सीखा था तबला
जाकिर हुसैन मशहूर दिवगंत तबला बादक अल्ला रखा खां के बेटे हैं। उल्लेखनीय है कि उन्होंने कई ख़्यातिनाम देसी और विदेशी फ़िल्मों में भी संगीत दिया और फ़िल्मों के लिए तबला वादन किया। जाकिर हुसैन ने 7 साल की उम्र से तबला सीखना शुरू किया और 12 साल की उम्र से उन्होंने देश भर में घूमते हुए परफॉर्म करना शुरू कर दिया था।
कई सालों से अमेरिका में रह रहे हैं जाकिर हुसैन
लगभग चार दशक पहले उस्ताद जाकिर हुसैन अपने पूरे परिवार के साथ अमेरिका के सैन फ़ांसिसको में ही जा बसे थे। जाकिर खान को देश विदेश में कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों से नवाज़ा जा चुका है।
इन अवॉर्ड्स से नवाजे जा चुके हैं जाकिर हुसैन
भारत सरकार द्वारा जाकिर हुसैन साल 1988 में पद्मश्री, साल 2002 में पद्मभूषण, साल 2023 में पद्मविभूषण जैसे सर्वोच्च पुरस्कारों से उन्हें नवाज़े जा चुके है। जाकिर हुसैन को 1990 में संगीत के सर्वोच्च सम्मान 'संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार' से भी पुरस्कित किया गया था।
जाकिर हुसैन ने 4 बार हासिल किया ग्रैमी पुरस्कार
कंटेम्पररी वर्ल्ड म्यूज़िक एलबम कैटगरी में सामूहिक संगीतमय परियोजना/प्रयास के रूप में मशहूर हुए एलबम 'ग्लोबल ड्रम प्रोजेक्ट' के लिए उन्हें 2009 में 51वें ग्रैमी अवॉर्ड्स से नवाज़ा गया था। उल्लेखनीय है कि उस्ताद जाकिर हुसैन को अपने करियर में 7 बार ग्रैमी पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था, जिसमें से चार बार उन्होंने ये पुरस्कार हासिल किया।