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पटना: मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अरविंद सुब्रमण्यम ने रविवार को कहा कि दलहन का रकबा घटने और उत्पादन पर्याप्त नहीं होने की वजह से दालों की कीमतों में तेजी आई है। उन्होंने कहा कि सब्जियों की कीमतें उत्पादन के बजाय बाजार ताकतों पर निर्भर करती हैं। सुब्रमण्यम ने यहां अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में कहा कि अब लोगों की खानपान की आदत में बदलाव आया है और दालें उनके भोजन का प्रमुख अंग बन चुकी हैं। वहीं मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन अपर्याप्त है। उन्होंने कहा कि इन परिस्थितियों में बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए दालों का रकबा बढ़ाने की जरूरत है। मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि केंद्र ने इसे संज्ञान में लिया है और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाकर दालों के खेती को प्रोत्साहन दिया है। इसके अलावा अन्य उपाय भी किए जा रहे हैं जिससे किसानों को इन फसलों के उत्पादन के प्रोत्साहित किया जा सके। सुब्रमण्यम ने कहा कि प्रौद्योगिकी का बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया जाना चाहिए जिससे दलहन फसल की खेती को प्रोत्साहन दिया जा सके। टमाटर कीमतों में उछाल के बारे में मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि सब्जियों की कीमतें खेती से अधिक बाजार ताकतों से संबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि सब्जी कीमतों में स्थिरता के लिए बाजारों को बेहतर बनाने की जरूरत है।

मुंबई: उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने शुक्रवार को कहा कि नए उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत विभिन्न उत्पादों का विज्ञापन करने वाली प्रतिष्ठित हस्तियों को उत्पादों के बारे में भ्रामक दावों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा। पासवान ने यहां पीटीआई को बताया, "इस कानून को संसद के मॉनसून सत्र में लाया जाएगा। इसमें भ्रामक विज्ञापन का प्रचार करने वाली प्रतिष्ठित हस्तियों और अन्य के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार दिया जाएगा।'' मंत्री का यह बयान व्यापारियों के प्रमुख संगठन अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (सीएआईटी) की इस मांग की पृष्ठभूमि में आया है कि उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत ब्रांड एम्बेसेडर को लाया जाए क्योंकि उपभोक्ता अक्सर गुणवत्ता के बजाय विज्ञापनों में हस्तियों द्वारा किए जाने वाले दावे के भ्रम में फंस जाते हैं। पासवान को लिखे पत्र में मांग की गई थी कि विशेष दिशानिर्देश तैयार किए जाएं और ब्रांड एम्बेसेडर का दायित्व तय किया जाए। केन्द्रीय खाद्य मंत्री ने यह भी कहा कि फर्जी राशन कार्ड को हटाने से करीब 10,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है। पासवान ने कहा, ''हमारे मंत्रालय ने 1.62 फर्जी राशन कार्डों का पता लगाया। '' उन्होंने इस सफलता का कारण राशन कार्ड को आधार संख्या से जोड़े जाने को बताया। उन्होंने कहा, ''बिहार सहित कुछ अन्य राज्यों ने आधार के साथ राशन कार्ड को संबद्ध करने का काम पूरा नहीं किया है।

बीजिंग: वित्त मंत्री अरण जेटली ने आज (शुक्रवार)कहा कि भारत ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर निकलने :ब्रेक्जिट: के अल्पकालिक और मध्यम अवधि के परिणामों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और उसके पास अच्छे-खासे विदेशी मुद्रा भंडार के रूप में निकट भविष्य और मध्यम अवधि के लिए ठोस सुरक्षा दीवार है। उन्होंने कहा कि जनमत संग्रह के नतीजे से वैश्विक बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ेगा। विश्व के सभी देशों को संभावित हलचल से की अवधि के लिए अपने आपको तैयार करना होगा जबकि साथ ही मध्यम अवधि में इसके असर के लिए प्रति सतर्क रहना होगा। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘जहां तक भारतीय अर्थव्यवस्था का सवाल है हम ब्रेक्जिट के अल्पकालिक और मध्यम अवधि परिणामों से निपटने के लिए तैयार हैं।’’ उन्होंने कहा कि भारत वृहत्-आर्थिक ढांचे के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इसका ध्यान स्थिरता बनाए रखने पर है।

नई दिल्ली: ब्रिटेन के यूरोपीय यूनियन से अलग होने की खबर से पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था हिल गई है। रुपया 96 पैसा लुढ़क गया है। जबकि अगर ब्रिटेन की मुद्रा पाउंड की बात करें तो डॉलर के मुकाबले ये 31 वर्ष के निचले स्तर पर आ गया है। भारतीय शेयर बाजार भी 1000 अंकों तक धड़ाम हो गया। ब्रिटेन के जनमत संग्रह में यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के पक्ष में अधिक मत पड़ने की आशंका के बीच आज शुरुआती कारोबार में रुपया 68 के स्तर को पार कर गया। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि आयातकों तथा बैंकों की ओर से अमेरिकी मुद्रा की मांग बढ़ने और विदेशी कोष की निकासी के बीच घरेलू मुद्रा पर असर पड़ा। रुपया कल के कारोबार में 23 पैसे चढ़कर 67.25 पर बंद हुआ था। जबकि आज यह 96 पैसे टूट गया। यूरोपीय संघ (ईयू) से ब्रिटेन के बाहर निकलने की आशंकाओं के बीच देश की मुद्रा पाउंड, डॉलर के मुकाबले 31 वर्षों के निचले स्तर तक लुढ़क गया है। ईयू में बने रहने या इससे बाहर निकलने के लिए गुरुवार को ब्रिटेन में ऐतिहासिक जनमत संग्रह हुआ था। ‘द इंडिपेंडेंट’ के मुताबिक, बाजार को अनुमान है कि ब्रिटेन ईयू से बाहर निकल सकता है। बाजार के इस अनुमान के कारण पाउंड 1985 के बाद के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। पाउंड पहले ही एकदिनी ऊपरी और निचले स्तर तक लुढ़क चुक है। यह 10 प्रतिशत से अधिक ऊपरी और निचले स्तर के बीच रहा है।

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