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नई दिल्ली: सरकार को अगले छह महीने में सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों में रणनीतिक विनिवेश की प्रक्रिया आगे बढ़ाने की उम्मीद है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने कहा कि इसके अलावा सरकार उन बीमार कंपनियों को बंद करने पर भी विचार कर रही है जिनका पुनरूद्धार संभव नहीं है। पनगढ़िया ने कहा, ‘मैं कहना चाहूंगा कि रणनीतिक विनिवेश के संबंध में अगले छह महीने में आप गतिविधियां देखेंगे जिसका अर्थ है कि प्रक्रिया जारी है लेकिन आपको अगले छह महीने या इससे कम में कुछ गतिविधियां दिखेंगी।’ सरकार ने नीति आयोग को रणनीतिक निवेश के लिए केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की पहचान का जिम्मा दिया है। इसके तहत बिक्री के तौर तरीके, सीपीएसई की बेची जाने वाली हिस्सेदारी का अनुपात और मूल्यांकन की प्रक्रिया भी शामिल है। पनगढ़िया ने कहा कि नीति आयोग ने उन बीमार इकाइयों की पहचान के संबंध में एक रपट तैयार की है जिन्हें बंद करने की जरूरत है। उन्होंने एक टेलीविजन साक्षात्कार में कहा, ‘इन दोनों मुद्दों में से एक रपट उन बीमा कंपनियों को बंद करने के संबंध में है जो अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही है और पुनरूद्धार की कोशिश बार-बार नाकाम हो रही है। मुझे लगता है कि उन्हें बंद करने की जरूरत है।’ सीपीएसई में रणनीतिक विनिवेश नीति आयोग समेत विभिन्न मंत्रालयों के बीच परामर्श प्रक्रिया के जरिए किया जाना है। सरकार के 2016-17 के बजट प्रस्तावों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में सरकारी हिस्सेदारी बेचकर 56,500 करोड़ रूपए जुटाये जायेंगे।

मुंबई: मुंबई मेट्रो रेल निगम ने लार्सन एंड टर्बो (एलएंडटी) और हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी (एचसीसी) को मेट्रो की कोलाबा-बांद्रा-सीप्ज लाइन के निर्माण के ठेके दिए हैं। मेट्रो की यह लाइन 33.5 किलोमीटर लंबी है। निगम ने एचसीसी और रूस की एमएमएस के संयुक्त उपक्रम को 2,523 करोड़ रुपये का ठेका प्रदान किया। इसके तहत कंपनी को 4,072 मीटर के भूमिगत मेट्रो खंड के निर्माण का काम मिला है। इसमें चार भूमिगत स्टेशन छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, कल्बादेवी, गिरगांव और ग्रांट रोड का निर्माण शामिल है। इसी के साथ इसमें एक 3,115 मीटर लंबी जुड़वा बोर सुरंग का निर्माण भी किया जाना है। इसके अलावा कंपनी ने एलएंडटी को भी 5,273 करोड़ रुपये का एक ठेका दिया है। इसके तहत कंपनी को मेट्रो-3 की परियोजना के लिए पैकेज-1 और पैकेज-7 के लिए भूमिगत स्टेशन की डिजायनिंग एवं निर्माण का काम करना होगा। इसके अलावा इन्हीं पैकेजों के लिए जुड़ी हुई सुरंगों का निर्माण भी इस ठेके में शामिल हैं। एलएंडटी कफ परेड, विधान भवन, चर्च गेट, मरोल नाका और हुतात्मा चौक भूमिगत स्टेशनों का निर्माण करेगी। इसके अलावा कफ परेड से छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और एमआईडीसी से सीप्ज तक की जुड़ी हुई सुरंगों का भी निर्माण करेगी। सीप्ज पर यह सुरंग अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से जुड़ेगी। यह परियोजना 55 महीनों में पूरी की जानी है। इसी बीच दिल्ली से मिली खबर के मुताबिक मुंबई मेट्रो रेल निगम ने अपनी तीसरी लाइन के निर्माण के लिए जे. कुमार इंफ्रा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के संयुक्त उपक्रम को 5,012 करोड़ रुपये का एक ठेका दिया है।

नई दिल्ली: दूरसंचार नियामक ट्राई ने इंटरनेट सेवाओं के मोबाइल रिचार्ज वाउचरों की वैधता अवधि को 90 दिन से बढाकर 365 दिन करने का प्रस्ताव किया है, ताकि छोटे ग्राहकों द्वारा इनका इस्तेमाल बढ़ाया जा सके। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकार (ट्राई) ने एक बयान में यह जानकारी दी है। ट्राई ने कहा है, 'मुद्दे के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करने के बाद प्राधिकार का मानना है कि मौजूदा 90 दिन के बजाय 365 दिन की वैधता छोटे, पहली बार इस्तेमाल करने वाले व कीमतों पर जोर देने वाले ग्राहकों के लिए फायदेमंद होगी।' इस बारे में 26 जुलाई तक आम लोगों से राय मांगी गई है।

वाशिंगटन: अमेरिका ने कहा है कि भारत की वृद्धि दर बढ़ा-चढ़ाकर बताई गई हो सकती है। साथ ही कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार आर्थिक सुधार के संबंध में अपने वादों को पूरा करने की दिशा में धीमी रही है हालांकि उसने नौकरशाही और एफडीआई की रोक कम करने की प्रशंसा की है। विभिन्न किस्म के आर्थिक सुधार और विशेष तौर पर नौकरशाही के फैसलों को व्यवस्थित करने और कुछ क्षेत्रों में एफडीआई सीमा बढ़ाने की प्रशंसा करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कल एक रपट में कहा कि प्रस्तावित आर्थिक सुधार के संबंध में मोदी सरकार की प्रगति धीमी रही है। रपट में कहा गया कि कई प्रस्तावित सुधारों को संसद में पारित होने के लिए संघर्ष करना पड़ा। इसमें कहा गया कि इसके कारण भाजपा नीत सरकार के समर्थन में आगे आए कई निवेश पीछे हट रहे हैं। रपट के मुताबिक सरकार संसद में भूमि अधिग्रहण विधेयक पर पर्याप्त समर्थन हासिल करने में नाकाम रही और वस्तु एवं सेवा कर के ब्योरों के संबंध में विपक्षी दलों के साथ अभी भी विचार-विमर्श कर रही है। यदि इसे कमजोर न बना दिया गया तो यह भारत के पेचीदे कर ढांचे का व्यवस्थित कर सकता है और सकल घरेलू उत्पाद को तुरंत प्रोत्साहन प्रदान कर सकता है। विदेश विभाग के आर्थिक एवं कारोबार ब्यूरो की इस रपट में कहा गया, स्पष्ट रूप से भारत विश्व की सबसे अधिक तेजी से वृद्धि दर्ज करती अर्थव्यवस्था है लेकिन निवेशकों के रूझान में नरमी से संकेत मिलता है कि करीब 7.5 प्रतिशत की वृद्धि दर वास्तविकता से अधिक बताई गई हो सकती है।

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