मुंबई: जापानी ब्रोकरेज कंपनी नोमूरा का मानना है कि रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन के उत्तराधिकारी के लिए जिन नामों पर अटकलें चल रही हैं उनमें से ज्यादातर मुद्रास्फीति को लेकर तटस्थ से नरम रूख रखते हैं। वहीं राजन के बारे में माना जाता है कि वह मुद्रास्फीति को लेकर सख्त रूख अपनाते हैं। नोमूरा के अर्थशास्त्रियों ने आज एक नोट में कहा कि जिन नामों पर विचार चल रहा है उनमें से ज्यादातर मुद्रास्फीति को लेकर तटस्थ से नरम रूख रखते हैं। इससे वृद्धि समर्थक लॉबी राहत की सांस ले सकती है। नोट में हालांकि कहा गया है कि राजन के उत्तराधिकारी को लेकर व्यक्तिगत पसंद से मौद्रिक नीति की दिशा बदल सकती है। सरकार के रिजर्व बैंक के मौद्रिक नीति करार तथा मौद्रित नीति समिति के गठन से उसका (नए गवर्नर) का प्रभाव सीमित हो सकता है। रिजर्व बैंक गवर्नर के लिए जिन नामों पर चर्चा चल रही है उनमें मौजूदा मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम, नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया तथा एसबीआई प्रमुख अरंधति भट्टाचार्य का मुद्रास्फीति को लेकर रूख नरम है। वहीं आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकान्त दास तथा रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नरों सुबीर गोकर्ण तथा राकेश मोहन का मुद्रास्फीति को लेकर रूख तटस्थ है। ब्रोकरेज कंपनी के अनुसार मौजूदा डिप्टी गवर्नर उर्जित पटेल को मुद्रास्फीति के प्रति सख्त रूख रखने वाला माना जाता है। पटेल की सिफारिशों से ही आमतौर पर मौद्रिक नीति का रूख तय होता रहा है।
राजन के उत्तराधिकारी का चयन वित्त मंत्री अरुण जेटली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ विचार विमर्श में करेंगे। जेटली लगातार कहते रहे हैं कि वह चाहते हैं कि केंद्रीय बैंक नीतिगत दरों में कटौती करे।