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मुंबई: जापानी ब्रोकरेज कंपनी नोमूरा का मानना है कि रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन के उत्तराधिकारी के लिए जिन नामों पर अटकलें चल रही हैं उनमें से ज्यादातर मुद्रास्फीति को लेकर तटस्थ से नरम रूख रखते हैं। वहीं राजन के बारे में माना जाता है कि वह मुद्रास्फीति को लेकर सख्त रूख अपनाते हैं। नोमूरा के अर्थशास्त्रियों ने आज एक नोट में कहा कि जिन नामों पर विचार चल रहा है उनमें से ज्यादातर मुद्रास्फीति को लेकर तटस्थ से नरम रूख रखते हैं। इससे वृद्धि समर्थक लॉबी राहत की सांस ले सकती है। नोट में हालांकि कहा गया है कि राजन के उत्तराधिकारी को लेकर व्यक्तिगत पसंद से मौद्रिक नीति की दिशा बदल सकती है। सरकार के रिजर्व बैंक के मौद्रिक नीति करार तथा मौद्रित नीति समिति के गठन से उसका (नए गवर्नर) का प्रभाव सीमित हो सकता है। रिजर्व बैंक गवर्नर के लिए जिन नामों पर चर्चा चल रही है उनमें मौजूदा मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम, नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया तथा एसबीआई प्रमुख अरंधति भट्टाचार्य का मुद्रास्फीति को लेकर रूख नरम है। वहीं आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकान्त दास तथा रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नरों सुबीर गोकर्ण तथा राकेश मोहन का मुद्रास्फीति को लेकर रूख तटस्थ है। ब्रोकरेज कंपनी के अनुसार मौजूदा डिप्टी गवर्नर उर्जित पटेल को मुद्रास्फीति के प्रति सख्त रूख रखने वाला माना जाता है। पटेल की सिफारिशों से ही आमतौर पर मौद्रिक नीति का रूख तय होता रहा है।

नई दिल्ली: जानबूझकर टैक्स ना चुकाने वाले लोगों की बढ़ती संख्या से परेशान आयकर विभाग ने अपने अधिकारियों को इनके साथ सख्ती से निपटने का आदेश दिया है। इसके साथ ही विभाग ने अधिकारियों से कहा कि वह ऐसे आरोपियों की गिरफ्तारी, हिरासत या फिर जब्त संपत्ति की नीलामी जैसे दुर्लभ प्रावधानों को अपनाने में भी झिझके नहीं। साल 2015 में ऐसे लोगों की संख्या बढ़कर 58.95 लाख हो गई, जिन पर कर उत्तरदायित्व है और उन्होंने रिटर्न न भरा हो। 2014 में रिटर्न न भरने वालों की संख्या 22.09 लाख थी, वहीं साल 2013 में ऐसे लोगों की संख्या 12.19 लाख थी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने चालू वित्त वर्ष के लिए एक रणनीति पत्र में कर विभाग को एक ऐसे प्रावधान का उपयोग करने का निर्देश दिया, जिसका उपयोग अब तक शायद ही किया जाता रहा है। आयकर अधिनियम की धारा 276 सी (दो) के तहत तीन महीने से लेकर तीन साल तक की कैद हो सकती है और साथ में जुर्माना भी लग सकता है। आयकर विभाग ने बमुश्किल इस्तेमाल होने वाली इन शक्तियों को इस्तेमाल में लाने के लिए कर वसूली अधिकारी (टीआरओ) को प्राधिकृत किया है। विभाग ने रणनीति पत्र में कहा, 'ज्यादा कर्मचारी और बेहतर बुनियादी ढांचा मुहैया कराकर टीआरओ व्यवस्था को और मजबूत किया जा सकता है। टीआरओ को अधिक प्रभावी बनाने के लिए विशेष प्रशिक्षण की जरूरत होगी।

नई दिल्ली: विश्वबैंक ने उम्मीद जताई कि रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन द्वारा शुरू किए गए बैंकिंग सुधार उनके सितंबर में जाने के बाद भी जारी रहेंगे क्योंकि भारत की वृहदआर्थिक नीतियां मजबूत हैं। विश्वबैंक के कंट्री डायरेक्टर इंडिया ओन्नो रूही ने आज (सोमवार) कहा, ‘मैं इस बात को वास्तव में विशेष रूप से कहना चाहता हूं कि भारत की वृहद आर्थिक नीतियां बहुत मजबूत हैं। उसके पास एक प्रभावी और पारंपरिक सोच वाला पर्यवेक्षक है। ऐसे में वहां (बैकिंग सुधारों) के रास्ते में बदलाव का कोई कारण नहीं दिखता।’ उन्होंने यह बात राजन के गवर्नर पद छोड़कर जाने के बाद उनके द्वारा शुरू किए गए बैंकिंग सुधारों पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में कही। उन्होंने कहा कि उनके पास भविष्य का आकलन करने की क्षमता नहीं है लेकिन वह रघुराम राजन के निजी निर्णय का सम्मान करते हैं।

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि विकास दर पर ध्यान केंद्रित करने के लिए मुद्रास्फीति को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। राजन ने कहा कि निवेशकों का हमारे मौद्रिक नीति लक्ष्य में भरोसा बढ़ा है और मुद्रास्फीति लक्ष्य हासिल होने के साथ इसमें और सुधार होगा। उन्होंने यह भी कहा कि मुद्रास्फीति के खिलाफ मुहिम में मौद्रिक नीति समिति एक क्रांतिकारी कदम है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि निम्न मुद्रास्फीति पर ध्यान देकर हमने उन पुराने रास्तों को छोड़ा है, जिनमें बहुसंख्यक गरीबों की कीमत पर कुछ को लाभ होता था। राजन ने विश्वास जताया कि सरकार और रिजर्व बैंक के नए गवर्नर नई व्यवस्थाओं और संस्थाओं को अपने अंदर पूरी तरह जोड़ेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में मुद्रास्फीति नीचे के स्तर पर रहे।

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