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नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद त्वरित गति से कार्य करते हुए आयकर विभाग ने ऐसे सैकड़ों लोगों से नकदी के 'स्रोत' की जानकारी मांगी है जिन्होंने आठ नवंबर के बाद अपने खाते में बड़ी मात्रा में 500 और 1000 के प्रतिबंधित नोट जमा कराए हैं। अधिकारियों ने बताया कि कर अधिकारियों ने देशभर में इस संबंध में जांच शुरू की है। उसने विभिन्न शहरों में आयकर कानून की धारा 133 (6) के तहत लोगों को 'स्रोत' की जानकारी देने के नोटिस जारी किए हैं। इस धारा के तहत विभाग लोगों से जानकारी मांग सकता है। अधिकारियों ने बताया कि यह नोटिस उन लोगों को जारी किए गए हैं जिनके बारे में बैंकों ने खातों में 'असाधारण या संदिग्ध मात्रा में नकदी जमा कराने' की जानकारी विभाग को दी है। यह आम तौर पर ढाई लाख रुपये से अधिक की नकदी जमा करने पर जारी किए जा रहे हैं। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर की मध्यरात्रि से देश में 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर कर दिया था। इसके बाद बड़ी मात्रा में लोग बैंकों में अपनी नकदी जमा करा रहे हैं जिन पर आयकर विभाग लगातार नजर रखे हुए है।

 

मुंबई: बिकवाली दबाव के चलते बंबई शेयर बाजार में आज (शुक्रवार) लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में भी गिरावट जारी रही। सेंसेक्स आज 77 अंक और टूटकर 26,150 अंक पर बंद हुआ। यह सेंसेक्स का छह महीने का नया निचला स्तर है। कारोबारियों का कहना है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की प्रमुख जेनेट येलेन ने दिसंबर में नीतिगत समीक्षा में ब्याज दर बढाने का संकत दिया है जिससे विदेशी निवेशकों ने बिकवाली जारी रखी। इसके साथ ही रपये में गिरावट ने भी बाजार धारणा पर असर डाला। बीएसई का 30 शेयर आधारित सेंसेक्स कारोबार के दौरान 26,106.78-26,349.02 अंक के दायरे में रहा और अंतत: 77.38 अंक की गिरावट दिखाता हुआ 26,150.24 अंक पर बंद हुआ। यह सेंसेक्स का 25 मई 2016 के बाद का निचला स्तर है। नोटबंदी के अर्थव्यवस्था पर असर को लेकर चिंताओं के बीच सूचकांक बीते पांच सत्र में 1,367.44 अंक टूटा है। इन पांच दिनों में यह 4.97 प्रतिशत गिरा है। वहीं साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 668.58 अंक टूटा जबकि निफ्टी में साप्ताहिक आधार पर 222.20 अंक की गिरावट रही। वहीं एनएसई का निफ्टी आज 5.85 अंक टूटकर 8,074.10 अंक पर बंद हुआ। विदेशी निवेशकों की तरफ से बिकवाली का दबाव जारी रहा। विदेशी निवेशकों ने कल शुद्ध रूप से 983.93 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की। शेयर बाजारों द्वारा जारी अस्थाई आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई है। एशियाई बाजारों में मिला जुला रख रहा।

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को बैंक लॉकरों को सील करने और आभूषणों को जब्त करने जैसी अटकलों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि सरकार ऐसा कोई कदम नहीं उठाने जा रही है। कुछ मामलों में 2,000 रुपये के नए नोटों से स्याही निकलने की खबरों पर भी मंत्रालय ने स्थिति स्पष्ट की। मंत्रालय ने अधिकारिक रूप से ट्वीट कर कहा है, ‘यह केवल कोरी कल्पना है कि सरकार का अगला कदम बैंक लॉकरों को सील करना और आभूषणों को जब्त करना है। ऐसी बातें निराधार हैं। बैंक लॉकरों को सील करने और आभूषण जब्त करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।’ मंत्रालय ने यह भी कहा कि 2,000 रुपये के नए नोटों में सुरक्षा की दृष्टि से कई विशेषताओं को शामिल किया गया है, जिनमें ‘उत्कीर्ण’ मुद्रण भी शामिल है। मंत्रालय ने कहा, ‘सही नोट की पहचान के लिए जब आप इसे कपड़े पर रगड़ेंगे तो एक टर्बो विद्युत प्रभाव उत्पन्न होता है और इसी कारण स्याही कपड़े में लग जाती है।’ लगातार विपक्षी पार्टियों द्वारा आरोप लगाए जा रहे है कि सरकार ने भाजपा के नेताओं को इसकी सूचना पहले से ही दे दी थी। इस पर सरकार ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि इस संबंध में पूरी तरह से गोपनीयता बरती गई है और सरकार की तैयारी की भनक किसी को भी नहीं लगने दी गई। मंत्रालय ने यह भी कहा कि चिप की बातें मनगढंत हैं। जनता की बीच ऐसा भ्रम फैलाया जा रहा था कि नए नोट में कालाधन जमा करने वालों पर नजर रखने के लिए चिप्स लगे हुए है। सरकार ने इस पर तथ्य देते हुए कहा कि ये काल्पनिक और मनगढंत बातें हैं। नए नोट में किसी भी तरह की चिप्स नहीं लगी हैं।

नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ने बैंकों से कहा कि वे 50,000 रुपये से अधिक राशि नकद जमा करने वाले उन लोगों से पैन कार्ड की प्रति जमा करवायें जिनके खाते पहले स्थायी खाता संख्या (पैन) से नहीं जुड़े हैं। इसका मकसद 500 और 1,000 रुपये के नोटों पर पाबंदी के मद्देनजर कर नियमों का अनुपालन सुनिश्चित कराना है। रिजर्व बैंक ने एक अधिसूचना में कहा, ‘आयकर नियम, 1962 के प्रावधान 114बी के तहत बैंकों को सलाह दी जाती है कि 50,000 रुपये से अधिक नकद अपने खाते में जमा कराने वाले वैसे लोगों से पैन कार्ड की प्रति ली जाए जिनके खाते पैन से नहीं जुड़े हैं।’ इसके अलावा, रिजर्व बैंक ने बैंकों से अपने ग्राहकों पर सभी योग्य सौदों के लिये आईटी नियम के तहत पैन संख्या साझा करने पर जोर देने को कहा है। सरकार के 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोटों पर पाबंदी के बाद केंद्रीय बैंक का यह निर्देश आया है।

 

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