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नई दिल्ली: देश में इंटरनेट प्रयोगकर्ताओं की सूची में महाराष्ट्र 2.94 करोड़ के आंकड़े के साथ पहले स्थान पर है। वहीं उसके बाद तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक का नंबर आता है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार मार्च, 2016 के अंत तक देश में इंटरनेट ग्राहकों की संख्या 34.26 करोड़ थी। तमिलनाडु में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या 2.80 करोड़, आंध्र प्रदेश में 2.48 करोड़ तथा कर्नाटक में 2.26 करोड़ है। हिमाचल प्रदेश में इंटरनेट प्रयोगकर्ताओं की संख्या सबसे कम यानी 30.2 लाख की है। आंकड़ों के अनुसार देश में कुल इंटरनेट प्रयोगकर्ताओं में से 67 प्रतिशत शहरी इलाकों के हैं. वहीं ग्रामीण भारत में इंटरनेट का प्रयोग करने वालों की संख्या 11.19 करोड़ है। तमिलनाडु में शहरी इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या 2.11 करोड़ है, वहीं उत्तर प्रदेश (पूर्व) 1.12 करोड़ के आंकड़े के साथ ग्रामीण इंटरनेट प्रयोगकर्ताओं की संख्या के मामले में सबसे आगे है। मार्च के अंत तक दिल्ली में इंटरनेट प्रयोगकर्ताओं की संख्या 2.05 करोड़ थी. मुंबई में यह 1.56 करोड़ तथा कोलकाता में 92.6 लाख थी। सरकार का लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा लोगों को इंटरनेट पर लाने का है।

नई दिल्ली: वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी एचएसबीसी की एक रपट में कहा गया है कि नोटबंदी के बाद अगले 12 महीने में भारत की आर्थिक वृद्धि दर में एक प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती और दीर्घकालिक फायदे भी बाद के सुधारात्मक कदमों पर निर्भर करते हैं। रपट के अनुसार फिलहाल नोटबंदी का मिला जुला असर देखने को मिलेगा जिसमें ‘कुछ फायदे तो कुछ नुकसान’ शामिल हैं। भारत सरकार ने 500 व 1000 रुपये के मौजूदा नोटों का परिचालन 8 नवंबर से बंद कर दिया है, जिससे बाजार में नोटों की कमी देखने को मिल रही है। एचएसबीसी ने अनुसंधान पत्र में कहा है कि मुद्रा आपूर्ति में संकुचन के कारण आर्थिक वृद्धि दर 0.7-1.0 प्रतिशत घट सकती है और सबसे अधिक असर तात्कालिक दो तिमाहियों में नजर आएगा।

 

नई दिल्ली: सरकार की ओर से 500 और 1,000 रुपये के नोट को प्रतिबंधित करने के फैसले के कारण सर्राफा व्यापारियों द्वारा कथित रूप से अवैध तरीके से मुनाफा कमाने और कर अपवंचना करने की खबरों के बाद 10 नवंबर को आयकर विभाग ने सर्वे अभियान चलाया जिसके विरोध में बीते सप्ताह राष्ट्रीय राजधानी में स्वर्ण व आभूषण प्रतिष्ठान बंद रहे। आयकर विभाग का सर्वे अभियान दरीबां कलां, चांदनी चौक और करोलबाग सहित कम से कम चार स्थानों पर चलाया गया। बीते सप्ताह सरकार ने काले धन पर अंकुश लगाने के प्रयास के तहत 500 और 1,000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर कर दिया। अधिकांश आभूषण विक्रेताओं के शोरूम 11 नवंबर से बंद हैं। सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्रालय के खुफिया प्रकोष्ठ केन्द्रीय उत्पादशुल्क खुफिया महानिदेशालय (डीजीसीईआई) के अधिकारियों ने उक्त व्यापारियों से सोने की बिक्री का ब्योरा मांगते हुए उन्हें नोटिस भेजा है।

नई दिल्ली: बाजार में नकदी के संकट की वजह से चीनी मिलों की ओर से कम आवक के बाद बीते सप्ताह दिल्ली के थोक चीनी बाजार में चीनी कीमतों में मजबूती का रुख दिखाई दिया और कीमतों में 320 रपये प्रति क्विंटल तक की तेजी आई । बाजार सूत्रों ने कहा कि पिछले सप्ताह सरकार द्वारा काला धन पर रोक लगाने के प्रयासों के तहत 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोटों को प्रतिबंधित कर दिया गया और बाजार में अपर्याप्त नकदी प्रवाह के कारण आपूर्ति के साथ मांग भी प्रभावित हुई जिसके कारण विशेष रूप से चीनी कीमतों में तेजी आई। चीनी तैयार एम.30 और एस.30 की कीमत अपने विगत सप्ताहांत के 3,800 . 3,870 रुपये और 3,790 . 3,860 रुपये प्रति क्विंटल से 320 रुपये प्रति क्विंटल बढ़कर पिछले सप्ताहांत 3,950 . 4,200 रुपये और 3,940- 4,190 रुपये प्रति क्विंटल हो गई । इसी प्रकार चीनी के मिल डिलीवरी एम.30 और एस.30 की कीमत अपने पिछले सप्ताहांत के बंद स्तर 3,550- 3,690 रुपये और 3,540 -3,680 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 19 नवंबर को समाप्त सप्ताहांत में क्रमश: 3,550 -3,740 रुपये और 3,540 -3,730 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुई जो 50 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी को दर्शाता है ।

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