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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सहारा समूह के मुखिया सुब्रत राय से कहा कि यदि उन्हें जेल से बाहर रहना है,तो वह सेबी-सहारा रिफंड खाते में अगले साल 6 फरवरी तक 600 करोड रुपए जमा करायें। साथ ही न्यायालय ने उन्हें आगाह किया कि धनराशि जमा कराने में विफल रहने पर उन्हें फिर जेल में लौटना होगा। प्रधान न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर, न्यायमूर्ति ए के सिकरी और न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा कि यदि सहारा समूह निवेशकों की बकाया राशि का भुगतान करने के लिये संपत्ति बेचने में असफल रहा तो वे इसके लिये ‘रिसीवर’ नियुक्त करने पर विचार कर सकते हैं। पीठ ने कहा, ‘‘यदि आप (सहारा समूह) संपत्ति बेचने में असफल रहे तो न्यायालय रिसीवर नियुक्त करना बेहतर समझेगी।’’ साथ ही पीठ ने यह भी कहा कि वह किसी व्यक्ति को जेल में नहीं रखना चाहती। न्यायालय ने शुरू में राय की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से कहा कि दो महीने के लिये सेबी के पास एक हजार करोड रूपए जमा करायें अन्यथा वह रिसीवर नियुक्त करेगी, परंतु बाद में पीठ ने दो फरवरी, 2017 तक जमा कराने वाली राशि घटाकर छह सौ करोड रूपए कर दी। इससे पहले, मामले की सुनवाई शुरू होते ही सिब्बल ने कहा कि सहारा समूह ने न्यायालय के पहले के निर्देशानुसार धनराशि जमा कर दी है और पुन:भुगतान के बारे में नया कार्यक्रम न्यायालय में पेश किया है।

कोलकाता: वेतन का दिन नजदीक आ रहा है। ऐसे में राज्य के बैंक इस दिन विभिन्न शाखाओं में जुटने वाली भारी भीड़ से निपटने के लिए तैयारियां कर रहे हैं। यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया (यूबीआई) ने रिजर्व बैंक से वेतन और पेंशन के भुगतान के लिए अधिक नकदी उपलब्ध कराने के लिए संपर्क किया है। यूबीआई के मुख्य कार्यकारी एवं प्रबंध निदेशक पवन बजाज ने कहा, ‘हमारी अपनी सभी शाखाओं में अतिरिक्त काउंटर खोलने की योजना है।’ एसबीआई के स्थानीय मुख्यालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘हमने वेतन दिवस के दिन अपनी शाखाओं पर भारी भीड़ के प्रबंधन के लिए तैयारियां की हैं। हमने रिजर्व बैंक से अतिरिक्त मांग को पूरा करने के लिए नकदी उपलब्ध कराने को कहा है।’ अधिकारी ने कहा कि इस दिन एसबीआई की शाखाएं अपने निर्धारित समय से पहले खुलेंगी। अधिकारी ने कहा कि हमारी वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष काउंटर भी खोलने की योजना है जिससे वे अपनी पेंशन सुविधाजनक तरीके से निकाल पाएं। इस बीच, शहर में ज्यादातर एटीएम में या तो नकदी नहीं है या उनके शटर बंद हैं।

नई दिल्ली: सरकार ने पीओएस (प्वाइंट आफ सेल) मशीनों के विनिर्माण के सामानों पर उत्पाद शुल्क हटा दिया है। इन मशीनों की मांग अचानक बढ गयी है क्योंकि नोटबंदी के बाद व्यापारी इसका उपयोग करने को बाध्य हैं। एक सूत्र ने कहा,‘पीओएस मशीनों के विनिर्माण को 12.5 प्रतिशत उत्पाद शुल्क और 4.0 प्रतिशत विशेष अतिरिक्त शुल्क (एसएडी) से छूट दी जाएगी। यह छूट 31 मार्च 2017 तक है।’ वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज लोकसभा में नोटबंदी के मुद्दे पर हंगामे के बीच पीओएस मशीनों पर उत्पाद शुल्क की दरों में संशोधन संबंधी एक अधिसूचना सदन में पेश की। इस अधिसूचना में पीओएस उपकरणों के विनिर्माण में इस्तेमाल होने वाले सभी सामानों पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क और एसएडी में छूट दी गयी है। यह छूट 31 मार्च 2017 तक है। उच्च राशि 500 और 1,000 रपये के नोटों पर पाबंदी के बाद मुद्रा की कमी से पीओएस मशीनों की मांग काफी बढ़ी है। पीओएस मशीन हाथ में रख कर चलाया जा सकता है।

मुंबई: नोटबंदी के बाद बैंकों में 500 और 1,000 के पुराने नोटों में कुल 8.45 लाख करोड़ रुपये जमा हुए हैं या बदले गए हैं। यह आंकड़ा 27 नवंबर तक का है। रिजर्व बैंक ने एक बयान में यह जानकारी दी। केंद्रीय बैंक ने कहा कि इस दौरान बैंकों ने काउंटर तथा एटीएम के जरिये 2.16 करोड़ रुपये वितरित किए हैं। गत 8 नवंबर को 500 और 1,000 के नोटों को बंद करने की घोषणा की गई थी। इसके बाद रिजर्व बैंक ने इन नोटों को बैंकों में जमा कराने या उनको बदलने की व्यवस्था की थी। यह सुविधा रिजर्व बैंक और अन्य वाणिज्यिक बैंकों के काउंटरों के अलावा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों तथा शहरी सहकारी बैंकों में उपलब्ध है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि 10 नवंबर से 27 नवंबर तक बैंकों ने 8,44,982 करोड़ रुपये के नोट जमा किए हैं या बदले हैं। इनमें से 33,948 करोड़ रुपये के पुराने नोट बदले गए हैं और 8,11,033 करोड़ रुपये जमा किए हैं।

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