नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को 2017-18 के लिए क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान कर दिया है। इस पॉलिसी में आरबीआई ने रेपो रेट को 6.25 फीसदी के स्तर पर बरकरार रखा है। हालांकि रिवर्स रेपो रेट को बढ़ाकर 6 फीसदी कर दिया गया है। आपको बता दें कि अर्थशास्त्री पहले से ही रेपो रेट में कमी नहीं होने का अनुमान लगा रहे थे। आरबीआई ने कहा कि सरकार अतिरिक्त लिक्विडिटी को सिस्टम से निकालने के लिए स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी की संभावना पर विचार कर रही है। आरबीआई की एक परेशानी महंगाई दर में बढ़ोत्तरी होना है। थोक महंगाई दर 39 महीने के उच्चतम स्तर पर है। यह फरवरी में 6.55 फीसदी पर थी, जबकि खुदरा भी 3.65फीसदी पर पहुंच गई है। गर्मियों में यह और भी बढ़ सकती है। आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल का कहना है कि महंगाई के मद्देनजर एमपीसी ने पॉलिसी को लेकर न्यूट्रल नजरिया रखने का फैसला किया है। रिजर्व बैंक ने अप्रैल से सितंबर के लिए 4.5 फीसदी महंगाई रहने का अनुमान लगाया है। आरबीआई का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2018 जीवीए ग्रोथ 6.7 फीसदी के मुकाबले 7.4 फीसदी रहेगा। एमपीसी का पूरा ब्योरा 20 अप्रैल को जारी होगा। आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने पॉलिसी जारी करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा देश की अर्थव्यवस्था में सुधार के कई संकेत दिख रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि जीएसटी के इफेक्ट से महंगाई बढ़ने का रिस्क है। साथ ही, महंगाई पर मानसून का भी असर दिख सकता है। इस अनिश्चितता को देखते हुए रेट में कटौती नहीं की गई है। एचडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरूआ ने कहा कि रिजर्व बैंक आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर को यथावत रखने का अनुमान लगाया था। कोटक महिंद्रा बैंक के उपाध्यक्ष उदय कोटक ने कहा था कि मुझे लगता है कि रिजर्व बैंक आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर को बरकरार रखेगा।
पॉलिसी की मुख्य बातें
-रेपो रेट 6.25 फीसदी के स्तर पर बरकरार
-रिवर्स रेपो रेट 5.75 फीसदी से बढ़ाकर 6 फीसदी किया
-सीआरआर 4 फीसदी पर बरकरार
-मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट को घटाकर 6.50 फीसदी किया
-आरबीआई ने एलएएफ को 6 फीसदी से बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दिया है। इससे बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ेगी।