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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि सरकार ने किसी कारोबारी (कॉर्पोरेट) घराने का एक रुपया कर्ज भी माफ नहीं किया है। जेटली ने लोकसभा में कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए यह बात कही। जेटली ने यह भी कहा कि बैंकों पर इनकी जो भी डूबे हुए कर्ज या गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) हैं, वह साल 2014 से पहले की हैं। लोकसभा में कांग्रेस के दीपेन्द्र हुड्डा ने प्रश्नकाल के दौरान पूछा था कि 67 साल में कृषिगत ऋण 8.11 लाख करोड़ रुपये था। जबकि पिछले तीन वर्षों में कृषिगत ऋण चार लाख करोड़ रुपये हो गया। किसानों पर पिछले तीन वर्षों में 60 प्रतिशत कृषि ऋण बढ़ा है। हम सरकार से पूछना चाहते हैं कि वे केवल कॉर्पोरेट घरानों का कर्ज माफ करेंगे या किसानों का कर्ज भी माफ करेंगे। इस पर वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि बैंकों ने अपने स्तर पर कृषि क्षेत्र में 7,548 करोड़ रुपये की छूट दी। लेकिन सरकार ने किसी कॉर्पोरेट का एक रुपया भी कर्ज माफ नहीं किया। उन्होंने कहा कि कॉर्पोरेट पर यह कर्ज वर्ष 2014 से पहले के हैं। इनमें से ज्यादा मात्रा में ऋण सार्वजिनक क्षेत्र के बैंकों ने दिया था और कुछ निजी क्षेत्र के बैंकों के भी हैं।

नई दिल्ली: सहारा प्रमुख सुब्रत राय ने बंबई उच्च न्यायालय के आधिकारिक परिसमापक द्वारा जारी समूह की 34,000 करोड़ रुपये मूल्य की अम्बे वैली संपत्ति नीलामी प्रक्रिया रोकने के अनुरोध को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लेकिन गुरुवार को सहारा ग्रुप को सुप्रीम कोर्ट से निराशा हाथ लगी। सुप्रीम कोर्ट ने सहारा मुखिया सुब्रत रॉय की एंबे वैली की नीलामी रोकने वाली याचिका ठुकरा दी है। न्यायाधीश दीपक मिश्र की अध्यक्षता वाली पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी द्वारा तत्काल सुनवाई के लिये दाखिल अंतरिम याचिका पर विचार किया और कहा कि वह न्यायाधीश रंजन गोगोई और ए के सिकरी से संपर्क करेंगे और उसके बाद सुनवाई की तारीख मुकर्र करेंगे। विशेष पीठ सेबी-सहारा भुगतान विवाद से संबद्ध मामले की सुनवाई कर रही है। इस पीठ में न्यायाधीश मिश्र, न्यायाधीश गोगोई और न्यायाधीश सिकरी शामिल हैं। सहारा समूह की ओर से मामले में पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि महाराष्ट्र के पुणे में अम्बे वैली संपत्ति की नीलामी प्रक्रिया को रोकी जाए क्योंकि समूह के पास भुगतान की योजना है।

नई दिल्‍ली: इंकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वाले लोगों की तादाद में करीब 25 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। अंतिम तारीख यानी 5 अगस्त तक आयकर रिटर्न फाइल करने वालों की संख्‍या में जबरदस्‍त उछाल देखा गया है। इस दौरान करीब 2.8 करोड़ से भी ज्यादा लोगों ने आईटीआर फाइल किया। आंकड़ों की माने तो 2,82,92,955 लोगों ने आईटीआर फाइल किया। वहीं साल 2016-17 में 2.6 करोड़ यानी 2,26,97,843 लोगों ने आईटीआर दाखिल किया था। विभागीय जानकारी के मुताबिक आईटीआर फाइल करने वालों की संख्‍या में 24.7 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 9.9 प्रतिशत था। गौरतलब है कि सरकार ने आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर पांच अगस्त की थी। इसके अलावा करदाताओं से 31 अगस्त तक आधार को पैन से जोड़ने के लिए कहा है। इससे पहले आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई थी, लेकिन आयकर विभाग को शिकायतें मिली थीं कि काफी संख्या में करदाता भारी ट्रैफिक के कराण ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉग ऑन नहीं कर पा रहे हैं।

नई दिल्‍ली: भारतीय रेल ने परिवर्ती किराया योजना यानी डाइनेमिक किराया प्रणाली से एक वर्ष से कम समय में 540 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय की है और उसकी इसे रोकने की कोई योजना नहीं है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस योजना को उसने पिछले साल 9 सितंबर से शुरू किया था। यह राजधानी, शताब्दी और दूरंतो रेलों में लागू होता है। इसके तहत 10% सीटों को सामान्य किराये पर बेचा जाता है और उसके बाद सीटों की बुकिंग का किराया हर 10% सीटों के लिए 10% बढ़ जाता है जो अधिकतम 50% तक बढ़ सकता है। अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने परिवर्ती किराये से कमाई की है और हमें इसे क्यों बंद करना चाहिए। इसकी वजह से इन रेलों में हमें 85,000 अतिरिक्त यात्री मिले हैं और यह दिखाता है कि यात्री इसके विरोध में नहीं है।’’

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