नई दिल्ली: सहारा प्रमुख सुब्रत राय ने बंबई उच्च न्यायालय के आधिकारिक परिसमापक द्वारा जारी समूह की 34,000 करोड़ रुपये मूल्य की अम्बे वैली संपत्ति नीलामी प्रक्रिया रोकने के अनुरोध को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लेकिन गुरुवार को सहारा ग्रुप को सुप्रीम कोर्ट से निराशा हाथ लगी। सुप्रीम कोर्ट ने सहारा मुखिया सुब्रत रॉय की एंबे वैली की नीलामी रोकने वाली याचिका ठुकरा दी है। न्यायाधीश दीपक मिश्र की अध्यक्षता वाली पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी द्वारा तत्काल सुनवाई के लिये दाखिल अंतरिम याचिका पर विचार किया और कहा कि वह न्यायाधीश रंजन गोगोई और ए के सिकरी से संपर्क करेंगे और उसके बाद सुनवाई की तारीख मुकर्र करेंगे। विशेष पीठ सेबी-सहारा भुगतान विवाद से संबद्ध मामले की सुनवाई कर रही है। इस पीठ में न्यायाधीश मिश्र, न्यायाधीश गोगोई और न्यायाधीश सिकरी शामिल हैं। सहारा समूह की ओर से मामले में पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि महाराष्ट्र के पुणे में अम्बे वैली संपत्ति की नीलामी प्रक्रिया को रोकी जाए क्योंकि समूह के पास भुगतान की योजना है।
शीर्ष अदालत ने 25 जुलाई को समस्या में फंसे सहारा प्रमुख से सेबी-सहारा खाते में सात सितंबर तक 1,500 करोड़ रुपये जमा करने को कहा था। पीठ ने कहा था कि उसके बाद वह पूरा भुगतान के लिये 18 महीने का और समय दिये जाने के अनुरोध पर विचार कर सकती है।