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नई दिल्ली: दिवाली के बाद से शादियों का सीजन शुरू होने वाला है। ऐसे में आपकों शादी की दावत देते वक्त सरकार को भी शगुन डालना होगा। यानि आपकी जेब पर जीएसटी का बोझ पड़ेगा। शादी समारोह के लिए टेंट, हलवाई की बुकिंग के लिए आपको जीएसटी देना पड़ेगा।

सरकार ने इन दोनों सेवाओं पर 1 अगस्त से गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) लागू कर दिया है, ऐसे में आपको इनकी बुकिंग करवाने पर 18 प्रतिशत ज्यादा रकम चुकाने के लिए तैयार रहना होगा। पहले इन पर कोई टैक्स नहीं लगता था। व्यापारियों के अनुसार टेंट बुकिंग का काम अब तक कच्चे बिल पर चलता था। अब क्रेडिट लेने के लिए हमें पक्के बिल काटने होंगे।

ऐसे में टैक्स जनता को ही चुकाना होगा। व्यापारियों का कहना है कि स्टॉक में पड़े माल पर साल में एक बार वैट की 6 पर्सेंट कंपाउंडिंग फी दी जाती थी। करीब 5 लाख रुपये के माल पर यह फी 15 हजार रुपये पड़ती थी, जिसे व्यापारी अपनी जेब से खुद ही चुका देते थे। चूंकि लोग पक्के बिल से परहेज करते थे, इसलिए अधिकतर व्यापार अब तक कच्चे बिल पर चल रहा था।

नई दिल्ली: एयरलाइंस कंपनियां कंपनियां हवाई किराए में 10-15 प्रतिशत वृद्धि करने जा रही है। इसके पीछे इन कंपनियों की ओर से तर्क दिया जा रहा है कि अगस्त से एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) के दाम में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।

इस बीच रविवार को भी ऑइल मार्केटिंग कंपनियों ने एटीएफ की कीमत 6 प्रतिशत बढ़ाने का ऐलान किया। प्लेन का इंधन तब महंगा हो रहा है जब डॉलर के मुकाबले रुपया सस्ता होता जा रहा है।

ताजा वृद्धि के बाद दिल्ली में एटीएफ 3,025 प्रति किलो लीटर महंगा हो गया है और इसकी कीमत 50,020 रुपये से बढ़कर 53,045 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई है। यह लगातार तीसरी मासिक वृद्धि है। पिछले महीने एटीएफ का दाम 4 प्रतिशत बढ़ा था।

नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार लंबे समय से टैक्स देने से बच रहे लोगों को धर दबोचने की कोशिश कर रही है। इस मुहिम के खासकर नोटबंदी के बाद से टैक्स नहीं चुकाने वालों के पकड़ने के लिए सरकार ने मुहिम तेज कर दी है।

अब इसी कड़ी में दिग्गज कंपनी लारसन ऐंड टूब्रो इन्फोटेक (एल ऐंड टी) को सरकार ने सोशल मीडिया ऐनालिटिक्स के जरिए टैक्स नहीं चुकाने वालों का पता लगाने के लिए एक बड़ा कॉन्ट्रैक्ट दिया है। कंपनी को इसके लिए 650 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया है।

कंपनी के चीफ एग्जिक्यूटिव और मैनेजिंग डायरेक्टर संजय जलोना ने बताया, 'इसके लिए हमें बहुत ही अडवांस्ड ऐनालिटिक्स का इस्तोमाल करना होगा, इस काम में लगभग 650 करोड़ रुपये की लागत आएगी।'

संजय ने आगे बताया, 'यह कॉन्ट्रैक्ट हमें सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस से मिला है। यह एक हाई वॉल्यूम डिजिटल डील है।' उन्होंने आगे कहा कि हम टैक्स चोरी करने वालों को पकड़ने के लिए वेब पेजों को इस तरह से तैयार करेंगे कि कंप्यूटर इसे खुद से पढ़ पाने में सक्षम होगा।

मुंबई: लोन डिफॉल्ट करने वाली लिस्टेड कंपनियों को मार्केट रेग्युलेटर सेबी ने कुछ राहत देते हुए अपने उस डायरेक्टिव को 'अगले नोटिस तक' के लिए टाल दिया है, जिसमें कंपनियों के लिए बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के लोन पेमेंट का डिफॉल्ट की सूचना एक्सचेंजेस को देना जरूरी बताया गया था।

इस बारे में सिक्युरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि उसने अपने पिछले डायरेक्टिव के कार्यान्वयन को अगले नोटिस तक के लिए टाल दिया है।

बता दें कि पिछले महीने रेग्युलेटर ने लिस्टेड कंपनियों को 1 अक्टूबर से बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस से लिए गए किसी भी तरह के लोन डिफॉल्ट की सूचना एक कार्यदिवस के भीतर देने के निर्देश दिए थे। यह कदम सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के 8 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के बैड लोन्स की चुनौती से पार पाने के प्रयासों के मद्देनजर उठाया गया था।

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