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नई दिल्ली: दिवाली के बाद से शादियों का सीजन शुरू होने वाला है। ऐसे में आपकों शादी की दावत देते वक्त सरकार को भी शगुन डालना होगा। यानि आपकी जेब पर जीएसटी का बोझ पड़ेगा। शादी समारोह के लिए टेंट, हलवाई की बुकिंग के लिए आपको जीएसटी देना पड़ेगा।

सरकार ने इन दोनों सेवाओं पर 1 अगस्त से गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) लागू कर दिया है, ऐसे में आपको इनकी बुकिंग करवाने पर 18 प्रतिशत ज्यादा रकम चुकाने के लिए तैयार रहना होगा। पहले इन पर कोई टैक्स नहीं लगता था। व्यापारियों के अनुसार टेंट बुकिंग का काम अब तक कच्चे बिल पर चलता था। अब क्रेडिट लेने के लिए हमें पक्के बिल काटने होंगे।

ऐसे में टैक्स जनता को ही चुकाना होगा। व्यापारियों का कहना है कि स्टॉक में पड़े माल पर साल में एक बार वैट की 6 पर्सेंट कंपाउंडिंग फी दी जाती थी। करीब 5 लाख रुपये के माल पर यह फी 15 हजार रुपये पड़ती थी, जिसे व्यापारी अपनी जेब से खुद ही चुका देते थे। चूंकि लोग पक्के बिल से परहेज करते थे, इसलिए अधिकतर व्यापार अब तक कच्चे बिल पर चल रहा था।

सिर्फ ये ही नहीं कैटरिंग में मजदूरों की दिहाड़ी समेत 40 पर्सेंट काम पर कोई टैक्स नहीं देना होता था। इस काम के केवल 60 फीसदी हिस्से पर हर मद में 10 फीसदी का औसत टैक्स लगता था। अब सरकार ने इन दोनों स्लैब को खत्म करके कैटरिंग बिजनस पर एकमुश्त 18 फीसदी का जीएसटी लगा दिया है।

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