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नई दिल्ली: टेलीकॉम और ऑटो शेयरों में बिकवाली के दबाव से घरेलू शेयर बाजार में शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन गिरावट दर्ज की गई। बंबई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 188 अंक टूटकर 34,915 अंक पर आ गया। यह इसका एक सप्ताह का निचला स्तर है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 61 अंक के नुकसान से 10,618 अंक पर आ गया।

छोटे शेयर भी लुढ़के

बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट रही। मिडकैप सूचकांक 58 अंकों की गिरावट के साथ 16,561 पर बंद हुए। जबकि स्मॉलकैप सूचकांक 44 अंकों की गिरावट के साथ 17,991 पर बंद हुए।

इन शेयरों ने दिया तगड़ा झटका

बीएसई के ज्यादातर सेक्टरों में गिरावट दर्ज की गई। दूरसंचार में सबसे अधिक 1.24 फीसदी का नुकसान हुआ। जबकि वाहन 1.10 फीसदी, धातु 1.05 फीसदी, स्वास्थ्य सेवाएं 1.05 फीसदी और एफएमसीजी 0.83 फीसदी गिरावट के साथ सबसे अधिक नुकसान वाले शेयरों में शामिल रहे।

नई दिल्ली: जीएसटी नेटवर्क जल्द ही सरकारी कंपनी में तब्दील हो जाएगी। शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की 27वीं बैठक में जीएसटी काउंसिल ने जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) को सरकारी कंपनी बनाने की मंजूरी दी है। सरकार जीएसटीएन में निजी इकाइयों से 51 प्रतिशत हिस्सेदारी लेगी। जीएसटीएन की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी केंद्र के पास होगी और राज्यों के पास सामूहिक रूप से इसकी 50 प्रतिशत हिस्सेदारी रहेगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बैठक के बाद यह जानकारी दी।

केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की बैठक के बाद कहा कि चीनी पर उपकर (सेस) लगाने के लिए मंत्रिसमूह विचार करेगा। एक अन्य अहम फैसले के तहत जीएसटी काउंसिल ने डिजिटल भुगतान के लिए 2 प्रतिशत प्रोत्साहन देने का मामला 5 सदस्यीय समिति को भेजा है।

चीनी पर उपकर लगाने पर मंत्रिसमूह विचार करेगा

जीएसटी परिषद की 27वीं बैठक में चीनी पर उपकर लगाने के विषय में सदस्यों ने अगल-अगल मत जाहिर किए। पश्चिम बंगाल के वित्तमंत्री ने कहा कि चीनी पर उपकर लगाने का फायदा सिर्फ महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश को होगा।

न्यूयॉर्क: दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाल अर्थव्यवस्थाओं में भारत अगले 10 साल (अगामी दशक) तक शीर्ष पर बना रहेगा। इस दौरान भारत की आर्थिक वृद्धि दर सालाना 7.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इस लिहाज से भारत की वृद्धि दर चीन और अमेरिका से अधिक रहेगी। हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय विकास केंद्र ने यह वृद्धि अनुमान जारी किया है।

इसमें कहा कि भारत और वियतनाम जैसे देश जिन्होंने अपनी अर्थव्यवस्थाओं का विविधीकरण अधिक जटिल क्षेत्रों में किया है, आगामी दशक में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था होंगे। भारत ने अपने निर्यात आधार का विविधीकरण अधिक जटिल क्षेत्रों मसलन रसायन, वाहन और कुछ इलेक्ट्रॉनिक्स में किया है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत के बाद दुनिया की दूसरी सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था यूगांडा होगी। यूगांडा की वृद्धि दर 2026 तक 7.5 फीसदी की दर से होगी।

भारत की स्थिति सबसे बेहतर

रिपोर्ट कहती है कि भारत की उत्पादन क्षमता उसकी मौजूदा आय स्तर के अनुमान से कहीं अधिक हैं। इस लिहाज से आगामी दशक में भारत तेज वृद्धि दर्ज करेगा।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दावों पर भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन से सवाल खड़े किए हैं। दावोस में आयोजित वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम के सालाना सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकतांत्रिक और विकासशील भारत की झलक पेश की थी उस पर रघुराम राजन ने सवाल उठाया है।

एक मीडिया समूह के साथ बातचीत में राजन ने इस बात पर संदेह व्यक्ति किया कि मोदी सरकार के कामकाज के तरीके वाकई अलोकतांत्रिक हैं। राजन ने कहा कि मोदी सरकार में सिर्फ एक छोटा सा गुट है जो सारे फैसले ले रहा है जबकि नौकरशाहों को दरकिनार कर दिया गया है। राजन ने मोदी के उस दावे की भी आलोचना की जिसमें उन्होंने भारत को तेजी से विकास करता हुआ देश बताया था।

दरअसल, राजन दावोस में प्रधानमंत्री के उस बयान पर सवाल उठाए हैं जिसमें मोदी ने कहा था कि भारत में लोकतंत्र, बहुरंगी आबादी और गतिशीलता लोग देश का भाग्य तय कर रहे हैं और इसे विकास के रास्ते पर अग्रसर कर रहे हैं। रुके पड़े आधारभूत संरचना का हवाला देते हुए राजन ने कहा कि इन्हें जोर-शोर से पूरा करने की राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाने की जरूरत थी।

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