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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दावों पर भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन से सवाल खड़े किए हैं। दावोस में आयोजित वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम के सालाना सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकतांत्रिक और विकासशील भारत की झलक पेश की थी उस पर रघुराम राजन ने सवाल उठाया है।

एक मीडिया समूह के साथ बातचीत में राजन ने इस बात पर संदेह व्यक्ति किया कि मोदी सरकार के कामकाज के तरीके वाकई अलोकतांत्रिक हैं। राजन ने कहा कि मोदी सरकार में सिर्फ एक छोटा सा गुट है जो सारे फैसले ले रहा है जबकि नौकरशाहों को दरकिनार कर दिया गया है। राजन ने मोदी के उस दावे की भी आलोचना की जिसमें उन्होंने भारत को तेजी से विकास करता हुआ देश बताया था।

दरअसल, राजन दावोस में प्रधानमंत्री के उस बयान पर सवाल उठाए हैं जिसमें मोदी ने कहा था कि भारत में लोकतंत्र, बहुरंगी आबादी और गतिशीलता लोग देश का भाग्य तय कर रहे हैं और इसे विकास के रास्ते पर अग्रसर कर रहे हैं। रुके पड़े आधारभूत संरचना का हवाला देते हुए राजन ने कहा कि इन्हें जोर-शोर से पूरा करने की राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाने की जरूरत थी।

उन्होंने कहा कि मैं चिंतित हूं कि नौकरशाही के फैसलों पर काम नहीं हो रहा है। वित्तमंत्री जेटली बाधाएं दूर करने की प्रतिबद्धता कई बार दुहरा चुके हैं। पर नौकरशाह इस बात से डरे हैं कि कहीं उनपर भ्रष्टाचार का आरोप न लग जाए। इस डर से नौकरशाही कोई भी फैसले लेने से कतरा रही है। 

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