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नई दिल्ली: विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की बैठक शुरू होने से पहले जारी वैश्विक अर्थव्यवस्था की रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग चीन और पाकिस्तान से नीचे रखी गई है। वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर जारी रिपोर्ट में भारत को 62वें पायदान पर रखा गया है।

इनक्लूसिव डिवेलपमेंट इंडेक्स' में उभरती अर्थव्यवस्थाओं को लेकर जारी रिपोर्ट में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की रैंकिंग जहां 47वीं है वहीं चीन की अर्थव्यवस्था को 26वें पायदान पर जगह दी गई है। सूची में नॉर्वे की अर्थव्यवस्था सबसे ऊपर है। नॉर्वे की अर्थव्यवस्था को दुनिया की सबसे एडवांस्ड (विकसित) और इनक्लूसिव (समावेेशी) अर्थव्यवस्था में शुमार किया गया है। डब्ल्यूईएफ की सालाना बैठक से पहले इस रिपोर्ट को जारी किया जाता है, जिसमें दुनिया भर के कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष भाग लेते हैं।

इस बार की बैठक में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शामिल हो रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा करीब 20 सालों बाद हो रहा है। आज प्रधानमंत्री मोदी इस बैठक को संबोधित करेंगे। रिपोर्ट में सभी राष्ट्राध्यक्षों से समावेशी अर्थव्यवस्था के लिए तत्काल उपाय उठाने की अपील की गई है।

नई दिल्ली: पहले से ही एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग एसेट) के दबाव से जूझ रहे भारतीय बैंकों को निकट भविष्य में इससे निकलने का रास्ता नहीं दिख रहा है, बल्कि आने वाले दिनों में इसके और बढ़ने की ही उम्मीद है। भारतीय बैंकों का फंसा हुआ कर्ज (एनपीए) मार्च 2018 तक तक बढ़कर 9.5 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है, जबकि पिछले साल मार्च में यह रकम 8 लाख करोड़ रुपये थी।

एसोचैम-क्रिसिल के एक संयुक्त अध्ययन 'एआरसीज हेडेड फॉर ए स्ट्रकचरल शिफ्ट' के नाम से जारी रिपोर्ट में कहा गया कि 2018 के मार्च तक एनपीए के 11.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाने की उम्मीद है।

एसोचैम ने एक बयान में अध्ययन के हवाले से कहा, 'बैंकिंग सिस्टम में तनावग्रस्त परिसंपत्तियों का बढ़ता स्तर एसेट रिकंस्ट्रकशन कंपनियों (एआरसीज) को भारी अवसर प्रदान करता है, जो कि एनपीए के समाधान की प्रक्रिया में शामिल अहम स्टेकहोल्डर हैं।' इसमें, हालांकि यह कहा गया है कि पूंजी की कमी के कारण एआरसीज के विकास में काफी गिरावट आनेवाली है।

वाशिंगटन-दावोस: भारत की वृद्धि दर 2018 में 7.4 प्रतिशत रहेगी। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने यह अनुमान लगाया है। आईएमएफ ने कहा का कि इस दौरान चीन की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रहेगी। इस तरह भारत उभरती अर्थव्यवस्थाओं मे सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा। हालांकि, पिछले साल नोटबंदी तथा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था की चाल धीमी पड़ी थी।

दावोस, स्विट्जरलैंड में विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक शिखर बैठक के मौके पर अलग से जारी अपने ताजा विश्व आर्थिक परिदृश्य (डब्ल्यूईओ) रिपोर्ट में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने 2019 में भारत की वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।

ताजा रिपोर्ट में भारत के 2018 और 2019 के लिए वृद्धि दर के अनुमान में अक्तूबर, 2017 के अनुमान की तुलना में कोई बदलाव नहीं किया गया है। आईएमएफ ने कहा कि उस समय समान अवधि में चीन की वृद्धि दर क्रमश: 6.6 प्रतिशत और 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

आईएमएफ ने कहा कि उभरते बाजारों तथा विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए 2018 और 2019 में कुल वृद्धि दर के अनुमान में कोई बदलाव नहीं किया गया है। आईएमएफ का अनुमान है कि 2018 में भारत की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहेगी जबकि चीन की 6.8 प्रतिशत रहेगी।

दावोस: वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के लिए स्विट्जरलैंड के दावोस पहुंचे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दुनियाभर से आए कंपनियों के सीईओ से मुलाकात की। पीएम मोदी ने उन्हें बताया कि भारत का मतलब व्यापार है और इसके साथ ही उन्होंने इन सभी सीईओ को वैश्विक व्यापार के लिए भारत में मौजूद अवसरों की जानकारी दी।

मीटिंग में शामिल थे 60 सीईओ

पीएम मोदी ने इन सीईओ के साथ डिनर से पहले एक राउंड टेबल मीटिंग की और इस मीटिंग में उन्होंने सीईओ को देश में होने वाले डेवलपमेंट के बारे में बताया। इस मौके पर पीएम के साथ विजय गोखले, एस जयशंकर और रमेश अभिषेक समेत तमाम वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

इस राउंट टेबल मीटिंग को 'इंडिया मीन्स बिजनेस' नाम दिया गया था और इसमें ग्लोबल कंपनियों के 40 और भारत के 20 सीईओ ने हिस्सा लिया। मीटिंग के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, 'दावोस में भारत के विकास की कहानी बताते और भारत में वैश्विक व्यापार के लिए मौजूदा अवसरों की चर्चा करते पीएम मोदी।' पीएम मोदी इकोनॉमिक फोरम की 48वीं बैठक में शिरकत करने के लिए दावोस पहुंचे हैं।

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