ताज़ा खबरें
संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

वाशिंगटन: अमेरिका ने पाकिस्तान को सख्त संदेश देते हुए कहा है कि चूंकि पाकिस्तान की ताकतवर खुफिया एजेंसी आईएसआई अपने देश की धरती पर संचालित सभी आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है, ऐसे में यदि इन आतंकी नेटवर्कों को नष्ट करने के लिए अकेले कार्रवाई करने की जरूरत पड़ती है तो भी वह नहीं हिचकिचाएगा। काउंटरिंग द फाइनेंसिंग ऑफ टेररिज्म के कार्यवाहक अवर सचिव एडम एसजुबिन ने वाशिंगटन में श्रोताओं से कहा, ‘समस्या यह है कि पाकिस्तानी सरकार के भीतर ही - खासतौर पर पाकिस्तान की आईएसआई में- कुछ ताकतें हैं जो पाकिस्तान में सक्रिय सभी आतंकी समूहों के खिलाफ एक जैसे कदम उठाने से इनकार करती हैं। यह कछ समूहों को तो बर्दाश्त भी करता है.. यह और भी बुरा है।’ एडम ने चेतावनी देते हुए कहा, ‘हम पाकिस्तान में अपने साझेदारों से लगातार अपील करते हैं कि वे अपने देश में संचालित आतंकी नेटवर्कों के खिलाफ कार्रवाई करें। हम उनकी मदद के लिए तैयार खड़े हैं। लेकिन इस बात में कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि हम आतंकवाद के वित्तपोषण और संचालन का मुकाबला करने के लिए पाकिस्तान के साथ काम करने को तो प्रतिबद्ध हैं ही, लेकिन यदि जरूरत पड़ती है तो इन नेटवर्कों को बाधित और तबाह करने के लिए अकेले कार्रवाई करने से भी हम झिझकेंगे नहीं।’ एडम ने ‘पॉल एच नीत्सशे स्कूल ऑफ एडवांस्ड इंटरनेशनल स्टडीज’ में कहा कि पाकिस्तान कई मामलों में आतंकवाद रोधी अभियानों में एक अहम साझेदार था और रहेगा।

लॉस एंजिलिस: एक अन्य महिला ने डोनाल्ड ट्रम्प पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कहा है कि उसे होटल में उनके कमरे में आने के लिए 10,000 डॉलर देने की पेशकश की गई थी। अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव में एक माह से भी कम समय बचा है और महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर पहले से ही कमजोर स्थिति में चल रहे रिपब्लिकन उम्मीदवार के प्रचार अभियान पर वयस्क फिल्मों की स्टार जेसिका ड्रेक के इन आरोपों के बाद और अधिक असर पड़ने की आशंका है। लॉस एंजिलिस में एक संवाददाता सम्मेलन में ड्रेक ने कहा कि वह करीब दस साल पहले कैलिफोर्निया के लेक ताहो में ट्रम्प से मिली थी। उसे होटल में ट्रम्प के कमरे में बुलाया गया जिसके बाद वह अपनी कुछ मित्रों के साथ वहां गई। 42 वर्षीय ड्रेक का आरोप है कि ट्रम्प ने उसे और उसकी दो अन्य मित्रों को (जो ट्रम्प के लिए अजनबी थीं) पकड़ लिया और उनकी अनुमति के बिना उनका चुंबन लिया। इसके बाद ड्रेक को कमरे में आने के लिए 10,000 डॉलर की पेशकश की गई। उसका आरोप है कि बाद में एक अज्ञात व्यक्ति ने ट्रम्प की ओर से उसे फोन कर फिर से कमरे में आने को कहा लेकिन इस बार उसे अकेले बुलाया गया। ड्रेक ने इंकार कर दिया। ट्रम्प का वर्ष 2005 का वीडियो लीक होने के बाद से अब तक 11 महिलाएं उन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा चुकी हैं। वीडियो में ट्रम्प महिलाओं के बारे में भद्दी टिप्पणियां करते देखे गए जिसके बाद आलोचनाओं में घिरे रिपब्लिकन उम्मीदवार ने माफी मांगी थी।

काहिरा: मिस्र की एक अदालत ने 2012 में प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भड़काने के जुर्म में मोहम्मद मुर्सी को सुनाई गई 20 साल जेल की सजा की आज पुष्टि की। पूर्व राष्ट्रपति मुर्सी के खिलाफ किसी मुकदमे में यह पहला अंतिम फैसला है। आठ अन्य आरोपियों को इस मामले में 20 साल तक की जेल की सजा सुनाई गई। उनकी अपीलें भी खारिज कर दी गईं। अप्रैल 2015 में काहिरा की एक अदालत ने दिसंबर 2012 में इत्तिहादिया प्रेजिडेंशियल पैलेस के बाहर धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा भड़काने के जुर्म में मुर्सी को 20 साल जेल की सजा सुनाई थी। उस वक्त मुर्सी सत्ता में थे। तत्कालीन विपक्षी प्रदर्शनकारी मुर्सी के एक आदेश का शांतिपूर्ण विरोध करने के लिए पैलेस के सामने जमा हुए थे। आदेश में मुर्सी ने कहा था कि राष्ट्रपति न्यायिक निगरानी के दायरे से बाहर रहेगा। पैलेस के बाहर झड़प हो गई थी और 33 साल के एक पत्रकार सहित 10 लोग मारे गए थे। मुर्सी और अन्य आरोपियों पर प्रदर्शनकारियों को मारने, हथियार रखने और हिंसा भड़काने के लिए मुकदमा चलाया गया था। मुर्सी के पूर्व सैन्य उप-प्रमुख असद अल-शिखा, राष्ट्रपति कार्यालय के पूर्व प्रमुख अहमद अब्दुल अट्टी, मुस्लिम ब्रदरहुड के अग्रणी सदस्य मोहम्मद अल-बेलतागी, इस्लामी उपदेशक वागडी गॉनिम और अब प्रतिबंधित कर दिए गए मुस्लिम ब्रदरहुड की जस्टिस एंड फ्रीडम पार्टी के उप-प्रमुख ऐसाम अल-एरियन भी आरोपियों में शामिल थे ।

लाहौर: पाकिस्तान की एक अदालत ने देश के पूर्व राष्ट्रपति और विपक्षी दल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी की ‘सेना-विरोधी’ टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी। लाहौर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सैयद मंसूर अली शाह ने याचिका को अभियोजन के लिए अस्वीकार्य बताते हुए खारिज कर दिया। वकील आफताब विर्क ने याचिका दायर कर कहा था कि जरदारी में जून 2015 में अपने भाषण में सेना के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया था। उन्होंने कहा है कि उस दौरान सेना जर्ब-ए-अज्ब अभियान में व्यस्त थी और ऐसे वक्त में उसके खिलाफ बयान सही नहीं था। विर्क ने कहा, ‘जरदारी ने सेना पर निशाना साध कर और उसकी छवि धूमिल करके देशद्रोह किया है।’ उन्होंने अदालत से संविधान के अनुच्छेद छह के तहत जरदारी के खिलाफ मुकदमा चलाने का अनुरोध किया। मुख्य न्यायाधीश याचिका दायर करने वाले की ओर से उसे स्वीकार करने के संबंध में दलीलें सुन रहे थे। जरदारी ने पिछले वर्ष ‘अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाने’ के लिए सेना की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था, ‘सेना प्रमुख प्रत्येक तीन वर्ष में आते-जाते रहते हैं, लेकिन राजनीतिक नेतृत्व यहां ठहरने वाला है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख