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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

वाशिंगटन: अमेरिका में नए चुनावी सर्वेक्षणों में व्हाइट हाउस की दौड़ में शामिल प्रतिद्वंद्वियों को लेकर मिश्रित संकेत मिले हैं। नए चुनावी सर्वेक्षणों में से एक में हिलेरी क्लिंटन और उनके प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप के बीच महज एक अंक का अंतर दिखाया गया है जबकि दूसरे सर्वेक्षण में डेमाकेट्रिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी को उनके रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी ट्रंप पर 14 अंकों की बढ़त दिखाई गई है। वर्ष 2012 के राष्ट्रपति पद के चुनाव में सबसे सटीक पूर्वानुमान जताने वाले आईबीडी-टीआईपीपी के चुनावी सर्वेक्षण के मुताबिक ट्रंप (41.2 प्रतिशत) अपनी प्रतिद्वंद्वी हिलेरी (41.8 प्रतिशत) से महज 0.6 अंकों से पीछे हैं। दूसरी ओर नए एपी-जीएफके चुनावी सर्वेक्षण में हिलेरी को 14 प्रतिशत अंकों की बढ़त बताई गई है। हिलेरी के पक्ष में 51 प्रतिशत संभावित मतदाता हैं जबकि ट्रंप के पक्ष में 37 प्रतिशत लोग हैं। यह सर्वेक्षण 1,546 वयस्कों के बीच कराया गया था जिसमें 1,212 संभावित मतदाता थे। सभी प्रमुख राष्ट्रीय चुनावी सर्वेक्षणों में हिलेरी को सर्वाधिक बढ़त इसी सर्वेक्षण में दिखाई गई है। फॉक्स न्यूज के ताजा चुनावी सर्वेक्षण में बताया कि अमेरिका में आठ नवंबर को होने वाले चुनाव में अब दो हफ्तों से भी कम का समय शेष है और हिलेरी (44 प्रतिशत) ट्रंप (41 प्रतिशत) पर तीन अंकों की बढ़त बनाए हुए हैं।

न्यूयार्क: हार्वर्ड के चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में कहा गया है कि अमेरिका के युवा देश के राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन का जबरदस्त समर्थन कर रहे हैं लेकिन उनमें से अधिकतर का कहना है कि वे देश के भविष्य को लेकर ‘भयभीत’ हैं और आशावान महसूस नहीं करते। हार्वर्ड इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स ने सर्वेक्षण में प्रतिष्ठित जॉन केनेडी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट में अमेरिका के 18 से 29 आयु वर्ग के युवाओं को शामिल किया। सर्वेक्षण में पाया गया कि युवाओं के बीच समर्थन के मामले में हिलेरी डोनाल्ड ट्रंप से 28 प्रतिशत मतों से आगे है। चार उम्मीदवारों के बीच मुकाबले को ध्यान में रखकर कराए गए सर्वेक्षण में हिलेरी को संभावित युवा मतदाताओं का 49 प्रतिशत समर्थन मिला जबकि ट्रंप को 21 प्रतिशत समर्थन मिला। केवल हिलेरी और ट्रंप के बीच मुकाबले को ध्यान में रखकर कराए गए सर्वेक्षण में हिलेरी को 59 और ट्रंप को 25 प्रतिशत समर्थन मिला। चुनाव सर्वेक्षण यह भी दर्शाता है कि 18 से 29 वर्ष की आयु के अधिकतर युवा अमेरिका के भविष्य को लेकर डरे हुए है और 51 प्रतिशत युवा अमेरिकियों का कहना है कि वे ‘भयभीत’ महसूस करते हैं और केवल 20 प्रतिशत युवा ‘आशावान’ हैं।

वाशिंगटन: साउथ कैरोलिना की भारतीय-अमेरिकी गवर्नर निक्की हेली ने कहा है कि इस साल का अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव काफी जटिलता वाला है क्योंकि राष्ट्रपति के लिए दोनों विकल्पों में से किसी भी विकल्प से वह खुश नहीं हैं। लेकिन, फिर भी वह रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को अपना वोट देना चाहती हैं। हेली (44) ने कहा, ‘इस चुनाव ने मेरे लिए जटिलता पैदा कर दी है। यह दोनों दलों के लिए शर्मनाक है। यह देश के हक में नहीं है, लेकिन ऐसा हुआ है। उन्होंने कहा, ‘व्यक्तित्व पर मेरे लिए कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि मैं दोनों में से किसी की भी प्रशंसक नहीं हूं।’ हेली ने कहा कि हालांकि वह ट्रंप से कई मुद्दों पर असहमत हैं, फिर भी उन्हें वोट देंगी। उन्होंने कहा कि वह चुनाव में हेराफेरी की आशंका होने संबंधी ट्रंप की टिप्पणी को ‘गैरजिम्मेदाराना’ मानती हैं।

 

मुजफ्फराबाद: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में फिर पाकिस्तान के खिलाफ नारे लगे। पीओके में प्रदर्शनकारियों ने पाक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। गुरुवार को प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान के खिलाफ आजादी के नारे लगाए और पाकिस्तानी फौज को वहां से हटाने की मांग की। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर डंडे बरसाए। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि हम आजादी चाहते हैं। पाकिस्तान को यहां से अपनी फौज हटानी चाहिए। हम इसे और बर्दाश्त नहीं कर सकते। गौरतलब है कि इससे पहले 30 सितंबर को यहां के लोग भारत के समर्थन में खड़े हुए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत के लिए बढ़ते समर्थन को पाकिस्तान दबाने की कोशिश कर रहा है। 14 अगस्त को गिलगित और बलूचिस्तान में पाकिस्तान सरकार और सेना का विरोध हुआ था। हजारों युवाओं ने प्रदर्शन किए थे और पाक सेना के लिए गो बैक के नारे लगाए थे। इस दौरान 500 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया था। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि पाकिस्तान अपने आप को तो संभाल नहीं पाता। नवाज शरीफ दुनिया के जिस कोने में जाते हैं, राहिल शरीफ का साया उनके साथ होता है। गौरतलब है कि बलूचिस्तान और पीओके में लोग पाक सेना की बर्बरता से परेशान हैं।

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