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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

इस्लामाबाद: प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आज कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच ‘मुख्य मुद्दा’ कश्मीर है और इसके समाधान से क्षेत्र में स्थायी शांति सुनिश्चित होगी। शरीफ ने ब्रिटेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) सर मार्क ल्याल ग्रांट को बताया, ‘भारत सरकार की प्रतिबद्धताओं के मुताबिक कश्मीर मुद्दे का समाधान संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुसार किया जाना चाहिए।’ ग्रांट ने आज प्रधानमंत्री आवास में शरीफ से मुलाकात की। अधिकारियों ने बताया कि शरीफ ने कहा कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच का ‘मुख्य मुद्दा है और इसके समाधान से क्षेत्र में स्थायी शांति सुनिश्चित हो सकेगी। उन्होंने विश्व समुदाय से वहां मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन को संज्ञान में लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘विश्व समुदाय को कश्मीर में मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन और अत्याचारों पर ध्यान देना चाहिए।’ शरीफ ने दावा किया कि पिछले कुछ महीनों में ही कश्मीर में सौ से अधिक लोगों की हत्या कर दी गयी, पैलेट गन के इस्तेमाल से सैकड़ों लोगों की आंखें चली गयीं और हजारों लोग घायल हुए। अधिकारियों ने बताया कि शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान अमनपसंद देश है और उसका लक्ष्य अपने पड़ोसियों के साथ मित्रवत रिश्ते रखने का है। उन्होंने दावा किया कि ग्रांट ने सौहार्दपूर्ण संबंधों की स्थापना के लिए पड़ोसी देशों से संपर्क की शरीफ की नीति की सराहना की। ब्रिटिश एनएसए ने सेना मुख्यालय में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ से भी मुलाकात की।

क्लीवलैंड: क्लीवलैंड में रह रहे कई भारतीय अमेरिकी इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि आठ नवंबर को होने जा रहे अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव में किसके लिए मतदान किया जाए। बहरहाल, इनमें से कई का झुकाव डेमोक्रेटिक पार्टी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन की ओर है और उनका कहना है कि महिलाओं और आव्रजन के लिए डोनाल्ड ट्रम्प के बयानों से उन्हें डर लगता है। अर्थव्यवस्था की समीक्षा, आतंकवाद और आव्रजन जैसे मुद्दे उनके दिल के करीब हैं और इन मुद्दों पर वह रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प को करीब पाते हैं। डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन के लिए मतदान कर वे ओबामा प्रशासन को चार साल और नहीं देना चाहते। बहरहाल, महिलाओं के बारे में ट्रम्प के हालिया बयानों ने उन्हें डरा दिया है और उनका मानना है कि यह तानाशाह की प्रवृत्तियों को बढ़ावा देता है। भारतीय अमेरिकी समुदाय का अहम चेहरा रहे सतीश पारिख ने कहा, ‘इस देश को चलाने के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवार के पास मूल्य और चरित्र नहीं हैं।’ पारिख यहां तीन दशक से भी अधिक समय से रह रहे हैं। चुनावी चक्र के शुरुआती चरण में वह खुद को ट्रम्प की नीतियों के करीब पाते थे ‘लेकिन दूसरी बहस में हिलेरी को जेल पहुंचाने की धमकी देने और तीसरी बहस में चुनाव परिणामों को अस्वीकार करने की बात कहने के बाद मेरा ट्रम्प के प्रति झुकाव नहीं रहा। यहां तीन दशक से अधिक समय से रहे ऐसे ही एक कारोबारी धवल चौकसी ने कहा, ‘कई चीजें अनिश्चितता की स्थिति में हैं। इस वक्त मैं उलझन में हूं लेकिन निश्चित तौर पर मैं ट्रम्प के लिए मतदान नहीं करने जा रहा हूं। हमलोग ट्रम्प के खिलाफ मतदान करेंगे, लेकिन हिलेरी के लिए भी मतदान नहीं करेंगे।

अलेप्पो: सीरियाई शहर अलेप्पो में सरकार समर्थक रूस द्वारा घोषित तीन दिवसीय संघषर्विराम समाप्त होने के बाद एक बार फिर झड़पों, गोलीबारी तथा हवाई हमलों का सिलसिला शुरू हो गया और तीन नागरिकों की जान चली गई। अलेप्पो में एक पक्षीय संघषर्विराम कल समाप्त हो गया और इसकी अवधि को आगे बढ़ाने की संयुक्त राष्ट्र की अपील बेअसर रही। विश्व निकाय को उम्मीद थी कि तीन माह से सरकारी बलों की गोलीबारी के शिकार और विद्रोहियों की पकड़ वाले पूर्वी अलेप्पो से घायल नागरिकों को बाहर निकाल लिया जाएगा और उन तक राहत भी पहुंचाई जाएगी। सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने बताया कि हमलों और गोलाबारी में एक बार फिर पूर्वी जिले में तबाही मची और सरकारी बलों के नियंत्रण वाले पश्चिमी हिस्से की सीमा पर देर रात तक संघर्ष का सिलसिला जारी रहा। ब्रिटेन स्थित ऑब्जर्वेटरी का कहना है कि एक महिला और एक बच्चे सहित कम से कम तीन नागरिक रॉकेट हमलों में मारे गए। यह रॉकेट हमले विद्रोहियों की पकड़ वाले इलाके को लक्ष्य बनाकर किए गए थे। ऑब्जर्वेटरी ने यह भी कहा कि हमलों में कई लोग घायल हुए हैं इसलिए मृतक संख्या बढ़ सकती है। शहर के पूर्वी इलाकों को फिर से अपने नियंत्रण में लेने के लिए रूस के समर्थन से सीरियाई सेना के अभियान में अस्थायी रूकावट की मास्को की घोषणा के बाद से ऑब्जर्वेटरी ने कल पहले हवाई हमले की खबर दी। संघषर्विराम इस इरादे से किया गया था कि पूर्वी हिस्से से नागरिकों और विद्रोहियों को जाने दिया जाए।

क्लीवलैंड: अमेरिकी राष्ट्रपति पद की डेमोक्रेट उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन ने रविवार को कहा है कि अपने रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणियों का अब वे जवाब नहीं देना चाहती हैं और ऐसा इसलिए क्योंकि वे उनके साथ पर्याप्त बहस कर चुकी हैं। हिलेरी ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने उनके साथ साढ़े चार घंटे तक बहस की है। अब मैं उन्हें जवाब देने के बारे में सोच भी नहीं रही।’ उन्होंने कहा, ‘इसलिए वे जो कहना चाहते हैं कहते रहें। अपने प्रचार अभियान को वह जैसे चलाना चाहते हैं, चलाएं। हम बीते 17 दिन से यात्राएं कर रहे हैं और अब हम डेमोक्रेट उम्मीदवारों को चुनने के महत्व पर जोर देंगे।’ हिलेरी ने दावा किया कि राष्ट्रपति पद की तीसरी बहस उन्होंने जीती थी। पीट्सबर्ग में उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने डोनाल्ड के साथ मंच पर साढ़े चार घंटे तक बहस की और एक बार फिर साबित कर दिया कि मुझमें राष्ट्रपति और कमांडर इन चीफ बनने का माद्दा है।’

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