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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए हो रहे कांटे की टक्कर वाले चुनावी मुकाबले में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन अपने रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप से पांच प्रतिशत अंक आगे चल रही हैं। चुनाव पूर्व एक ताजा सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। सीएनएन-ओआरसी द्वारा जारी ताजा सर्वेक्षण के परिणाम के अनुसार, हिलेरी को ट्रंप के 44 प्रतिशत के मुकाबले 49 प्रतिशत लोगों का समर्थन मिलने की उम्मीद है। सीएनएन ने इसे व्हाइट हाउस के लिए बेहद कड़ा मुकाबला करार दिया। लिबरटेरियन के गैरी जॉनसन और ग्रीन पार्टी के जिल स्टीन को क्रमश: तीन और दो प्रतिशत समर्थन मिलने की संभावना है। सभी बड़े राष्ट्रीय चुनावों पर नजर रखने वाले रियलक्लीयरपॉलिटिक्स के अनुसार 70 वर्षीय ट्रंप 68 वर्षीय हिलेरी से 5.5 प्रतिशत अंक पीछे चल रहे हैं। हिलेरी को 45 वर्ष से कम आयु वर्ग के 53 फीसदी मतदाताओं का समर्थन हासिल है जबकि सीएनएन-ओआरसी के पूर्ववर्ती सर्वेक्षण में उन्हें इस आयुवर्ग के 47 प्रतिशत लोगों का समर्थन प्राप्त था। सीएनएन ने कहा कि जिस एकमात्र समूह में हिलेरी ट्रंप से पीछे हैं वह 50 वर्ष से 64 वर्ष तक का आयुवर्ग है। इस वर्ग में हिलेरी ट्रंप से चार अंक पीछे हैं।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान सरकार ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर समेत 5100 संदिग्ध आतंकियों का बैंक खाता जब्त किया है। इन खातों में 40 करोड़ से अधिक पाकिस्तानी रुपये जमा होने का अनुमान है। आतंकी मसूद अजहर पठानकोट एयरबेस पर हमले के बाद पाकिस्तानी सेना की सुरक्षात्मक निगरानी में है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय से आदेश मिलने के बाद मसूद अजहर समेत सभी संदिग्ध आतंकियों का बैंक खाता जब्त किया गया है। अधिकारी ने बताया कि उन्हें गृह मंत्रालय की तरफ से संदिग्ध आतंकियों की तीन सूचियां सौंपी गई जिसमें कुछ प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के हजारों आतंकियों का नाम है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने पाकिस्तान के आतंकरोधी अधिनियम 1997 के तहत सुचीबद्ध ए श्रेणी के 1200 आतंकियों का खाता जब्त किया है। इसी श्रेणी में आतंकी मसूद अजहर का नाम भी दर्ज था। पाकिस्तान के नेशनल काउंटरटेररिज्म ऑथरिटी ने पुष्टि की है कि पांच हजार से अधिक आतंकियों के खाते सील किए गए हैं।

 

क्वेटा: पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रान्त के क्वेटा शहर में पुलिस ट्रेनिंग सेंटर पर हुए आतंकी हमले में 60 कैडेट्स की मौत हो गई और 100 से अधिक घायल हो गए हैं। घायलों में आर्मी का कप्तान भी शामिल है। पाक अधिकारियों के अनुसार यह हमला सोमवार रात तकरीबन नौ बजकर 30 मिनट पर हुआ। उन्होंने कहा कि हमले के दौरान लगभग 500 कैडेट सेंटर में थे, जिनमें से 200 कैडेटों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। अभी तक किसी आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन इसके पीछे लश्कर-ए-झांगवी के होने का शक है। बलूचिस्तान के गृहमंत्री मीर सरफराज बुगटी ने बताया कि सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई में तीन आतंकवादियों को मार गिराया है और 200 पुलिस जवानों को छुड़ा लिया है। उन्होंने बताया कि पांच या छह आतंकवादी पुलिस ट्र्रेंनिग सेंटर की डोरमेट्री में घुस गए थे। पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक आतंकी हमले की जवाबी कार्रवाई में चार घंटे तक चले ऑपरेशन में पुलिस, फ्रंटियर कॉप्र्स और आतंक विरोधी दस्ते के अधिकारी शामिल हुए। बुगटी ने बताया कि ये आतंकी आत्मघाती हमलावर थे जिनमें से दो ने खुद को उड़ा लिया जबकि एक को गोली मार दी गई। वहीं आईजी एफसी मेजर जनरल शेर अफगान ने बताया कि हमलावरों का संबंध प्रतिबंधित लश्कर-ए-झांगवी से था। उन्होंने कहा कि हमलावरों को अफगानिस्तान से दिशा-निर्देश मिल रहे थे। शेर अफगान ने कहा कि घायलों को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है और डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं।

बैरिंग्टन: योग, व्यायाम और अन्य शारीरिक गतिविधियों के लिहाज से आरामदायक पैंट (योग पैंट) पहनकर सैकड़ों महिलाओं और लड़कियों ने इस पोशाक को भद्दा और हास्यास्पद बताने वाले एक व्यक्ति के घर के आसपास शांतिपूर्ण जुलूस निकाला। एलेन सोरेंटिनो ने कहा कि ‘द बैरिंग्टन टाइम्स’ में बुधवार को प्रकाशित उसके ‘संपादक के नाम पत्र’ पर आ रही प्रतिक्रिया ‘विद्वेषपूर्ण’ है और उसको जान से मारने की धमकी मिली है। उसने कहा कि वह पत्र उसने मजाहिया अंदाज में लिखा था। हालांकि आयोजकों का मानना है कि सोरेंटिनो ने अगर मजाक के इरादे से भी पत्र लिखा था, तब भी उनका संदेश स्पष्ट है। इस जुलूस का आयोजन करने वाले जैमी बर्के ने कहा, ‘महिलाएं इस बात से तंग आ चुकी हैं कि उन्हें ऐसे कपड़े पहनने चाहिए जो देखने वालों को अच्छे लगे।’ आयोजकों ने कहा कि कल का ये जुलूस केवल सोरेंटिनो के विरोध में नहीं था वरन स्त्रियों के प्रति द्वेष रखने वालों और उनके पहनावे को लेकर पुरषों के हस्तक्षेप के विरूद्ध एक बड़े आंदोलन का हिस्सा था।

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