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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

वाशिंगटन: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज अपने कैबिनेट के चुने गए कुछ प्रमुख लोगों के नामों का एलान किया जिसमें उन्होंने अपने विश्वस्त सैन्य सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) माइकल फ्लिन को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनसए) तथा कांग्रेस सदस्य माइक पोमपेओ को सीआईए के प्रमुख के तौर पर चुना है। ट्रंप ने एलान किया कि उनका इरादा सीनेटर जेफ सेसंस को एटार्नी जनरल बनाने का है। उन्होंने कहा, ‘अमेरिकी सीनेटर जेफ सेसंस को एटॉर्नी जनरल के तौर पर नामित करना सम्मान की बात है।’ सेसंस का कानून के क्षेत्र में शानदार करियर रहा है। अमेरिकी सीनेट में आने से पहले वह अलबामा के साउदर्न डिस्टिक के लिए अमेरिकी एटॉर्नी और अलबामा के एटॉर्नी जनरल रह चुके हैं। एनएसए चुने गए फ्लिन ने अफगानिस्तान और इराक में आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करने में अहम भूमिका निभाई थी। ट्रंप ने कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं कि जब हम कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद को पराजित करने, भूराजनीतिक चुनौतियों से निपटने और देश एवं विदेश में अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा के लिए काम करेंगे तो लेफ्टिनेट जनरल माइकल फ्लिन मेरे साथ होंगे।’ स्पष्ट वक्ता और अपने काम में माहिर खुफिया पेशेवर 56 वर्षीय फ्लिन उन आला सैन्य अधिकारियों में से एक हैं जिन्होंने ट्रंप का समर्थन किया था और बीते एक साल से भी ज्यादा समय से वह उनके सबसे करीबी सैन्य सलाहकार के तौर पर काम कर रहे हैं।

इस्लामाबाद: ने परमाणु हथियारों के पहले इस्तेमाल नहीं करने की भारत की नीति को ‘अस्पष्ट’ करार देते हुए कहा कि यह प्रमाणित किये जाने योग्य हथियार नियंत्रण और संयम के उपाय का विकल्प नहीं हो सकता। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर द्वारा इस सिद्धांत पर सवाल उठाये जाने के बाद पाकिस्तान का यह रख सामने आया। पाकिस्तानी विदेश कार्यालय (एफओ) के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने अपने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘पाकिस्तान का मानना है कि ‘पहले उपयोग नहीं करने की’ अस्पष्ट नीति प्रमाणित किये जाने योग्य नहीं है और इसका कोई मतलब नहीं है। यह सामरिक संयम व्यवस्था के पाकिस्तान के प्रस्ताव के अनुसार प्रमाणित किये जाने योग्य हथियार नियंत्रण और संयम के उपाय का विकल्प नहीं हो सकता।’ वह पर्रिकर के हालिया बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें उन्होंने पूछा था कि ‘पहले इस्तेमाल नहीं करने की नीति’ की पुष्टि के स्थान पर भारत यह क्यों नहीं कह सकता है कि ‘हम जवाबदेह परमाणु शक्ति हैं और गैर-जिम्मेदाराना तरीके से इसका इस्तेमाल नहीं करेंगे।’ उन्होंने बाद में इस बयान को निजी बताया था। जकारिया ने कहा कि किसी देश के रक्षा मंत्री का यह बयान और लगातार तनाव बढ़ाना एवं आक्रामक रख रखना सभी के लिए चिंता की बात है। भारत-जापान परमाणु समझौते का नाम लिये बगैर उन्होंने कहा कि कुछ देशों के साथ परमाणु समझौता चिंता की बात है क्योंकि भारत क्षेत्र में और उससे इतर अक्खड़पन और आक्रामक नीति दिखलाता है।

न्यूयॉर्क: डोनाल्ड ट्रम्प की सरकार में विदेश मंत्री अथवा वाणिज्य मंत्री के तौर पर शामिल किए जाने की अटकल के बीच दक्षिणी कैरोलिना प्रांत की भारतीय मूल की गवर्नर निक्की हेली ने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति से मुलाकात की और नए प्रशासन को लेकर ‘अच्छी’ बातचीत की। निक्की के प्रवक्ता रॉब गॉडफ्रे ने कहा, ‘गवर्नर निक्की हेली ने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात की। दोनों ने अच्छी बातचीत की और वह नए प्रशासन में शामिल होने को लेकर बहुत उत्साहित हैं।’ इस मुलाकात का पूरा ब्यौरा नहीं मिल पाया है, हालांकि दक्षिणी कैरोलिना के अखबार ‘द स्टेट’ ने आज खबर दी कि कल न्यूयॉर्क के ट्रंप टावर में निक्की और ट्रंप के बीच मुलाकात हुई। रिपब्लिकन पार्टी का उभरता सितारा मानी जा रही 44 वर्षीय निक्की ने रिपब्लिकन प्राइमरी चुनाव में सीनेटर मार्को रबियो को समर्थन दिया था लेकिन निक्की आम चुनाव से पहले ट्रंप के समर्थन में आगे आई थीं और उन्होंने कहा था कि वह न्यूयार्क के अरबपति कारोबारी को वोट देंगी। भारतीय प्रवासियों की बेटी निक्की को यदि मंत्री पद के लिए चुना जाता है तो वह ट्रंप के कैबिनेट में नस्ली एवं लैंगिक विविधता दोनों लेकर आएंगी। निक्की का नाम ट्रंप कैबिनेट में शामिल होने की संभावितों की सूची में आया है।

संयुक्त राष्ट्र: भारत ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र को आतंकी समूहों तक सही संदेश पहुंचाने के लिए और प्रयास करने चाहिए क्योंकि कुछ आतंकी समूहों पर असंगत प्रतिबंध लागू करने से संयुक्त राष्ट्र के प्राधिकार पर सवालिया निशान लग रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र में भारतीय दूत सैयद अकबरूद्दीन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में कहा, ‘सही संदेश पहुंचाने के लिए संयुक्त राष्ट्र को और प्रयास करने होंगे। कुछ आतंकी समूहों पर अनियमित प्रतिबंध लागू करने से संयुक्त राष्ट्र के प्राधिकार पर प्रश्नचिह्न लग रहे हैं और इस पर ध्यान देने की जरूरत है।’ भारतीय राजनयिक ने कहा, ‘प्रतिबंधित संगठन तालिबान के नेता को आतंकी व्यक्ति घोषित किया जाना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय बिरादरी कार्रवाई का बेसब्री से इंतजार कर रही है।’ इस हफ्ते की शुरूआत में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रतिबंध समिति के प्रतिनिधिमंडल से तालिबान के नए नेता मुल्ला हैबतुल्ला (अखुंदजादा) और ऐसे ही अन्य लोगों को आतंकियों की सूची में शामिल करने की मांग की थी। अकबरूद्दीन ने कहा, ‘जब तक सुरक्षा परिषद और उसके अनुगामी संगठन वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ एकजुट प्रतिक्रिया का हिस्सा नहीं बनेंगे तब तक उन पर सदस्य देशों की मूलभूत प्राथमिकताओं से अलग-थलग होने का खतरा मंडराता रहेगा जिसका ताना-बाना आतंकी पहले ही तार-तार कर चुके हैं।’

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