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अबू धाबी: संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने आज कहा कि सात मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों के अमेरिका में दाखिल होने पर लगी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रोक इस्लाम विरोधी कदम नहीं है। अमीरात के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान ने कहा कि यह कहना गलत होगा कि अमेरिका के नए प्रशासन का फैसला किसी धर्म विशेष के खिलाफ है। उन्होंने अपने रूसी समकक्ष सजेर्ई लावारोव के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, अमेरिका ने एक संप्रभु निर्णय लिया है। यह फैसला दुनिया में बड़े पैमाने पर मुसलमानों पर लागू नहीं होता है। यूएई के विदेश मंत्री ने कहा कि प्रतिबंधित सूची में शामिल कुछ देशों में सुरक्षा के मोचेर् पर ढांचागत चुनौतियां हैं जिनसे उनको उबरना है। ट्रंप के विवादित कार्यकारी आदेश के अनुसार ईरान, इराक, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन के लोगों के अमेरिका में दाखिल होनेे पर रोक रहेगी।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज कहा कि सात मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों को अमेरिका की यात्रा से रोकने के उनके फैसले का मकसद बुरे लोगों को अमेरिका से बाहर रखना है।

वाशिंगटन: एक्सॉन मोबिल के पूर्व अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी रेक्स टिलरसन के नाम की सीनेट की ओर से पुष्टि होने के बाद उन्होंने अमेरिका के विदेश मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस के ओवल कार्यालय में शपथ ग्रहण समारोह में कहा कि आपको पश्चिम एशिया और विश्वभर में कई चुनौतियां विरासत में मिली हैं, लेकिन मेरा मानना है कि हम इस अत्यंत संकटग्रस्त समय में शांति एवं स्थिरता हासिल कर सकते हैं। सीनेट में 64 वर्षीय टिलरसन के नाम की पुष्टि 43 के मुकाबले 56 मतों से की गई। उन्हें उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने पद की शपथ ग्रहण कराई। अमेरिका के शीर्ष राजनयिक के रूप में उनके नाम की पुष्टि का व्हाइट एवं रिपब्लिकन पार्टी ने स्वागत किया लेकिन सीनेट में डेमोक्रेटिक सांसदों ने रूस एवं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उनके संबंधों का जिक्र करते हुए उनके नाम का विरोध किया। इस समारोह में ट्रंप ने टिलरसन के ‘राजनयिक कौशल’ के लिए उनकी प्रशंसा की और कहा कि अब समय आ गया है, जब ‘विदेशी मामलों पर स्पष्ट नजरिए से ध्यान दिया जाए, दुनिया में हमारे आस पास नए सिरे से नजर डाली जाए और नए समाधान खोजे जाएं।

वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि सात मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों को अमेरिका की यात्रा से रोकने के उनके फैसले का मकसद ‘बुरे लोगों’ को अमेरिका से बाहर रखना है। ट्रंप ने ट्वीट किया, ‘हर कोई दलील दे रहा है कि यह प्रतिबंध है या नहीं। आप जो चाहते हैं वो कहिए, लेकिन यह बुरे लोगो को अमेरिका से बाहर रखने के लिए किया गया है।’ इससे पहले व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने इस बात को खारिज कर दिया कि ट्रंप ने प्रतिबंध लगाया है। वैसे, ट्रंप और स्पाइसर दोनों ने हाल ही में जारी कार्यकारी आदेश को प्रतिबंध बताया था। ट्रंप के विवादित कार्यकारी आदेश के अनुसार ईरान, इराक, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन के लोगों के अमेरिका में दाखिल होने पर रोक रहेगी। दूसरी तरफ संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अमेरिका की ओर से सात मुस्लिम-बहुल देशों से यात्रियों के अमेरिका में दाखिल होने पर लगाई गई पाबंदी हटाने की अपील करते हुए कहा कि ऐसे कदमों से आतंकवादियों के अमेरिका में घुसने पर रोक नहीं लगाई जा सकेगी।

तेहरान: ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी ने ट्रंप प्रशासन की ओर से सात मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों के लिए आव्रजन एवं वीजा प्रक्रिया को निलंबित करने का कार्यकारी आदेश जारी किए जाने को लेकर अमेरिका पर निशाना साधते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को राजनीति में आया नया व्यक्ति (न्यूकमर) करार दिया है। रूहानी ने कहा, ‘एक अलग दुनिया में रहने वाले व्यक्ति ने अब सियासत की दुनिया में कदम रखा है।’ उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप सिर्फ अपने देश को नहीं, बल्कि अन्य देशों को भी नुकसान पहुंचाएंगे। अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने जिन सात मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों के अमेरिका आने से रोकने का फैसला किया है उनमें ईरान भी शामिल है।

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