वॉशिंगटन: अमेरिकी संसद की प्रतिनिधि सभा में एच1बी वीजा से संबंधित एक नया विधेयक पेश किया गया है। इसके तहत न्यूनतम 1,30,000 डॉलर वेतन वाली नौकरियों के लिए ही ऐसा वीजा दिया जा सकता है। यह मौजूदा न्यूनतम वेतन स्तर के दो गुना से भी ज्यादा है और इसके लागू होने पर अमेरिकी कंपनियों के लिए अमेरिका में भारत सहित विदेशी कर्मचारियों को नौकरी देना मुश्किल हो जाएगा। यह पहल डोनाल्ड ट्रंप सरकार की अमेरिकियों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने की पहल का हिस्सा है। कैलिफोर्निया के सांसद जोए लोफग्रेन ने हाई-स्किल्ड इंटग्रिटी एंड फेयरनेस एक्ट-2017 (उच्च कुशल निष्ठा एवं निष्पक्षता अधिनियम-2017) नाम से यह विधेयक पेश किया। इसमें उन कंपनियों को वीजा देने में प्राथमिकता देने का प्रस्ताव है जो बाजार औसत का दो गुना वेतन देने को तैयार हों। इसमें न्यूनतम भुगतान की श्रेणी को खत्म करने और एच1बी वीजा पर आने वालों के लिए वेतन का स्तर बढ़ाने का प्रावधान है। इसमें एच1बी वीजा का इस्तेमाल करने वाली कंपनियों के लिए ‘स्थानीय नौकरी का प्रतिस्थापन नहीं होने’ के प्रमाण पत्र से छूट के लिए शर्त है कि ऐसे वीजा पर बुलाए जाने वाले कर्मचारी को 1,30,000 डॉलर से अधिक के वतन पर नहीं बुलाया जाएगा। यह 1989 में स्थापित एच1बी वीजा के तहत वर्तमान न्यूनतम वेतन 60,000 डॉलर के वेतन स्तर के दुगने से भी ज्यादा है। लोफग्रेन ने कहा, ‘मेरा विधेयक एच1बी वीजा की दुनियाभर से सर्वश्रेष्ठ और उदीयमान को चुनने की मूल मंशा पर फिर से ध्यान केंद्रित करता है।
साथ ही अमेरिका के कार्यबल में उच्च दक्षता, योग्यता, उच्च वेतनमान और उच्च कुशलता से परिपूर्ण कर्मचारियों को जोड़ें जो अमेरिका में नौकरियां पैदा करने में मदद करें ना कि उन्हें नौकरियों से विस्थापित करे।’ लोफग्रेन ने कहा, ‘यह एक बाजार आधारित समाधान देगा जिसमें उन कंपनियों को प्राथमिकता दी जाएगी जो ज्यादा वेतन देने को तैयार होंगी। इससे अमेरिकी नियोक्ताओं की योग्य लोगों तक पहुंच सुनिश्चित होगी। इससे स्थानी कंपनियों को कर्मचारियों को बहार से मंगवाने और अमेरिका में वेतन को रखने के प्रोत्साहन को समाप्त किया जा सकेगा।’ इससे पहले कल कुछ समाचार पत्रों ने वीजा नियमों में सुधार वाले ट्रंप सरकार के कार्यकारी आदेश का मसौदा छापा था जो लीक हो गया था। इस आदेश का लक्ष्य रोजगार वीजा के नियमों को कड़ा बनाना है और यह अमेरिकी नयी सरकार के आव्रजन व्यवस्था में सुधार की व्यापक योजना का हिस्सा है। माना जा रहा है कि ट्रंप सरकार के इस कदम से न केवल एच1बी और एल1वीजा पर शिकंजा कसेगा बल्कि इससे इंस्पेक्टर राज को बढ़ावा मिलेगा। इससे संबंधित राष्ट्रपति के कार्यकारी आदेश के मसौदे के अनुसार नयी व्यवस्था में एच1बी वीजा पर आने वाले व्यक्तियों के जीवनसाथी के लिए अमेरिका में काम करने की अनुमति भी खत्म हो जाएगी। जीवनसाथी को काम करने का अधिकार देने वाले वीजा की शुरुआत बराक ओबामा की सरकार ने हाल ही में ही की थी। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने अपनी दैनिक प्रेसवार्ता में कहा, ‘मेरे हिसाब से जहां तक एच1बी और अन्य वीजा की बात है यह व्यापक आव्रजन सुधारों का हिस्सा है। राष्ट्रपति अपने कार्यकारी आदेशों के माध्यम और कांग्रेस के साथ काम करते हुए इनके बारे में बात करना जारी रखेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘आप आव्रजन को लेकर उठाए गए कई कदम पहले ही देख चुके हैं और मेरा मानना है जहां तक जीवनसाथी को काम करने के अधिकार वाले वीजा या अन्य प्रकार के वीजा की बात है सभी तरह के कार्यक्रमों पर संपूर्ण पुनर्विचार करने की जरूरत है। आपको कार्यकारी गतिविधियों और अन्य समग्र कदमों के माध्यम से आव्रजन और संपूर्ण वीजा कार्यक्रमों से जुड़े मसलों का समाधान दिखाई देगा।’